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सतपुली शराब प्रकरण पर गणेश गोदियाल को निर्वाचन आयोग की सख्त हिदायत, 'फिर से बिना सबूत न लगाएं आरोप'

Election Commission on Ganesh Godiyal For Satpuli Liquor Case सतपुली शराब प्रकरण पर कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को निर्वाचन आयोग ने सख्त हिदायत दी है. आयोग ने साफतौर पर कहा कि भविष्य में इस तरह की कोई भी बयानबाजी और आरोप न लगाएं.

SATPULI LIQUOR CASE
गणेश गोदियाल को निर्वाचन आयोग की सख्त हिदायत
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 17, 2024, 3:36 PM IST

देहरादून: लोकसभा चुनाव के चक्कलस के बीच सतपुली शराब प्रकरण के चलते सियासत गरमाई हुई है. हाल ही में एकेश्वर क्षेत्र में बंद पड़ी फैक्ट्री में 9 हजार से ज्यादा पेटी शराब पकड़ी गई थी. जिसे लेकर कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने वीडियो जारी कर बीजेपी और उनके पार्टी के प्रत्याशी अनिल बलूनी पर गंभीर आरोप लगाए थे. अब मामले में निर्वाचन आयोग ने गणेश गोदियाल को कड़ी चेतावनी दी है. साथ ही साफतौर पर कहा कि वो फिर से बिना किसी तथ्य और पुष्टि के किसी के ऊपर आरोप न लगाएं.

SATPULI LIQUOR CASE
निर्वाचन अधिकारी की हिदायत

दरअसल, बीते दिनों सतपुली क्षेत्र में बंद पड़े बॉटलिंग प्लांट में आबकारी विभाग और एफएसटी को 9331 शराब की पेटियां मिली थी. जिसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था. इतना ही नहीं कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने अपनी सोशल मीडिया पर लाइव आकर न केवल बयानबाजी की थी. बल्कि, बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी समेत सरकारी अधिकारियों पर भी कई तरह के आरोप लगाए थे. उस वक्त गणेश गोदियाल ने कहा था कि यह शराब बिना बिल और चुनाव में बांटने के लिए मंगाई गई है. जिससे मामला गरमा गया था.

अनिल बलूनी ने चुनाव आयोग से की थी कार्रवाई की मांग: कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी का कहना था कि विपक्षी दल बेबुनियाद आरोप लगा रहा है. शराब की फैक्ट्री पर दो-दो ताले लगे थे और बंद पड़ी हुई थी. पहले से ही वहां पर शराब रखी हुई थी, लेकिन कांग्रेस ने उन पर झूठे आरोप लगाए हैं. ताकि, वो अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक सके. इसलिए उन्होंने मामले में चुनाव आयोग से शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की थी.

वहीं, मामला सामने आने के पौड़ी के जिलाधिकारी/नोडल अधिकारी ने इस मामले में जांच करवाई. साथ ही गणेश गोदियाल से शराब जुड़े मामले पर सबूत और तथ्य पेश करने को कहा, लेकिन गणेश गोदियाल तथ्य और सबूत पेश करने में असमर्थ रहे. अब निर्वाचन आयोग ने उन्हें चेतावनी दी है कि आगे से इस तरह की बयानबाजी न हो. क्योंकि, यह आचार संहिता के उल्लंघन में आती है. साथ ही सख्त हिदायत दी है कि भविष्य में इस तरह के कृत्य की पुनरावृत्ति न हो.

वहीं, पौड़ी रिटर्निंग ऑफिसर ने गणेश गोदियाल को एक पत्र भेजा है. जिसमें ये कहा गया है कि उन्होंने बिना तथ्य और सबूत के आधार पर न केवल सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों व बीजेपी के उम्मीदवार पर आरोप लगाए हैं. इसलिए भविष्य में इस तरह की कोई भी बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप ना लगाया जाए. क्योंकि, यह आचार संहिता के उल्लंघन में दायरे में आती है.

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SATPULI LIQUOR CASE
निर्वाचन अधिकारी की हिदायत

दरअसल, बीते दिनों सतपुली क्षेत्र में बंद पड़े बॉटलिंग प्लांट में आबकारी विभाग और एफएसटी को 9331 शराब की पेटियां मिली थी. जिसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था. इतना ही नहीं कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने अपनी सोशल मीडिया पर लाइव आकर न केवल बयानबाजी की थी. बल्कि, बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी समेत सरकारी अधिकारियों पर भी कई तरह के आरोप लगाए थे. उस वक्त गणेश गोदियाल ने कहा था कि यह शराब बिना बिल और चुनाव में बांटने के लिए मंगाई गई है. जिससे मामला गरमा गया था.

अनिल बलूनी ने चुनाव आयोग से की थी कार्रवाई की मांग: कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी का कहना था कि विपक्षी दल बेबुनियाद आरोप लगा रहा है. शराब की फैक्ट्री पर दो-दो ताले लगे थे और बंद पड़ी हुई थी. पहले से ही वहां पर शराब रखी हुई थी, लेकिन कांग्रेस ने उन पर झूठे आरोप लगाए हैं. ताकि, वो अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक सके. इसलिए उन्होंने मामले में चुनाव आयोग से शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की थी.

वहीं, मामला सामने आने के पौड़ी के जिलाधिकारी/नोडल अधिकारी ने इस मामले में जांच करवाई. साथ ही गणेश गोदियाल से शराब जुड़े मामले पर सबूत और तथ्य पेश करने को कहा, लेकिन गणेश गोदियाल तथ्य और सबूत पेश करने में असमर्थ रहे. अब निर्वाचन आयोग ने उन्हें चेतावनी दी है कि आगे से इस तरह की बयानबाजी न हो. क्योंकि, यह आचार संहिता के उल्लंघन में आती है. साथ ही सख्त हिदायत दी है कि भविष्य में इस तरह के कृत्य की पुनरावृत्ति न हो.

वहीं, पौड़ी रिटर्निंग ऑफिसर ने गणेश गोदियाल को एक पत्र भेजा है. जिसमें ये कहा गया है कि उन्होंने बिना तथ्य और सबूत के आधार पर न केवल सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों व बीजेपी के उम्मीदवार पर आरोप लगाए हैं. इसलिए भविष्य में इस तरह की कोई भी बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप ना लगाया जाए. क्योंकि, यह आचार संहिता के उल्लंघन में दायरे में आती है.

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