नई दिल्ली: दिवाली के त्योहार में चंद दिन का वक्त बाकी है. इसको लेकर हर तरफ रौनक दिखाई दे रही है. इन दिनों लोग दिवाली की तैयारी में जुटे हुए हैं. आमतौर पर दिवाली के त्योहार से पहले लोग अपने घरों को सजाते हैं. वहीं, जेल में बंद बंदी भी जेल को सजाने का काम कर रहे हैं. जिला कारागार गाजियाबाद में सभी त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं. इसी क्रम में गाजियाबाद की डासना जेल में बंद क़ैदी दिवाली पर जिला कारागार को जगमग करने के लिए इलेक्ट्रिक दीये और मोमबत्तियां तैयार कर रहे हैं.
जेल प्रशासन द्वारा ऐसे बंदियों को चिन्हित किया गया है जिनकी रुचि मोमबत्तियां और दीये तैयार करने में है. जेल प्रशासन द्वारा बंदियों को मोमबत्तियां और इलेक्ट्रिक दीये तैयार करने की ट्रेनिंग उपलब्ध कराई गई है. ट्रेनिंग के बाद अब जेल में मौजूद बंदी इलेक्ट्रिक दीये और मोमबत्ती बना रहे हैं. इलेक्ट्रिक दीये और मोमबत्तियां तैयार करने के लिए जेल प्रशासन द्वारा ही बंदियों को रॉ मटेरियल उपलब्ध कराया गया है.
जिला कारागार गाजियाबाद की जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा के मुताबिक कौशल विकास मिशन के तहत इंडिया विजन फाउंडेशन द्वारा बंदियों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है. जिसमें बंदियों को दिए तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था. जिला कारागार में मौजूद बंदियों द्वारा दिए तैयार किये जा रहे हैं. फिलहाल पांच हज़ार दिए तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. यदि दिवाली से पहले और अधिक संख्या में बंदी दिए तैयार करते हैं तो मार्केट में बेचने का प्रयास किया जाएगा.
दरअसल, जेल प्रशासन विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर जेल में मौजूद बंदियों को हुनरमंद बनाने का प्रयास कर रहा है. ताकि जेल से रिहा होने के बाद बंदी हुनर के माध्यम से अपनी आजीविका स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें. जेल में बंदियों को हेयर कटिंग, सिलाई, कंप्यूटर आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.