रांची: पहले चरण में मतदान प्रतिशत अपेक्षा अनुरूप नहीं होने के बाद चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत को लेकर बेहद ही चिंतित है. ऐसे में चुनाव आयोग के निर्देश पर झारखंड में चौथे चरण से शुरू हो रहे मतदान में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है. चुनाव आयोग के आंकड़ों पर नजर दौराएं तो 2019 के लोकसभा चुनाव में ओवर ऑल 66.53% मतदान हुआ था जबकि 2014 में 63.82% और 2009 में वोटिंग प्रतिशत 51.1% था. मतदान प्रतिशत बढ़ने का ट्रेंड जरूर बढ़ता हुआ दिख रहा है.
झारखंड के टॉप शहर में मतदान में पीछे,वोटिंग प्रतिशत बढाने में जुटा आयोग
चुनावी आंकड़ों के अनुसार झारखंड के टॉप शहर मतदान में पीछे रहते हैं. रांची, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग जैसे शहरों के मतदाता को लेकर खास रुचि नहीं दिखाते रहे हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान के प्रति काफी रुचि रहती है. ऐसे में चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. शहरी क्षेत्र में स्थित बड़े-बड़े हाउसिंग कॉलोनी में खास प्रबंध किए गए हैं इसके अलावा वोटर अवेयरनेस फोरम के जरिए मतदाता को जागरूक करने के अलावे मतदान के दिन निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों की छुट्टी अनिवार्य की गई है.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार मतदान केन्द्रों पर वरिष्ठ और निशक्त मतदाताओं के लिए वाहन सहित अन्य मतदाताओं के लिए कई तरह की सुविधा दी गई हैं. हाउसिंग सोसायटी और वोटर अवेयरनेस फोरम के माध्यम से वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया जो शहरी क्षेत्र में काफी प्रभावी है उसका सहारा लिया गया है और लोगों को जागरूक करने के लिए जिला स्तर पर कई तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं. ऐसे में संभावना है कि झारखंड में मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव की अपेक्षा काफी अधिक होगी.
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