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एकादशी व्रत क्यों है बेहद खास, क्या है नियम और महत्व, जानिए

Ekadashi Vrat 2024 सनातन के समर्थकों के लिए एकादशी का व्रत बेहद खास होता है. साल में 24 एकादशी पड़ती है, जबकि महीने में दो एकादशी का व्रत पड़ता है. इन सभी एकादशियों का अपना अलग-अलग महत्व होता है. एकादशी का व्रत श्रीहरि अर्थात भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान श्रीहरि के साथ माता लक्ष्मी जी की भी विशेष कृपा भक्तों को मिलती है.

Ekadashi Vrat
एकादशी व्रत
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 17, 2024, 4:07 AM IST

एकादशी व्रत का महत्व

रायपुर: एकादशी का व्रत हरि भक्तों के लिए व्रत रखा जाता है. एकादशी संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है, जिसका अर्थ होता है ग्यारह. पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी के नाम से जानते हैं. हर माह 2 एकादशी पड़ती है. इस तरह पूरे साल भर में 24 एकादशी का व्रत किया जाता है. इन सभी एकादशियों को हर महीने में अलग-अलग नाम से जाना जाता है. अलग-अलग पक्ष में आने वाली एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व होता है.

एकादशी व्रत के महत्व: शास्त्र और पुराणों के अनुसार, एकादशी को हरि दिन और हरि वासर के नाम से भी जानते हैं. इस व्रत को वैष्णव और गैर वैष्णव दोनों ही समुदाय के लोग रखते हैं. एकादशी के व्रत को हवन यज्ञ और वैदिक कर्मकांड से भी अधिक फलदायी माना गया है. इस व्रत की एक मान्यता यह भी है कि इससे पूर्वज या पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. स्कंद पुराण में एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया गया है.

एकादशी व्रत के नियम: एकादशी व्रत करने का नियम कठोर होता है. व्रत करने वाले को एकादशी तिथि के पहले सूर्यास्त से लेकर एकादशी के अगले सूर्योदय तक व्रत रखना होता है. यह व्रत महिला-पुरुष के अलावा तीसरे लिंग के लोग भी अपनी स्वेच्छा से रख सकते हैं. एकादशी व्रत करने के लिए कुछ जरूरी नियम भी बताए गए हैं.

एकादशी व्रत के दिन क्या करें:

  1. एकादशी व्रती को दशमी के दिन सूर्यास्त से ही व्रत शुरु करना चाहिए.
  2. एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान से निपट कर श्रीहरि की पीजा करें.
  3. दशमी तिथि के दिन बिना नमक का भोजन ग्रहण करना होगा.
  4. व्रत के दिन कम से कम बातचीत करें और मन में विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें.
  5. व्रत के दौरान ताजे फल, मेवा, चीनी, कुट्टू का आटा, नारियल, जैतून, दूध, अदरक, काली मिर्च, सेंधा नमक, आलू, साबूदाना, शकरकंद आदि ग्रहण कर सकते हैं.

एकादशी व्रत के दिन किन बातों का रखें विशेष ध्यान:

  1. एकादशी के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए.
  2. व्रत करने वाले को मांस, मछली, प्याज, दाल, और शहद जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
  3. एकादशी के दिन चावल का सेवन भी वर्जित माना गया है.
  4. व्रत के दिन भोग विलास से दूर रहना चाहिए और पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
  5. एकादशी के दिन गेहूं, मसाले और सब्जी आदि का सेवन निषेध माना गया है.
  6. व्रत के दिन वृक्ष से पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए. बाल नहीं कटवाने चाहिए.
  7. एकादशी के दिन मन में किसी प्रकार के गलत विचारों से दूर रहना चाहिए.


इस तरह एकादशी का व्रत करने वाले लोगों को कुल मिलाकर सात्विक होना चाहिए. कुछ व्यक्ति एकादशी के व्रत को निर्जला भी करते हैं और कुछ लोग फलाहार और पानी पीकर भी इस व्रत को करते हैं.

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एकादशी व्रत का महत्व

रायपुर: एकादशी का व्रत हरि भक्तों के लिए व्रत रखा जाता है. एकादशी संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है, जिसका अर्थ होता है ग्यारह. पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी के नाम से जानते हैं. हर माह 2 एकादशी पड़ती है. इस तरह पूरे साल भर में 24 एकादशी का व्रत किया जाता है. इन सभी एकादशियों को हर महीने में अलग-अलग नाम से जाना जाता है. अलग-अलग पक्ष में आने वाली एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व होता है.

एकादशी व्रत के महत्व: शास्त्र और पुराणों के अनुसार, एकादशी को हरि दिन और हरि वासर के नाम से भी जानते हैं. इस व्रत को वैष्णव और गैर वैष्णव दोनों ही समुदाय के लोग रखते हैं. एकादशी के व्रत को हवन यज्ञ और वैदिक कर्मकांड से भी अधिक फलदायी माना गया है. इस व्रत की एक मान्यता यह भी है कि इससे पूर्वज या पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. स्कंद पुराण में एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया गया है.

एकादशी व्रत के नियम: एकादशी व्रत करने का नियम कठोर होता है. व्रत करने वाले को एकादशी तिथि के पहले सूर्यास्त से लेकर एकादशी के अगले सूर्योदय तक व्रत रखना होता है. यह व्रत महिला-पुरुष के अलावा तीसरे लिंग के लोग भी अपनी स्वेच्छा से रख सकते हैं. एकादशी व्रत करने के लिए कुछ जरूरी नियम भी बताए गए हैं.

एकादशी व्रत के दिन क्या करें:

  1. एकादशी व्रती को दशमी के दिन सूर्यास्त से ही व्रत शुरु करना चाहिए.
  2. एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान से निपट कर श्रीहरि की पीजा करें.
  3. दशमी तिथि के दिन बिना नमक का भोजन ग्रहण करना होगा.
  4. व्रत के दिन कम से कम बातचीत करें और मन में विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें.
  5. व्रत के दौरान ताजे फल, मेवा, चीनी, कुट्टू का आटा, नारियल, जैतून, दूध, अदरक, काली मिर्च, सेंधा नमक, आलू, साबूदाना, शकरकंद आदि ग्रहण कर सकते हैं.

एकादशी व्रत के दिन किन बातों का रखें विशेष ध्यान:

  1. एकादशी के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए.
  2. व्रत करने वाले को मांस, मछली, प्याज, दाल, और शहद जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
  3. एकादशी के दिन चावल का सेवन भी वर्जित माना गया है.
  4. व्रत के दिन भोग विलास से दूर रहना चाहिए और पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
  5. एकादशी के दिन गेहूं, मसाले और सब्जी आदि का सेवन निषेध माना गया है.
  6. व्रत के दिन वृक्ष से पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए. बाल नहीं कटवाने चाहिए.
  7. एकादशी के दिन मन में किसी प्रकार के गलत विचारों से दूर रहना चाहिए.


इस तरह एकादशी का व्रत करने वाले लोगों को कुल मिलाकर सात्विक होना चाहिए. कुछ व्यक्ति एकादशी के व्रत को निर्जला भी करते हैं और कुछ लोग फलाहार और पानी पीकर भी इस व्रत को करते हैं.

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