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वनरक्षियों के हड़ताल से हाथियों का बढ़ रहा उत्पात, डीएफओ ने कहा- नजर बनाए हुए हैं - Forest guards strike

Demand of Forest Guards. खूंटी के वन प्रमंडल क्षेत्रों में हाथियों का उत्पात बढ़ता ही जा रहा है. इस पर वन विभाग के डीएफओ दिलीप यादव ने बताया कि यह मामला गंभीर है और राज्य के अधिकारियों को इससे संबंधित जानकारी दे दी गई है.

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हड़ताल पर बैठे वनरक्षी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 17, 2024, 4:41 PM IST

खूंटी: वन विभाग के वनरक्षी अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. वनरक्षियों के हड़ताल पर जाने के बाद से वन प्रमंडल क्षेत्र के तमाड़, रनिया, तोरपा प्रखंड क्षेत्रों में हाथियों का उत्पाद बढ़ गया गया है. हालांकि वन विभाग के डीएफओ दिलीप यादव ने बताया कि यह मामला गंभीर है और राज्य के अधिकारियों को इससे संबंधित जानकारी दे दी गई है.

वनरक्षी और डीएफओ का बयान (ETV BHARAT)

झारखंड सरकार द्वारा 2014 की वनरक्षी नियुक्ति नियमावली में संशोधन करते हुए वनपाल पद को 100 प्रतिशत प्रमोशन के स्थान पर 50 प्रतिशत सीधी बहाली के लिए संशोधित किया गया, जिसके विरोध में आंदोलन शुरू किया गया है. खूंटी जिले के महामंत्री ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि इसके अलावा वनरक्षकों के 1315 पदों को प्रधान वनरक्षी पद के लिए सृजित किया गया. जिसे सात अगस्त को राज्य कैबिनेट से पारित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि खूंटी समेत राज्य के सभी जिलों के वनरक्षी अपनी मांग को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर बैठे हैं.

Elephant violence is increasing due to forest guards strike in khunti
वनरक्षियों ने सीएम को लिखा आवेदन (ETV BHARAT)

उधर, वनरक्षियों ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विभागीय अधिकारियों समेत खूंटी सांसद कालीचरण मुंडा को आवेदन देकर सुधार करने की मांग की है. वनरक्षियों का आवेदन मिलने के बाद कालीचरण मुंडा ने विभागीय अधिकारियों से तत्काल संशोधित करने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ें: इंसाफ मिलने तक वन रक्षकों का आंदोलन रहेगा जारी, विभागीय सचिव बोले, बात करने को हैं तैयार, मंगलवार को वार्ता संभव

ये भी पढ़ें: फिर से विवादों में जेएसएससी सीजीएल परीक्षाः एग्जाम की तारीख को लेकर मुख्यमंत्री आवास घेरेंगे छात्र

खूंटी: वन विभाग के वनरक्षी अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. वनरक्षियों के हड़ताल पर जाने के बाद से वन प्रमंडल क्षेत्र के तमाड़, रनिया, तोरपा प्रखंड क्षेत्रों में हाथियों का उत्पाद बढ़ गया गया है. हालांकि वन विभाग के डीएफओ दिलीप यादव ने बताया कि यह मामला गंभीर है और राज्य के अधिकारियों को इससे संबंधित जानकारी दे दी गई है.

वनरक्षी और डीएफओ का बयान (ETV BHARAT)

झारखंड सरकार द्वारा 2014 की वनरक्षी नियुक्ति नियमावली में संशोधन करते हुए वनपाल पद को 100 प्रतिशत प्रमोशन के स्थान पर 50 प्रतिशत सीधी बहाली के लिए संशोधित किया गया, जिसके विरोध में आंदोलन शुरू किया गया है. खूंटी जिले के महामंत्री ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि इसके अलावा वनरक्षकों के 1315 पदों को प्रधान वनरक्षी पद के लिए सृजित किया गया. जिसे सात अगस्त को राज्य कैबिनेट से पारित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि खूंटी समेत राज्य के सभी जिलों के वनरक्षी अपनी मांग को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर बैठे हैं.

Elephant violence is increasing due to forest guards strike in khunti
वनरक्षियों ने सीएम को लिखा आवेदन (ETV BHARAT)

उधर, वनरक्षियों ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विभागीय अधिकारियों समेत खूंटी सांसद कालीचरण मुंडा को आवेदन देकर सुधार करने की मांग की है. वनरक्षियों का आवेदन मिलने के बाद कालीचरण मुंडा ने विभागीय अधिकारियों से तत्काल संशोधित करने का आग्रह किया है.

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