नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक दाखिले की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही है. छात्र संघ चुनाव के लिए 19 सितंबर को नामांकन होना है. ऐसे में चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे प्रत्याशियों के लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि चुनाव लड़ने के लिए क्या-क्या नियम है? प्रत्याशी को किन-किन नियमों का पालन होता है?
इसके अलावा डूसू चुनाव के लिए गत समिति ने चुनाव आचार संहिता प्रत्याशियों के लिए एफिडेविट और लिंगदोह कमेटी की सिफारिश हैं. एफिडेविट का परफॉर्मेंस सहित सभी आवश्यक जानकारी भी दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डूसू के नाम से दिए हुए ऑप्शन में साझा की है.
डूसू चुनाव के लिए गठित समिति की ओर से एक एफिडेविट का फॉर्मेट भी वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. उसमें बताया गया है कि डूसू चुनाव लड़ने के इच्छुक छात्र-छात्रा को 10 रुपए के स्टांप पेपर पर अपना एफिडेविट बनवाना होगा. इसके साथ ही सेंट्रल काउंसिल की सदस्यता लेने के लिए छात्र को अपने संबंधित कॉलेज और विभाग से नामांकन फॉर्म भरकर देना होगा.
केंद्रीय पैनल के चारों पदों के लिए नामांकन पत्र डीयू की वेबसाइट से डाउनलोड करने होंगे. 19 सितंबर नामांकन की अंतिम तारीख है. इससे पहले छात्र बॉटनी विभाग के सामने स्थित चीफ इलेक्शन ऑफिसर के कार्यालय में रखे हुए बॉक्स में अपना नामांकन पत्र भरकर डाल सकते हैं.
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए ये हैं नियम:
- डूसू चुनाव में केवल विश्वविद्यालय के संस्थानों में पूर्णकालिक पाठ्यक्रम में नामांकित नियमित छात्र ही शामिल हो सकते हैं.
- चुनाव वर्ष की 16 अगस्त को 17 से 22 वर्ष की आयु के स्नातक छात्र चुनाव लड़ सकते हैं.
- व्यावसायिक कॉलेजों के मामले में इस आयु सीमा में उचित छूट दी जा सकती है, जहां पाठ्यक्रम अक्सर 4 से 5 वर्ष के बीच होते हैं (व्यावसायिक कॉलेजों के लिए ऊपरी आयु सीमा में अधिकतम एक वर्ष की छूट).
- स्नातकोत्तर छात्रों के लिए चुनाव लड़ने की अधिकतम आयु-सीमा चुनाव वर्ष की 16 अगस्त को 25 वर्ष होगी.
- उम्मीदवार के पास चुनाव लड़ने के वर्ष में किसी भी तरह का कोई शैक्षणिक बकाया नहीं होना चाहिए. किसी भी लंबित पेपर को शैक्षणिक बकाया माना जाएगा.
- पिछले शैक्षणिक वर्ष में अनुत्तीर्ण या वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में पुनः प्रवेश पाने वाले उम्मीदवार चुनाव लड़ने के पात्र नहीं होंगे.
- अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित न्यूनतम उपस्थिति प्रतिशत अथवा 75% उपस्थिति, जो भी अधिक हो, प्राप्त करनी होगी.
- उम्मीदवार को पदाधिकारी पद के लिए एक अवसर तथा कार्यकारिणी सदस्य पद के लिए दो अवसर मिलेंगे.
- कोई भी उम्मीदवार एक साथ एक से अधिक पदों के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता.
- प्रति उम्मीदवार अधिकतम स्वीकार्य व्यय 5000/- रुपये होगा.
- प्रत्येक अभ्यर्थी को परिणाम घोषित होने के दो सप्ताह के भीतर कॉलेज/विश्वविद्यालय प्राधिकारियों को पूर्ण एवं लेखापरीक्षित लेखा प्रस्तुत करना होगा.
- उपरोक्त किसी भी नियम/दिशा-निर्देश का पालन न करने अथवा अत्यधिक व्यय की स्थिति में उम्मीदवार का निर्वाचन रद्द कर दिया जाएगा.
चुनाव के लिए आचार संहिता नियम
- कोई भी अभ्यर्थी किसी ऐसी गतिविधि में न तो शामिल होगा और न ही उसे बढ़ावा देगा, जिससे आपसी नफरत पैदा हो सकती है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषाई, या छात्रों के किसी समूह के बीच तनाव पैदा हो सकता है.
- सभी छात्रों को उन सभी गतिविधियों में शामिल होने या उन्हें बढ़ावा देने से प्रतिबंधित किया जाएगा जिन्हें 'भ्रष्ट आचरण' और अपराध माना जाता है. जैसे मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना, मतदाताओं का प्रतिरूपण करना.
- मतदान केन्द्रों से 100 मीटर की दूरी तक प्रचार या दुष्प्रचार का प्रयोग. 24 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक बैठकें आयोजित करना.
- डूसू चुनाव में मतदाताओं को मतदान केन्द्रों तक लाने-ले जाने पर भी प्रतिबंध रहेगा.
- डूसू चुनाव के लिए प्रचार का समय सुबह 08:00 बजे से शाम 08:00 बजे तक.
- प्रत्येक अभ्यर्थी के पास कॉलेज/परिसर में प्रचार करते समय चार से अधिक वास्तविक छात्र नहीं होंगे.
- किसी भी उम्मीदवार को मुद्रित पोस्टर, मुद्रित सामग्री का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- किसी भी उम्मीदवार को प्रचार के लिए मुद्रित पोस्टर, मुद्रित पैम्फलेट या किसी अन्य मुद्रित सामग्री का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- एनजीटी के आदेश (ओए संख्या 402/2015 दिनांक 18 जुलाई, 2016) के अनुसार प्रचार के लिए केवल हस्तनिर्मित पोस्टर का उपयोग कर सकते हैं.
- अभ्यर्थी हस्तनिर्मित पोस्टर का उपयोग परिसर में केवल कुछ निर्दिष्ट स्थानों पर ही कर सकते हैं, जिन्हें कॉलेज/विश्वविद्यालय प्राधिकारी द्वारा पहले से अधिसूचित किया जाएगा.
- कोई भी उम्मीदवार या उसके समर्थक किसी भी उद्देश्य से विश्वविद्यालय/कॉलेज/संस्थान परिसर की किसी भी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे या नष्ट नहीं करेंगे, जिसमें विश्वविद्यालय/कॉलेज/संस्थान की वेबसाइट और फेसबुक पेज भी शामिल है.
- प्रचार के लिए लाउडस्पीकर, वाहन और पशुओं का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा.
- मतदाताओं को छोड़कर, कोई भी व्यक्ति बिना वैध पहचान पत्र/पास/कॉलेज प्राचार्य/विश्वविद्यालय प्राधिकार पत्र के मतदान केन्द्र में प्रवेश नहीं करेगा.
- आचार संहिता के उपरोक्त किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने पर उम्मीदवार को उसकी उम्मीदवारी या उसके निर्वाचित पद से वंचित किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: