सूरजपुर : सूरजपुर वन मंडल और उससे सटे गांवों में हाथियों के आतंक से लोग परेशान है. इस जिले के कई गांव जंगल से सटे हुए हैं. इस वजह से आए दिन हाथियों का दल यहां के रिहायसी इलाकों में भी आ धमकता है. ताजा मामला जिले के गुरी वन परिक्षेत्र का है, जहां 8 हाथियों का दल विचरण कर रहा है. इसके चलते आस पास के गांववाले डरे हुए हैं.
हाथियों के आतंक से परेशान ग्रामीण : गुरी वन परिक्षेत्र में बसे गांव के लोगों का कहना है कि लम्बे समय से क्षेत्रवासी हाथियों की समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग के साथ साथ शासन और प्रशासन को भी हाथियों के आतंक को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए. आज भी विभागीय अधिकारी ग्रामीणों को हाथियों से दूरी बनाए रखने की अपील ही कर रहे हैं.
हाथी का आतंक बहुत ज्यादा ही देखने को मिल रहा है. वन विभाग तो अपनी ओर से कार्रवाई करती है, लेकिन शासन प्रशासन को इस संबंध में कोई ठोस कदम उठाना चाहिए. ताकि हाथियों का उत्पात रोका जा सके और गांवों में रहने वाले ग्रामीणों के जान माल की सुरक्षा की जा सके. : मुस्तफा, स्थानीय निवासी
गांववालों को अलर्ट कर रहा वन विभाग : दूसरी ओर वन विभाग हाथी प्रभावित क्षेत्र से लगे सभी गांवों में मुनादी करा कर गांववालों को अलर्ट कर रहा है. ग्रामीणों को जंगल में जाने से बचने की सलाह दी जा रही है. गांवों में जिन लोगों के कच्चे मकान हैं, उन्हें पक्के मकान जैसे सामुदायिक भवन या पंचायतों में रहने की हिदायत दी जा रही है. वन विभाग के अधिकारी सोलर फेंसिंग के माध्यम से फसलों को बचाने की योजना पर भी विचार कर रहे हैं.
वन विभाग लगातार हाथियों के मूवमेंट की जानकारी इकट्टा कर वनांचल गांवों में मुनादी करा रहा है. रेडियो और व्हाट्सअप मैसेज के जरिए हाथियों की जानकारी साझा कर रहे हैं. एलिफेंट अलर्ट एप के जरिए भी लोगों को अलर्ट किया जा रहा है. : पंकज कमल, वन मण्डलाधिकारी, सूरजपुर
जिले के कई इलाकों में विचरण कर रहे हाथी : अभी वर्तमान में हमारे गुरी परिक्षेत्र में पांच हाथियों का दल है, जो तमोर पिंगला अभयारण्य से लगा हुआ है. प्रतापपुर में भी दो हाथी हैं, जो बलरामपुर और प्रतापपुर के बीच आते जाते रहते हैं. रामानुजनगर में अभी सरगुजा से सटे क्षेत्र में हाथियों के आने की संभावना है. एक हाथी बिहारपुर वन परिक्षेत्र और गुरू घासीदास नेशनल पार्क एरिया में विचरण कर रहा है. हाथियों का दल कभी किसानों की फसलों को चौपट कर देते है और कभी इंसानों के घरों को तबाह कर देते हैं. ऐसे में वन विभाग को इस समस्या का समाधान निकालना होगा.