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यूपी में बिजली के निजीकरण का टल सकता है फैसला; योगी कैबिनेट की मीटिंग स्थगित - ELECTRICITY PRIVATIZATION IN UP

Yogi Cabinet Meeting: बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर सरकार का फैसला कैबिनेट मीटिंग में लिए जाने की संभावना थी.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 10, 2024, 3:04 PM IST

Updated : Dec 11, 2024, 6:49 AM IST

लखनऊ: प्रदेश के लगभग 45 जिलों के बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर जिस फैसले पर पूरे उत्तर प्रदेश की निगाहें लगी हुई हैं वह संभवतः टल सकता है. बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर सरकार का फैसला मंगलवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में लिए जाने की संभावना थी. लेकिन, इस मीटिंग को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है.

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्रस्ताव को नामंजूर कर देंगे. जिसको लेकर कैबिनेट मीटिंग स्थगित की गई है. दूसरी ओर सरकार की तरफ से यह लगातार कहा जा रहा है कि अभी यह केवल प्रस्ताव है.

यूपी में एस्मा लागू किए जाने की वजह बताते भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ल. (Video Credit; ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में सरकार निजीकरण करने का प्रयास कर रही. इस आशय का प्रस्ताव होने के बाद सरकार ने पूरे राज्य में एस्मा भी लगा दिया है. जिसके जरिए सभी सरकारी विभागों में किसी भी तरह की हड़ताल पर रोक लगा दी गई है.

दूसरी ओर बिजली कर्मचारियों की यूनियन अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में जोरदार आंदोलन छेड़ चुकी है. जिसका रूप बड़ा होता जा रहा है. एस्मा लागू होने के बाद यह शंका और बढ़ गई है कि जल्द ही निजीकरण हो जाएगा. दूसरी ओर सरकार से जुड़े सूत्र कुछ अलग ही इशारा कर रहे हैं. जिससे लगता है कि बिजली विभाग का निजीकरण नहीं हो पाएगा.

योगी की पहली सरकार में भी रुका था बिजली का निजीकरण: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार के दौरान जब श्रीकांत शर्मा उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री थे, उस समय भी यह प्रस्ताव आया था. तब खुद ऊर्जा मंत्री ही इसके खिलाफ खड़े हुए थे और मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया था.

आखिरकार प्रस्ताव वापस ले लिया गया था. अब एक बार फिर से यह प्रस्ताव लाया गया है. इससे पहले आगरा और नोएडा में निजी कंपनी बिजली वितरण का काम कर रही हैं. जिसकी तर्ज पर सरकार नुकसान वाले इलाकों में निजी कंपनी को काम देना चाहती है.

शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सरकार एक बार फिर से इस प्रस्ताव को स्थगित करने पर विचार कर रही है. इसीलिए मंगलवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग स्थगित की गई. मीटिंग इसी सप्ताह होने की संभावना है. संभवत शुक्रवार की शाम को यह मीटिंग हो सकती है. जिसमें विभिन्न मुद्दे आएंगे मगर बिजली विभाग के निजीकरण पर विचार नहीं किया जाएगा.

सरकार ने यूपी में क्यों लगाया एस्मा: भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि सरकार ने जो एस्मा लगाया है, वह महाकुंभ को देखते हुए है. देश दुनिया से करोड़ों लोग उत्तर प्रदेश आएंगे. ऐसे में सभी सरकारी विभागों को बेहतर तरीके से काम करना है. हड़ताल की दशा में स्थिति बिगड़ सकती है. इसलिए एस्मा लगाया गया है.

कर्मचारी संगठन क्यों कर रहे विरोध: बता दें कि योगी सरकार दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत निगम का निजीकरण करने की तैयारी कर रही है. सरकार की योजना इनका पीपीपी मॉडल पर विस्तार करने की है. इसमें करीब 45 जिले आ रहे हैं. यानी 45 जिलों की बिजी निजी हाथों में देने की तैयारी है. ऐसी चर्चा आने के बाद ही कर्मचारी संगठन एकजुट हो गए और विरोध करने लगे. इसको लेकर कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ेंः फतेहपुर की 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद पर चला बुलडोजर; अतिक्रमण की जद में था धार्मिक स्थल

ये भी पढ़ेंः बिजली के निजीकरण विरोध; काली पट्टी बांधकर ड्यूटी कर रहे कर्मचारी, बोले- हित में नहीं

ये भी पढ़ेंः बिजली के निजीकरण पर आप का योगी सरकार पर हमला; बोले- लोगों को बेरोजगार कर रही भाजपा

ये भी पढ़ेंः बिजली विभाग का निजीकरण; आंदोलन रोकने के लिए UPPCL ने रद कर दीं बिजलीकर्मियों की छुट्टियां

लखनऊ: प्रदेश के लगभग 45 जिलों के बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर जिस फैसले पर पूरे उत्तर प्रदेश की निगाहें लगी हुई हैं वह संभवतः टल सकता है. बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर सरकार का फैसला मंगलवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में लिए जाने की संभावना थी. लेकिन, इस मीटिंग को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है.

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्रस्ताव को नामंजूर कर देंगे. जिसको लेकर कैबिनेट मीटिंग स्थगित की गई है. दूसरी ओर सरकार की तरफ से यह लगातार कहा जा रहा है कि अभी यह केवल प्रस्ताव है.

यूपी में एस्मा लागू किए जाने की वजह बताते भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ल. (Video Credit; ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में सरकार निजीकरण करने का प्रयास कर रही. इस आशय का प्रस्ताव होने के बाद सरकार ने पूरे राज्य में एस्मा भी लगा दिया है. जिसके जरिए सभी सरकारी विभागों में किसी भी तरह की हड़ताल पर रोक लगा दी गई है.

दूसरी ओर बिजली कर्मचारियों की यूनियन अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में जोरदार आंदोलन छेड़ चुकी है. जिसका रूप बड़ा होता जा रहा है. एस्मा लागू होने के बाद यह शंका और बढ़ गई है कि जल्द ही निजीकरण हो जाएगा. दूसरी ओर सरकार से जुड़े सूत्र कुछ अलग ही इशारा कर रहे हैं. जिससे लगता है कि बिजली विभाग का निजीकरण नहीं हो पाएगा.

योगी की पहली सरकार में भी रुका था बिजली का निजीकरण: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार के दौरान जब श्रीकांत शर्मा उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री थे, उस समय भी यह प्रस्ताव आया था. तब खुद ऊर्जा मंत्री ही इसके खिलाफ खड़े हुए थे और मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया था.

आखिरकार प्रस्ताव वापस ले लिया गया था. अब एक बार फिर से यह प्रस्ताव लाया गया है. इससे पहले आगरा और नोएडा में निजी कंपनी बिजली वितरण का काम कर रही हैं. जिसकी तर्ज पर सरकार नुकसान वाले इलाकों में निजी कंपनी को काम देना चाहती है.

शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सरकार एक बार फिर से इस प्रस्ताव को स्थगित करने पर विचार कर रही है. इसीलिए मंगलवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग स्थगित की गई. मीटिंग इसी सप्ताह होने की संभावना है. संभवत शुक्रवार की शाम को यह मीटिंग हो सकती है. जिसमें विभिन्न मुद्दे आएंगे मगर बिजली विभाग के निजीकरण पर विचार नहीं किया जाएगा.

सरकार ने यूपी में क्यों लगाया एस्मा: भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि सरकार ने जो एस्मा लगाया है, वह महाकुंभ को देखते हुए है. देश दुनिया से करोड़ों लोग उत्तर प्रदेश आएंगे. ऐसे में सभी सरकारी विभागों को बेहतर तरीके से काम करना है. हड़ताल की दशा में स्थिति बिगड़ सकती है. इसलिए एस्मा लगाया गया है.

कर्मचारी संगठन क्यों कर रहे विरोध: बता दें कि योगी सरकार दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत निगम का निजीकरण करने की तैयारी कर रही है. सरकार की योजना इनका पीपीपी मॉडल पर विस्तार करने की है. इसमें करीब 45 जिले आ रहे हैं. यानी 45 जिलों की बिजी निजी हाथों में देने की तैयारी है. ऐसी चर्चा आने के बाद ही कर्मचारी संगठन एकजुट हो गए और विरोध करने लगे. इसको लेकर कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है.

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Last Updated : Dec 11, 2024, 6:49 AM IST
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