बालोद : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक बार फिर से हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है. जिले के गुरूर और दल्ली राजहरा वन परिक्षेत्र में हाथी खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वन अमला भी रातजगी कर हाथियों पर नजरें बनाअ हुए हैं. लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विबाग जरूरी एहतियाद बरत रही है.
गुरुर में दंतैल हाथी ने मचाया आतंक : वर्तमान में बालोद वनमंडल अंतर्गत हिडकापार में हाथी की मौजूदगी है. जो कि आड़ेझर बीट और नलकसा सर्किल का एरिया है. इस क्षेत्र में हाथी ने कोई फसल नुकसान नहीं किया है. लेकिन सबसे ज्यादा गुरुर वन परिक्षेत्र में हाथियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है. जो हाथी विचरण करते हुए देखा गया है रहा है उसका नाम ME 3 बताया जा रहा है, जो कि एक दंतैल हाथी है.
हाथियों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. गांव में जागरूकता फैलाई जा रही है. मुनादी भी कराई जा रही है, ताकि किसी तरह की कोई जन हानि ना हो. : डिंपी बैस, उप वन मंडल अधिकारी, बालोद
हाई अलर्ट पर वन विभाग : वन विभाग के मुताबिक, रात में हाथी के टहलने का एक वीडियो भी सामने आया है. जिसके बाद वन विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है. इस क्षेत्र के अंगारा, नलकसा, पुसावड़, शेरपार, कोसमी, पैंदुर, नारंगसुर जैसे लगभग आधा दर्जन गांवों को वन विभाग ने अलर्ट पर रखा है. वन अमला गांव में मुनादी कर रही है, ताकि कोई भी व्यक्ति अकेले घर से बाहर नहीं निकले या फिर जंगलों की ओर न जाए. क्योंकि, हाथी को गुस्सा आने पर वह आक्रामक हो सकता है और जान माल को नुकसान पहुंचा सकता है.
अब तक 6 लोग गंवा चुके हैं जान : हाथी मानव संघर्ष के चलते बालोद जिले में बीते 3 सालों में 6 लोगों ने अपनी जान गंवा चुके हैं. इसलिए हाथियों की दस्तक ने लोगों में भयभीत कर दिया है. वन विभाग लोगों को सावधारी बरतने समझाइश दे रही है. अभी धान कटाई का समय है. यहां पर फसलें लगभग पक कर तैयार हो गई है. लेकिन खड़ी फसलों पर हाथियों का आतंक किसानों के लिए घाटे का सबब बना हुआ है. जिसके चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि, हाथी द्वारा नुकसान पहुंचाने के बाद वन विभाग इसके लिए किसानों को मुआवजा भी देती है.