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हाथियों का बड़ा दल पहुंचा कांकेर बॉर्डर, ड्रोन में एक दो नहीं बल्कि इतने दंतैल आए नजर - KANKER ELEPHANTS

हर साल सितंबर से नवंबर के बीच हाथियों का दल दुधावा के करीब साईमुंडा के जंगल तक पहुंचता है.

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कांकेर बॉर्डर पर हाथियों का ड्रोन फुटेज (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 12, 2024, 10:47 AM IST

Updated : Nov 12, 2024, 11:55 AM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर में हाथियों का दल देखा गया. वन विभाग के ड्रोन कैमरे में हाथियों का दल देखा गया. सिकासेर दल के हाथी है, जिसके 15 सदस्य बीती रात जिले में प्रवेश किए, लेकिन सुबह तक वापस धमतरी जिले में चले गए. सोमवार को हाथियों का ये दल कांकेर जिले के बॉर्डर पर मौजूद रहा.

कांकेर बॉर्डर पर हाथियों का ड्रोन फुटेज: सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व में 4 दिनों से घूम रहे सिकासेर दल के हाथी शनिवार रात ही कांकेर जिले में दुधावा के करीब साईमुंडा पहुंचे, पर वे यहां से आगे नहीं बढ़े. सूचना मिलते ही विभाग का अमला रात में हाथियों व लोगों की सुरक्षा के लिए इलाके में तैनात हो गया. सोमवार को दिनभर जंगल में आराम करने के बाद रात में 15 हाथी कांकेर जिले के साईमुंडा इलाके में पहुंच गए. हाथी बस्ती के करीब थे, लेकिन बस्ती में नहीं आए. वे जंगल में ही भोजन के लिए पेड़-पौधों को तोड़ फल फूल खाते रहे. सुबह होने तक ये वापस कांकेर जिले के बार्डर से बाहर धमतरी जिले में पहुंच गए, जो कांकेर जिले के बार्डर से महज 3-5 किलोमीटर दूर है.

कांकेर बॉर्डर पर हाथियों का दल (ETV Bharat Chhattisgarh)

हाथियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने बंद की बिजली: डिप्टी रेंजर हरीश कोड़ोपी ने बताया कि हाथियों की सुरक्षा के लिए इलाके में खेत व बस्ती के बाहर के इलाके में बिजली सप्लाई बंद करा दी गई है. हाथी पिछले कुछ सालों से सितंबर-अक्टूबर में साईमुंडा तक आ रहे हैं. आगे पहड़ी इलाका होने के कारण वे यहां से वापस लौट जाते हैं. भोजन की तलाश में इस इलाके में लंबे समय तक घूमते रहते हैं. जिसे देखते वन विभाग का अमला पूरे समय यहां तैनात है.

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कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर में हाथियों का दल देखा गया. वन विभाग के ड्रोन कैमरे में हाथियों का दल देखा गया. सिकासेर दल के हाथी है, जिसके 15 सदस्य बीती रात जिले में प्रवेश किए, लेकिन सुबह तक वापस धमतरी जिले में चले गए. सोमवार को हाथियों का ये दल कांकेर जिले के बॉर्डर पर मौजूद रहा.

कांकेर बॉर्डर पर हाथियों का ड्रोन फुटेज: सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व में 4 दिनों से घूम रहे सिकासेर दल के हाथी शनिवार रात ही कांकेर जिले में दुधावा के करीब साईमुंडा पहुंचे, पर वे यहां से आगे नहीं बढ़े. सूचना मिलते ही विभाग का अमला रात में हाथियों व लोगों की सुरक्षा के लिए इलाके में तैनात हो गया. सोमवार को दिनभर जंगल में आराम करने के बाद रात में 15 हाथी कांकेर जिले के साईमुंडा इलाके में पहुंच गए. हाथी बस्ती के करीब थे, लेकिन बस्ती में नहीं आए. वे जंगल में ही भोजन के लिए पेड़-पौधों को तोड़ फल फूल खाते रहे. सुबह होने तक ये वापस कांकेर जिले के बार्डर से बाहर धमतरी जिले में पहुंच गए, जो कांकेर जिले के बार्डर से महज 3-5 किलोमीटर दूर है.

कांकेर बॉर्डर पर हाथियों का दल (ETV Bharat Chhattisgarh)

हाथियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने बंद की बिजली: डिप्टी रेंजर हरीश कोड़ोपी ने बताया कि हाथियों की सुरक्षा के लिए इलाके में खेत व बस्ती के बाहर के इलाके में बिजली सप्लाई बंद करा दी गई है. हाथी पिछले कुछ सालों से सितंबर-अक्टूबर में साईमुंडा तक आ रहे हैं. आगे पहड़ी इलाका होने के कारण वे यहां से वापस लौट जाते हैं. भोजन की तलाश में इस इलाके में लंबे समय तक घूमते रहते हैं. जिसे देखते वन विभाग का अमला पूरे समय यहां तैनात है.

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Last Updated : Nov 12, 2024, 11:55 AM IST
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