भागलपुर: बिहार के भागलपुर टीएमबीयू और बिजली विभाग के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब बिजली विभाग ने विवि को 12 करोड़ रुपए का बिल भेजा है. जबकि कुलपति का कहना है कि बिजली विभाग जानबूझकर विवि के अधिकारी को परेशान कर रहे हैं. कुलपति का कहना है कि विवि की जमीन पर बिजली का पावर ग्रिड बनाया गया है. विवि की ओर से किराया मांगने पर बिजली विभाग नहीं देता है.
21 मार्च को राज्यपाल कार्यक्रमः कुलपति ने बताया कि 21 मार्च को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का कार्यक्रम होना है. ऐसे में 12 करोड़ रुपए का बिल भेजना और बिजली काटने की धमकी देना गलत है. उन्होंने कहा कि विवि की छवि को धूमिल करने का काम किया जा रहा है. इसके लिए उन्होंने कुलसचिव को बिजली विभाग के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया है.
"बिजली विभाग विश्वविद्यालय की जमीन पर अवस्थित है. जिस जमीन पर पावर ग्रिड और विद्युत कार्यालय है वह जमीन विश्वविद्यालय की है. अतिक्रमण कर लिया है. विद्युत विभाग पहले विश्वविद्यालय को अपने स्थापना काल से अब तक का किराया दे. इसके बाद बिजली बिल पर विचार किया जाएगा. कुलसिव को एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है." -प्रो. जवाहर लाल, कुलपति, टीएमबीयू
बातचीत के आधार निकले हलः कुलपति ने बताया कि इस मामले में 13 जनवरी को बिजली विभाग के अधिकारियों और टीएमबीयू प्रशासन के बीच बैठक हुई थी लेकिन वार्ता के बाबजूद भी बिजली विभाग के अधिकारियों ने बैठक की प्रोसिडिंग पर हस्ताक्षर नहीं किया. वीसी ने कहा कि मैं 2022 में आया हूं. बताया जाता है कि इससे पहले भी 2021 में बिजली विभाग ने काफी ज्यादा बिल भेजा था. बिजली विभाग को भी इस मामले में आपसी समझौते और बातचीत के आधार पर समस्या का हल निकालना चाहिए.
बिजली विभाग के खिलाफ दर्ज होगा FIR: कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा कि 21 मार्च को सीनेट की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए कुलाधिपति सह राज्यपाल टीएमबीयू आ रहे हैं. सीनेट की बैठक में सदस्य के रूप में कई जनप्रतिनिधि भी भाग लेते हैं. कुलाधिपति के आगमन के समय यदि बेवजह विद्युत आपूर्ति बाधित होती है तो बिजली विभाग के खिलाफ हमलोग एफआईआर कराएंगे.