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लखनऊ में फिर लौटेगा इक्का-तांगा का दौर, हेरिटेज जोन में नहीं जा सकेंगे वाहन - Nawabi era will return to Lucknow

लखनऊ जिला प्रशासन ने लखनऊ के ऐतिहासिक इलाकों में एक फिर से नवाबी दौर (Nawabi Era Will Return to Lucknow) का लौटाने की कवायद शुरू करने जा रहा है. इस कड़ी में इक्का-तांगा चलाने के साथ शाही सवारी को भी शामिल किया जाएगा. जानिए क्या है तैयारी...

लखनऊ में फिर चलेंगे इक्का और तांगा.
लखनऊ में फिर चलेंगे इक्का और तांगा. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 12, 2024, 12:07 PM IST

लखनऊ में लौटेगा नवाबी दौर. देखें खास खबर (Video Credit : ETV Bharat)

लखनऊ : शहर के हेरिटेज जोन को फिर से पुरानी रौनक देने के लिए प्रशासन ने योजना बनाई है. इसके तहत लखनऊ के ऐतिहासिक इलाकों में इक्के और तांगे फिर से दौड़ते नजर आएंगे. इस पहल का उद्देश्य शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करना है.

तांगा चलाने वाले अच्छू खान का कहना है कि प्रशासन का यह बहुत ही अच्छा फैसला है. इक्का और तांगा लखनऊ की शाही सवारी है. यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है. पर्यटक अपनी महंगी गाड़ियों को छोड़कर के इक्के और तांगे पर सवारी करते हैं और लखनऊ के ऐतिहासिक इमारत का नजारा करते हैं. सरकार ने बड़े इमामबाड़े के सामने इक्का और तांगा स्टैंड भी बनाया है. साथ ही घोड़े को पानी पीने के लिए टैंक भी बनवाए गए हैं. सरकार का यह फैसला सराहनीय है हम इसका स्वागत करते हैं. अच्छू का कहना है कि लखनऊ के हुसैनाबाद क्षेत्र में अब सिर्फ 15 इक्के और तांगे बचे हैं. कुछ साल पहले कई दर्जन इक्के और तांगे इस इलाके में चलते थे.




असम से आई पर्यटक राखी ने ईटीवी भारत से कहा कि महंगी गाड़ियों को छोड़कर के इक्का तांगा में बैठकर लखनऊ के ऐतिहासिक इमारत देखने का अलग ही लुत्फ है. भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बहाल करने के लिए प्रशासन का फैसला अच्छा है. असम से आए दीपक राठी का कहना है कि तांगे में बैठकर नवाबों जैसी फीलिंग आती है. लखनऊ के ऐतिहासिक इमारत को तांगे में बैठकर देखने का मजा ही अलग है.

दिल्ली से आई पर्यटक रितु ने बताया कि इक्का और तांगा में बैठकर के लखनऊ के हुसैनाबाद क्षेत्र में ऐतिहासिक इमारत का देखने का अनुभव बहुत ही दिलचस्प रहा. मैं पहली बार लखनऊ आई हूं और तांगे में बैठ करके लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतें देखीं. यह बिल्कुल एक अलग एहसास और अनुभव था. सरकार का यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि इक्का तांगा इको फ्रेंडली हैं.




पूर्व सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश सैयद हैदर अब्बास ने बताया कि कमिश्नर रोशन जैकब, डीएम, नगर आयुक्त, एलडीए के वीसी के साथ हुई बैठक में फ्रांस और इटली की तर्ज पर लखनऊ के हेरिटेज जोन में व्हीकल पर पूर्ण पाबंदी लगाने के साथ सिर्फ इक्के- तांगे चलाने प सहमति बनी है. कमिश्नर की संस्तुति के आधार पर कमेटी गठित कर दी गई है. कमेटी के सर्वे और रिपोर्ट के बाद दूसरे वाहनों पर पाबंदी लगाई जाएगी. योजना के तहत गोमती नदी के किनारे स्थित पुराने शहर के क्षेत्रों में रूमी दरवाजा, बड़ा इमामबाड़ा और चौक इलाके में इक्के और तांगे चलाए जाने हैं. पर्यटन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तांगा और इक्का चलाने वाले प्रशिक्षित घुड़सवारों को योजना में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा तांगों और इक्कों को भी ऐतिहासिक शैली में सुसज्जित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : विश्व धरोहर सूची में शामिल नहीं हो पाईं लखनऊ की नायाब और ऐतिहासिक धरोहरें, जानें कारण

यह भी पढ़ें : लखनऊ महोत्सव में पहली बार मिलेगी 'हेलिकॉप्टर' सवारी, दिखेगा शहर का नजारा

लखनऊ में लौटेगा नवाबी दौर. देखें खास खबर (Video Credit : ETV Bharat)

लखनऊ : शहर के हेरिटेज जोन को फिर से पुरानी रौनक देने के लिए प्रशासन ने योजना बनाई है. इसके तहत लखनऊ के ऐतिहासिक इलाकों में इक्के और तांगे फिर से दौड़ते नजर आएंगे. इस पहल का उद्देश्य शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करना है.

तांगा चलाने वाले अच्छू खान का कहना है कि प्रशासन का यह बहुत ही अच्छा फैसला है. इक्का और तांगा लखनऊ की शाही सवारी है. यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है. पर्यटक अपनी महंगी गाड़ियों को छोड़कर के इक्के और तांगे पर सवारी करते हैं और लखनऊ के ऐतिहासिक इमारत का नजारा करते हैं. सरकार ने बड़े इमामबाड़े के सामने इक्का और तांगा स्टैंड भी बनाया है. साथ ही घोड़े को पानी पीने के लिए टैंक भी बनवाए गए हैं. सरकार का यह फैसला सराहनीय है हम इसका स्वागत करते हैं. अच्छू का कहना है कि लखनऊ के हुसैनाबाद क्षेत्र में अब सिर्फ 15 इक्के और तांगे बचे हैं. कुछ साल पहले कई दर्जन इक्के और तांगे इस इलाके में चलते थे.




असम से आई पर्यटक राखी ने ईटीवी भारत से कहा कि महंगी गाड़ियों को छोड़कर के इक्का तांगा में बैठकर लखनऊ के ऐतिहासिक इमारत देखने का अलग ही लुत्फ है. भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बहाल करने के लिए प्रशासन का फैसला अच्छा है. असम से आए दीपक राठी का कहना है कि तांगे में बैठकर नवाबों जैसी फीलिंग आती है. लखनऊ के ऐतिहासिक इमारत को तांगे में बैठकर देखने का मजा ही अलग है.

दिल्ली से आई पर्यटक रितु ने बताया कि इक्का और तांगा में बैठकर के लखनऊ के हुसैनाबाद क्षेत्र में ऐतिहासिक इमारत का देखने का अनुभव बहुत ही दिलचस्प रहा. मैं पहली बार लखनऊ आई हूं और तांगे में बैठ करके लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतें देखीं. यह बिल्कुल एक अलग एहसास और अनुभव था. सरकार का यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि इक्का तांगा इको फ्रेंडली हैं.




पूर्व सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश सैयद हैदर अब्बास ने बताया कि कमिश्नर रोशन जैकब, डीएम, नगर आयुक्त, एलडीए के वीसी के साथ हुई बैठक में फ्रांस और इटली की तर्ज पर लखनऊ के हेरिटेज जोन में व्हीकल पर पूर्ण पाबंदी लगाने के साथ सिर्फ इक्के- तांगे चलाने प सहमति बनी है. कमिश्नर की संस्तुति के आधार पर कमेटी गठित कर दी गई है. कमेटी के सर्वे और रिपोर्ट के बाद दूसरे वाहनों पर पाबंदी लगाई जाएगी. योजना के तहत गोमती नदी के किनारे स्थित पुराने शहर के क्षेत्रों में रूमी दरवाजा, बड़ा इमामबाड़ा और चौक इलाके में इक्के और तांगे चलाए जाने हैं. पर्यटन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तांगा और इक्का चलाने वाले प्रशिक्षित घुड़सवारों को योजना में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा तांगों और इक्कों को भी ऐतिहासिक शैली में सुसज्जित किया जाएगा.

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