रांची: राजधानी रांची के बड़े इलाके को खुद में समेटे "रांची विधानसभा" क्षेत्र को लेकर राज्य की राजनीति में काफी अटकलें चल रही है, जिसकी वजह भी देखने को मिल रही है. एक ओर इस प्रतिष्ठित विधानसभा सीट से लगातार छह बार से जीतते आ रहे भाजपा नेता सीपी सिंह की जगह इस बार किसी दूसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी तो दूसरी ओर 2019 में सीपी सिंह को कड़ा मुकाबला देने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता महुआ माजी राज्य सभा सांसद बन चुकी हैं. ऐसे में प्रबल संभावना है कि इस बार एनडीए और इंडिया दोनों ओर से कोई नया प्रत्याशी चुनाव मैदान में होगा.
सीपी सिंह की जगह दूसरे उम्मीदवार को मिल सकता है मौका
संयुक्त बिहार में ही 1996 में सीपी सिंह रांची से जीत दर्ज कर पहली बार विधानसभा में प्रवेश किए. इसके बाद सीपी सिंह ने 2000 में बिहार विधानसभा चुनाव और 2005, 2009, 2014 और 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की. लेकिन 2019 में उनकी जीत का अंतर घटकर महज 5904 वोट रह गया. तब कई राउंड में सीपी सिंह महुआ माजी से पिछड़ते नजर आए थे. इधर, झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि इस बार काफी संभावना है कि भाजपा किसी नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारेगी. सबसे सेफ सीट पर 2019 में महज पांच से छह हजार वोट से जीतना सीपी सिंह के खिलाफ जाता है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा से कौन हो सकता है उम्मीदवार
विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि राज्यसभा सांसद बनने के बावजूद महुआ माजी का रांची विधानसभा सीट से लगाव और इसके प्रति मोह कम नहीं हुआ है. उनकी अभी भी इच्छा है कि इस सीट से अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की. लेकिन अब पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को यह तय करना है कि राज्यसभा सांसद को दोबारा चुनाव मैदान में उतारते हैं या फिर कोई नया नाम उम्मीदवार के रूप में आगे किया जा सकता है. वहीं, झामुमो की राजनीति को समझने वाले पत्रकार राकेश कहते हैं कि एक नाम सुप्रियो भट्टाचार्या का भी हो सकता है या फिर इस सामान्य सीट पर एक खास आदिवासी संगठन से जुड़े व्यक्ति का भी हो सकता है. ऐसी भी संभावना है कि जब झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले नेताओं के साथ सीट बंटवारे को लेकर बैठक होगी तो कुछ खास सीटों के बदले रांची सीट कांग्रेस को दी जा सकती है.
भाजपा उम्मीदवार के लिए नेताओं की दावेदारी
आगामी विधानसभा चुनाव 2024 में रांची विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी में लॉबिंग भी शुरू हो गयी है. भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ अभिषेक रामदीन ने तो अपनी उम्मीदवारी के लिए दावेदारी भी ठोक दी है तो कई नेताओं की दबी इच्छा भी वर्तमान विधायक सीपी सिंह के उत्तराधिकारी बनने की है.
पार्टी में कई मजबूत नेता: मनोज पांडेय
रांची विधानसभा सीट से 2019 में झामुमो की उम्मीदवार रहीं महुआ माजी, जो वर्तमान में राज्य सभा सांसद हैं. ऐसे में इस बार विधानसभा चुनाव में झामुमो का प्रत्याशी कौन होगा, इस सवाल के जवाब में झामुमो प्रवक्ता कहते हैं कि यह तय उनके केंद्रीय अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष को करना है.
जीतने वाले नेताओं को ही मिलेगा टिकट
झारखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व आईएएस अधिकारी जेबी तुबिद ने कहा कि रांची विधानसभा सीट हो या कोई और सीट...पार्टी जीतने वाले नेताओं को ही टिकट देगी. जेबी तुबिद कहते हैं कि हर कोई अपनी उम्मीदवारी का दावा कर सकते हैं लेकिन अंतिम फैसला आलाकमान को तय करना है.
ये भी पढ़ें: झारखंड में आईएएस अफसरों का तबादला, विप्रा भाल बनीं राज्यपाल की प्रधान सचिव, नितिन मदन को मिला कृषि विभाग
ये भी पढ़ें: बेरमो विधानसभा से भाजपा की टिकट के कई दावेदार, असमंजस में पार्टी नेतृत्व और जनता