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बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार को दी चेतावनी, मांगें नहीं मानी तो कर देंगे ब्लैक आउट

बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर शिमला में प्रदर्शन किया. अपनी मांगों को लेकर उन्होंने सुक्खू सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया.

बिजली बोर्ड कर्मचारियों का प्रदर्शन
बिजली बोर्ड कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

शिमला: हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारियों, इंजीनियर्स और पेंशनर्स ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रदेशभर में सोमवार को बिजली बोर्ड के 60 से अधिक कार्यालयों में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 15 दिनों में सभी मांगें पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है.

इस अवधि में अगर सरकार मांगों को पूरा नहीं करती है तो बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर टूल और पेन डाउन स्ट्राइक पर चले जाएंगे. अभी दिवाली पर्व को देखते हुए बिजली बोर्ड के जॉइंट फ्रंट ने आंदोलन को स्थगित किया है. शिमला में बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस में सैकड़ों कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया.

बिजली बोर्ड के विघटन का आरोप

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर्स का संयुक्त मोर्चा विभिन्न मुद्दों को लेकर सुक्खू सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतर गया है. शिमला में हुए धरना प्रदर्शन के दौरान बिजली बोर्ड संयुक्त मोर्चा ने सरकार पर बोर्ड की दशा को सुधारने के बजाए बोर्ड को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया.

वहीं, सरकार ने बिजली बोर्ड में 51 इंजीनियरों के पद समाप्त करने सहित आउटसोर्स पर रखे गए 81 ड्राइवरों की सेवाएं समाप्त किए जाने पर भी कर्मचारी सरकार के फैसले पर भड़क गए हैं.

धरना प्रदर्शन के दौरान जॉइंट फ्रंट ने तुरंत प्रभाव से निर्णय को वापस लेने का अल्टीमेट दिया है. वहीं, बिजली बोर्ड संयुक्त मोर्चा का आरोप है कि सरकार की ओर से बिजली बोर्ड की स्थिति को ठीक करने के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी बिजली बोर्ड को तीन हिस्सों ट्रांसमिशन, जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन में बांट कर इसका निजीकरण करने की कोशिश कर रही है.

बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि सरकार बिजली बोर्ड के खिलाफ हिडन एजेंडे पर काम कर रही है. सरकार की ओर से बोर्ड के पुनर्गठन किए जाने का आरोप लगाया है. संघ ने सरकार को इस बारे में पुनर्विचार करने की चेतावनी दी है. अगर इसके बाद भी सरकार ने संघ की मांगों को हल्के में लेने का प्रयास किया तो प्रदेशभर में आंदोलन को और उग्र किया जाएगा. यही नहीं बिजली बोर्ड के संयुक्त मोर्चा ने सरकार को ब्लैक आउट की भी चेतावनी दी है.

इन मांगों को पूरा करे सरकार

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियरों ने विभिन्न मांगों को 15 दिनों में पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है. ये हैं मांगें.

  • इंजीनियरिंग कैडर के 51 पदों को तुरंत प्रभाव से करें बहाल
  • बिजली बोर्ड में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकालने के आदेशों को वापस लेना.
  • बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना.
  • टी-मेट के 1030 पदों को जल्द भरना.
  • वेतन आयोग का कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को पेंशन और वेतन का बकाया जारी करना.
  • कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सभी लंबित टर्मिनल लाभ का भुगतान
    हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा "इन मांगों को लेकर प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन किए गए. सरकार को 15 दिनों में सभी मांगों को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया गया है. इसके बाद भी अगर सरकार कोई उचित फैसला नहीं लेती है तो बिजली बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी टूल और पेन डाउन स्ट्राइक पर चले जाएंगे. अभी दिवाली को देखते हुए आंदोलन को टाला गया है."

ये भी पढ़ें: हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों पर धनतेरस से पहले होगी धनवर्षा, जानें क्या-क्या मिलेगा?

शिमला: हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारियों, इंजीनियर्स और पेंशनर्स ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रदेशभर में सोमवार को बिजली बोर्ड के 60 से अधिक कार्यालयों में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 15 दिनों में सभी मांगें पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है.

इस अवधि में अगर सरकार मांगों को पूरा नहीं करती है तो बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर टूल और पेन डाउन स्ट्राइक पर चले जाएंगे. अभी दिवाली पर्व को देखते हुए बिजली बोर्ड के जॉइंट फ्रंट ने आंदोलन को स्थगित किया है. शिमला में बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस में सैकड़ों कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया.

बिजली बोर्ड के विघटन का आरोप

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर्स का संयुक्त मोर्चा विभिन्न मुद्दों को लेकर सुक्खू सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतर गया है. शिमला में हुए धरना प्रदर्शन के दौरान बिजली बोर्ड संयुक्त मोर्चा ने सरकार पर बोर्ड की दशा को सुधारने के बजाए बोर्ड को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया.

वहीं, सरकार ने बिजली बोर्ड में 51 इंजीनियरों के पद समाप्त करने सहित आउटसोर्स पर रखे गए 81 ड्राइवरों की सेवाएं समाप्त किए जाने पर भी कर्मचारी सरकार के फैसले पर भड़क गए हैं.

धरना प्रदर्शन के दौरान जॉइंट फ्रंट ने तुरंत प्रभाव से निर्णय को वापस लेने का अल्टीमेट दिया है. वहीं, बिजली बोर्ड संयुक्त मोर्चा का आरोप है कि सरकार की ओर से बिजली बोर्ड की स्थिति को ठीक करने के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी बिजली बोर्ड को तीन हिस्सों ट्रांसमिशन, जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन में बांट कर इसका निजीकरण करने की कोशिश कर रही है.

बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि सरकार बिजली बोर्ड के खिलाफ हिडन एजेंडे पर काम कर रही है. सरकार की ओर से बोर्ड के पुनर्गठन किए जाने का आरोप लगाया है. संघ ने सरकार को इस बारे में पुनर्विचार करने की चेतावनी दी है. अगर इसके बाद भी सरकार ने संघ की मांगों को हल्के में लेने का प्रयास किया तो प्रदेशभर में आंदोलन को और उग्र किया जाएगा. यही नहीं बिजली बोर्ड के संयुक्त मोर्चा ने सरकार को ब्लैक आउट की भी चेतावनी दी है.

इन मांगों को पूरा करे सरकार

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियरों ने विभिन्न मांगों को 15 दिनों में पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है. ये हैं मांगें.

  • इंजीनियरिंग कैडर के 51 पदों को तुरंत प्रभाव से करें बहाल
  • बिजली बोर्ड में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकालने के आदेशों को वापस लेना.
  • बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना.
  • टी-मेट के 1030 पदों को जल्द भरना.
  • वेतन आयोग का कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को पेंशन और वेतन का बकाया जारी करना.
  • कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सभी लंबित टर्मिनल लाभ का भुगतान
    हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा "इन मांगों को लेकर प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन किए गए. सरकार को 15 दिनों में सभी मांगों को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया गया है. इसके बाद भी अगर सरकार कोई उचित फैसला नहीं लेती है तो बिजली बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी टूल और पेन डाउन स्ट्राइक पर चले जाएंगे. अभी दिवाली को देखते हुए आंदोलन को टाला गया है."

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