रायबरेली : भाजपा से सांसद प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने रायबरेली के मैनुपुर गांव में चुनाव बहिष्कार को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का हथकंडा बताया. दिनेश का दावा है कि जिस सड़क को लेकर बाॅयकाट किया गया वह सड़क निर्माणाधीन है. इसके बावजूद कांग्रेस और सपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने मैनेज करके मतदान बहिष्कार कराया.
दिनेश सिंह ने कहा कि रायबरेली के पहले सांसद उनके दादा थे. इनका नाम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने लेना उचित नहीं समझा. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी का नाम लिया, लेकिन रायबरेली के पहले सांसद फिरोज का नाम नहीं लिया, जिसके नाम से वोट नहीं मिलता. राहुल उसको दादा मानने से इनकार कर देते हैं. रायबरेली की जनता कैसे भरोसा करेगी जो अपने दादा का नहीं हो सकता, वह रायबरेली का कैसे हो सकते हैं.
दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि पांचों विधानसभा क्षेत्रों में जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी के मतदाता व कार्यकर्ताओं ने इतिहास रचा, वैसा कभी नहीं हुआ. कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास का नतीजा है कि जो लोग वोट मांगने नहीं आते थे वे चुनाव के दिन गांव की गलियों में घूमते दिखाई दिए. जबकि वायनाड में भी वह नहीं दिखाई दिए. अमेठी में घूमते दिखाई दिए थे. अगर पोलिंग के दिन गांव गली में घूम रहे हैं, तो उनके यहां से जाना तय है.
प्रियंका गांधी पर कटाक्ष करते हुए दिनेश सिंह ने कहा कि लोग प्रियंका गांधी के भरोसे चुनाव लड़ने आए थे. प्रियंका गांधी यहां से बोरिया बिस्तर समेट कर भाग चुकी हैं. रायबरेली में रोड शो के लिए परमिशन ली. पैसा लेकर यहां के श्रमिकों के घरों में गए. कहा गया एक-एक हजार रुपये मिलेंगे, लेकिन कोई प्रियंका गांधी के रोड शो में जाने को तैयार नहीं हुआ.
प्रियंका गांधी को अपना रोड शो करके कुछ औपचारिकता करके रायबरेली को छोड़ना पड़ा. सोनिया गांधी ने रायबरेली को छोड़ा. प्रियंका ने छोड़ा. अब 4 जून को राहुल गांधी भी छोड़ कर चले जाएंगे. रायबरेली का बेटा रायबरेली में ही रहकर सेवा करेगा.
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