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रामानुजगंज में हाथियों का आतंक, नेशनल हाईवे किया जाम, बाल-बाल बचे लोग - Elephant Terror - ELEPHANT TERROR

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में हाथियों का आतंक जारी है. रविवार की रात एक हाथी जंगल से निकलकर नेशनल हाइवे 343 में आ गया, जिससे नेशनल हाइवे 343 में आवागमन बाधित हो गया. सड़क पर आने-जाने वाले लोग घंटों हाइवे में उसी जगह पर फंसे रहे. गनीमत रही कि हाथी ने किसी पर हमला नहीं किया.

ELEPHANT TERROR  IN BALRAMPUR
रामानुजगंज में हाथी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 15, 2024, 5:34 PM IST

रामानुजगंज में हाथी की वजह से हाइवे बंद

बलरामपुर रामानुजगंज: जिले में हाथियों की मौजूदगी स्थानीय लोगों के लिए सिरदर्द बनी हुई है. हाथी जंगल से निकलकर गांव की बस्तियों और खेतों में पहुंच कर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. रविवाद की रात ऐसा ही वाकया देखने को मिला. रामानुजगंज से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 343 पर रात के समय एक हाथी आ धमका. हाथी को देख वहां से गुजरने वाले यात्री दहशत में आ गए. इस वजह से कुछ देर के लिए नेशनल हाइवे में आवागमन बाधित रहा.

नेशनल हाइवे में आ धमका हाथी: रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज में गजराज का उत्पात लगातार जारी है. रविवार की रात करीब दस बजे एक हाथी जंगल से निकलकर नेशनल हाइवे 343 में आ गया. हाथी को देख राहगीर दहशत में आ गए और दूरी बनाकर हाइवे से उसके जाने का इंतेजार करते रहे. हाथी करीब दस मिनट तक नेशनल हाइवे 343 में खड़ा रहा, जिससे आवागमन बाधित हो गया. सड़क पर आने-जाने वाले कुछ लोग तो डर कर वापस मुड़कर लौटने लगे.

फसलों को नुकसान पहुंचा रहा हाथी: रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज में अपने दल से बिछड़ा हुआ एक हाथी बीते तीन सप्ताह से जंगल से कंचन नगर आरागाही सहित आसपास के गांव में घूम रहा है. इस दौरान हाथी ने ग्रामीणों के खेतों में लगे मक्के और गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. हाथी के डर से ग्रामीण रातभर जागकर किसी तरह अपना गुजारा कर रहे हैं. हाथी दिन के समय तो जंगल में ही रहता है. लेकिन रात होते ही भोजन की तलाश में भटककर गांव की बस्तियों में पहुंच जाता है और फसलों समेत लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा रहा है. दहशत और डर के साए में ग्रामीण लोग जीने को मजबूर हैं.

"हाथी से हम रात भर परेशान रहते हैं. हमारे खेत में लगा हुआ मक्का के फसल को भी नुकसान पहुंचा रहा है. रामानुजगंज वन विभाग को हम सूचना देते हैं. वह लोग कभी आते हैं, कभी बहाना बनाकर नहीं भी आते हैं. हमें हाथी से खतरा बना रहता है. हम लोग हाथी के डर से रतजगा करने को मजबूर हैं." - प्रताप मित्रा, स्थानीय ग्रामीण

हाथी के हमले में बाल-बाल बचे ग्रामीण: रविवार की रात कुछ ग्रामीण अपने खेत के किनारे बैठे हुए थे. तभी अचानक हाथी ग्रामीणों के नजदीक आ पहुंचा. ग्रामीणों ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई. ग्रामीणों ने रामानुजगांज वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद वन कर्मियों की मदद से ग्रामीणों ने मिलकर हाथी को जंगल की तरफ खदेड़ा है.

"रविवार रात एक हाथी हमारे खेत में आया था. हम लोग बाल-बाल बचे. जिसके बाद सभी गांव वाले इकट्ठा हुए और हाथी को जंगल की तरफ खदेड़ दिया गया." - रामकुमार सिंह, स्थानीय ग्रामीण

हाथी के हमले में कई लोग गंवा चुके हैं जान: बलरामपुर में इंसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष लगातार जारी है. बीते एक साल के अंदर आधा दर्जन लोगों ने हाथियों के हमले में अपनी जान गंवाई है. वन विभाग के पास फिलहाल हाथियों की समस्या से निपटने का कोई स्थाई समाधान नहीं है. इसलिए रामानुजगंज वन विभाग की टीम दिन और रात में समय समय पर गश्त करती रही है. हाथी के मूवमेंट की सूचना मिलने पर आस पास के गांववालों को सावधान करती है.

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रामानुजगंज में हाथी की वजह से हाइवे बंद

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नेशनल हाइवे में आ धमका हाथी: रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज में गजराज का उत्पात लगातार जारी है. रविवार की रात करीब दस बजे एक हाथी जंगल से निकलकर नेशनल हाइवे 343 में आ गया. हाथी को देख राहगीर दहशत में आ गए और दूरी बनाकर हाइवे से उसके जाने का इंतेजार करते रहे. हाथी करीब दस मिनट तक नेशनल हाइवे 343 में खड़ा रहा, जिससे आवागमन बाधित हो गया. सड़क पर आने-जाने वाले कुछ लोग तो डर कर वापस मुड़कर लौटने लगे.

फसलों को नुकसान पहुंचा रहा हाथी: रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज में अपने दल से बिछड़ा हुआ एक हाथी बीते तीन सप्ताह से जंगल से कंचन नगर आरागाही सहित आसपास के गांव में घूम रहा है. इस दौरान हाथी ने ग्रामीणों के खेतों में लगे मक्के और गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. हाथी के डर से ग्रामीण रातभर जागकर किसी तरह अपना गुजारा कर रहे हैं. हाथी दिन के समय तो जंगल में ही रहता है. लेकिन रात होते ही भोजन की तलाश में भटककर गांव की बस्तियों में पहुंच जाता है और फसलों समेत लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा रहा है. दहशत और डर के साए में ग्रामीण लोग जीने को मजबूर हैं.

"हाथी से हम रात भर परेशान रहते हैं. हमारे खेत में लगा हुआ मक्का के फसल को भी नुकसान पहुंचा रहा है. रामानुजगंज वन विभाग को हम सूचना देते हैं. वह लोग कभी आते हैं, कभी बहाना बनाकर नहीं भी आते हैं. हमें हाथी से खतरा बना रहता है. हम लोग हाथी के डर से रतजगा करने को मजबूर हैं." - प्रताप मित्रा, स्थानीय ग्रामीण

हाथी के हमले में बाल-बाल बचे ग्रामीण: रविवार की रात कुछ ग्रामीण अपने खेत के किनारे बैठे हुए थे. तभी अचानक हाथी ग्रामीणों के नजदीक आ पहुंचा. ग्रामीणों ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई. ग्रामीणों ने रामानुजगांज वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद वन कर्मियों की मदद से ग्रामीणों ने मिलकर हाथी को जंगल की तरफ खदेड़ा है.

"रविवार रात एक हाथी हमारे खेत में आया था. हम लोग बाल-बाल बचे. जिसके बाद सभी गांव वाले इकट्ठा हुए और हाथी को जंगल की तरफ खदेड़ दिया गया." - रामकुमार सिंह, स्थानीय ग्रामीण

हाथी के हमले में कई लोग गंवा चुके हैं जान: बलरामपुर में इंसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष लगातार जारी है. बीते एक साल के अंदर आधा दर्जन लोगों ने हाथियों के हमले में अपनी जान गंवाई है. वन विभाग के पास फिलहाल हाथियों की समस्या से निपटने का कोई स्थाई समाधान नहीं है. इसलिए रामानुजगंज वन विभाग की टीम दिन और रात में समय समय पर गश्त करती रही है. हाथी के मूवमेंट की सूचना मिलने पर आस पास के गांववालों को सावधान करती है.

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