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नगर निगम मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव से जुड़ा मामला, हाईकोर्ट का मुख्य सचिव व आयोग को नोटिस - Elections of Mayor and Deputy Mayor

Elections of Mayor and Deputy Mayor: हाईकोर्ट में नगर निगमों के मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के दौरान पार्षदों द्वारा डाले जाने वाले वोट उनके एजेंटों को दिखाए जाने की अधिसूचना को चुनौती दी है.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 8:30 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में नगर निगमों के मेयर व डिप्टी मेयर के पदों के लिए चुनाव के दौरान पार्षदों द्वारा डाले जाने वाले वोट उनके एजेंटों को दिखाए जाने की अधिसूचना को चुनौती दी गई है.

हाईकोर्ट ने इस याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित शहरी विकास विभाग और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. प्रार्थी ने उक्त चुनाव के लिए राज्य सरकार की तरफ से 18 अगस्त, 2024 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता शैलेन्द्र गुप्ता द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद उपरोक्त आदेश जारी किए हैं.

याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम में संशोधन किया है. इसके तहत मेयर या डिप्टी मेयर के पदों के लिए चुनाव के दौरान, पार्षदों द्वारा डाले गए वोट उनके एजेंटों को दिखाए जाने का प्रावधान किया गया है. यह संशोधन कानून की मूल भावना को कमजोर करता है और असंवैधानिक है, इसलिए इसे निरस्त करने की मांग की गई है. हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 20 नवम्बर तक जवाब तलब किया है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में नगर निगमों के मेयर व डिप्टी मेयर के पदों के लिए चुनाव के दौरान पार्षदों द्वारा डाले जाने वाले वोट उनके एजेंटों को दिखाए जाने की अधिसूचना को चुनौती दी गई है.

हाईकोर्ट ने इस याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित शहरी विकास विभाग और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. प्रार्थी ने उक्त चुनाव के लिए राज्य सरकार की तरफ से 18 अगस्त, 2024 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता शैलेन्द्र गुप्ता द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद उपरोक्त आदेश जारी किए हैं.

याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम में संशोधन किया है. इसके तहत मेयर या डिप्टी मेयर के पदों के लिए चुनाव के दौरान, पार्षदों द्वारा डाले गए वोट उनके एजेंटों को दिखाए जाने का प्रावधान किया गया है. यह संशोधन कानून की मूल भावना को कमजोर करता है और असंवैधानिक है, इसलिए इसे निरस्त करने की मांग की गई है. हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 20 नवम्बर तक जवाब तलब किया है.

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