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'जो मिसाइल लॉन्च नहीं हो पाती, वो सफल लॉन्च से ज्यादा कारगर साबित होती': उपचुनाव में हार पर बोले PK

उपचुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी सभी सीटों पर चुनाव हार गयी. इसके बाद सवाल उठने लगे, PK ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका जवाब दिया.

Prashant Kishor
प्रशांत किशोर. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

पटना: प्रशांत किशोर ने उपचुनाव में चारों सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. प्रशांत किशोर की पार्टी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई. यहां तक की तीन सीटों पर उनके उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गयी. इसके बाद उनपर चौतरफा हमला होने लगा. जेडीयू और बीजेपी के नेताओं ने फिर से चुनावी रणनीति का काम शुरू करने की सलाह दे दी. लेकिन, चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस कर मजबूती से चुनाव लड़ने की बात दोहरायी.

हार के बताये कारणः प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे मालूम था कि बिहार जैसे राज्य में चुनाव लड़ना कठिन है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नई है. जहां चुनाव हो रहे थे उन जगहों पर उनकी पार्टी का संगठन ठीक से बना नहीं है. उन जगहों पर पदयात्रा भी नहीं की है. इसके बाद भी चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. उन्होंने बेलागंज और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र का नाम लिये बिना कहा कि कई क्षेत्र में कुछ पार्टियों का लंबे समय से गढ़ बना हुआ है, वहां चुनाव लड़ना आसान नहीं था.

प्रशांत किशोर. (ETV Bharat)

"कई बार मिसाइल छोड़ते हैं तो जो मिसाइल लांच नहीं हो पाती है, उससे जो डेटा और जानकारी मिलती है वो एक सफल मिसाइल लांच से ज्यादा कारगार होती है. इस चुनाव को इस लिए लड़ा गया कि देखना चाहते थे कि जन सुराज को जो राजनीतिक स्वरूप दिया गया है उसमें क्या बेहतर है या क्या खराबी है. सब जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं."- प्रशांत किशोर, सूत्रधार, जनसुराज

243 सीटों पर लड़ेगी जनसुराजः प्रशांत किशोर ने कहा कि अगले तीन महीने में जन सुराज के सिंबल को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. ताकि आगे आनेवाले चुनाव में लोगों को यह दिक्कत नहीं होगा कि सिंबल को नहीं जानते हैं, उम्मीदवार को नहीं जानते हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि विधानसभा चुनाव में 1 साल का वक्त है. 1 साल के दौरान पार्टी पूरी तैयारी करेगी. बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही.

तीन सीटों पर जमानत जब्तः प्रशांत किशोर की पार्टी सिर्फ एक सीट पर जमानत बचा सकी. इमामगंज के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान जमानत बचाने में कामयाब हुए. जितेंद्र पासवान ने 37 हजार से अधिक वोट प्राप्त किया. तीसरे स्थान पर रहे. तरारी विधानसभा सीट पर किरण देवी को मात्र 5,662 वोट मिला. बेलागंज में मोहम्मद अमजद को 17,285 वोट मिला. रामगढ़ में सुशील कुशवाहा को मात्र 6513 वोट मिला. इन तीनों की जमानत जब्त हो गयी.

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हार के बताये कारणः प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे मालूम था कि बिहार जैसे राज्य में चुनाव लड़ना कठिन है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नई है. जहां चुनाव हो रहे थे उन जगहों पर उनकी पार्टी का संगठन ठीक से बना नहीं है. उन जगहों पर पदयात्रा भी नहीं की है. इसके बाद भी चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. उन्होंने बेलागंज और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र का नाम लिये बिना कहा कि कई क्षेत्र में कुछ पार्टियों का लंबे समय से गढ़ बना हुआ है, वहां चुनाव लड़ना आसान नहीं था.

प्रशांत किशोर. (ETV Bharat)

"कई बार मिसाइल छोड़ते हैं तो जो मिसाइल लांच नहीं हो पाती है, उससे जो डेटा और जानकारी मिलती है वो एक सफल मिसाइल लांच से ज्यादा कारगार होती है. इस चुनाव को इस लिए लड़ा गया कि देखना चाहते थे कि जन सुराज को जो राजनीतिक स्वरूप दिया गया है उसमें क्या बेहतर है या क्या खराबी है. सब जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं."- प्रशांत किशोर, सूत्रधार, जनसुराज

243 सीटों पर लड़ेगी जनसुराजः प्रशांत किशोर ने कहा कि अगले तीन महीने में जन सुराज के सिंबल को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. ताकि आगे आनेवाले चुनाव में लोगों को यह दिक्कत नहीं होगा कि सिंबल को नहीं जानते हैं, उम्मीदवार को नहीं जानते हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि विधानसभा चुनाव में 1 साल का वक्त है. 1 साल के दौरान पार्टी पूरी तैयारी करेगी. बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही.

तीन सीटों पर जमानत जब्तः प्रशांत किशोर की पार्टी सिर्फ एक सीट पर जमानत बचा सकी. इमामगंज के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान जमानत बचाने में कामयाब हुए. जितेंद्र पासवान ने 37 हजार से अधिक वोट प्राप्त किया. तीसरे स्थान पर रहे. तरारी विधानसभा सीट पर किरण देवी को मात्र 5,662 वोट मिला. बेलागंज में मोहम्मद अमजद को 17,285 वोट मिला. रामगढ़ में सुशील कुशवाहा को मात्र 6513 वोट मिला. इन तीनों की जमानत जब्त हो गयी.

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