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असली नोट को नकली बताकर व्यापारी को फंसाया, 4 गुना कमाने का लालच देकर ठगे 2 करोड़, अब गिरफ्तार - GORAKHPUR NEWS

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 9:26 PM IST

कोलकाता के व्यापारी से दो करोड़ रुपये की ठगी करने वाले आठ जालसाजों को गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने पैसों की ठगी का तरीका जो अपनाया, वह काफी चौंकाने वाला है.

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ठग गिरोह के सदस्य गिरफ्तार. (Etv Bharat)


गोरखपुर: असली नोट को नकली बताकर और नकली नोट बनाने का वीडियो दिखाकर कोलकाता के व्यापारी और मूल रूप से सहजनवा थाना क्षेत्र निवासी चंद्रिका निषाद से करीब 2 करोड़ रुपये ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. सहजनवां और क्राइम ब्रांच टीम ने बुधवार इस गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें तीन पीआरडी जवान और एक तथाकति पत्रकार शामिल है. जबकि गिरोह का मास्टर माइंड फरार है.

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवार ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवार ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि ठगे गए दो करोड रुपए में से 28 लख रुपए से अधिक की बरामदगी कर ली गई है. इस गैंग का सरगना बांसगाव थाना क्षेत्र निवासी अमरजीत बेलदार फरार है. गिरोह में शामिल अभिषेक यादव, अनंत राय, राणाप्रताप पाण्डेय, अजय मौर्या, शिवप्रताप, नागेन्द्र कुमार और शैलेन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया गया है. आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है.

एसएसपी ने बताया कि गैंग के लोग पीड़ित को जमीन दिलाने के नाम पर संपर्क किया. इस दौरान असली नोट को नकली नोट बातकर व्यापारी चंद्रिका को कुछ हजार रुपए भी दिये. कई जगह उस रुपये से पीड़ित चंद्रिका निषाद ने लेनदेन किया. यहां तक की बैंक में भी पैसा जमा किया लेकिन तथाकथित नकली नोट पकड़ में नहीं आई. जिससे चंद्रिका निषाद का गैंग पर भरोसा जम गया और वह नकली नोट चलाने के बदले चार गुना पैसा कमाने की लालच में, धीरे-धीरे ठगों की जाल में फंसता गया. चंद्रिका ने जालसाजों को करीब दो करोड़ रुपए तक उन्हें सौंप दिया. लेकिन पैसे लेने के बाद गैंग ने रुपए देना बंद कर दिया और उसके संपर्क से कट गए. इसके बाद चंद्रिका निषाद ने शक हुआ तो पुलिस को शिकायत दी. एसएसपी ने बताया कि तुरंत सहजनवा थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

एसएसपी ने बताया कि चंद्रिका पश्चिम बंगाल में रहकर ठेके पर बड़े पैमाने पर पेंट पालिश का कारोबार करते हैं. इसके साथ ही इंटीरियर डिजाइनिंग में भी काम करते हैं. योजना के तहत आरोपी चंद्रिका से मिलने मार्च में कोलकाता गये थे. चंद्रिका को विश्वास में लेकर यह बताया कि वह लोग नकली नोट का धंधा करते हैं. यदि आप हमें 2 करोड़ रूपये देंगे तो इसके बदले हम लोग आपको 8 करोड़ रुपयों का नकली नोट देंगे. जिन्हे आप असली की तरह प्रयोग कर सकते हैं. विश्वास दिलाने के लिए 5 लाख रुपये के असली नोट चंद्रिका प्रसाद को नकली बताकर दे दिए. जो बाजार में कहीं नहीं पकड़े गए. इस पर चंद्रिका को विश्वास हो गया. इस पर चंद्रिका ने 50 लाख रुपये गैंग को दे दिए. इसके बाद चंद्रिका जलसाजों के कहने पर गोरखपुर आया और जब करीब 2 करोड़ रुपये किश्तों में सौंप रहा था. तभी तथाकथित पत्रकार और पीआरडी जवानों की टीम फर्जी पुलिस बनकर पर छापा मार दिया. जिसमें सेटिंग करते हुए यह लोग बाहर निकले. लेकिन चंद्रिका को उसका मूल रुपये नहीं मिला. इस पर मुकदमा दर्ज कराया था.

इसे भी पढ़ें-इंटर पास ठग ने फर्जी CMO बनकर IT इंजीनियर से हड़प लिए 2 लाख; फिर से पैसे वसूलने की थी तैयारी, पकड़ा गया


गोरखपुर: असली नोट को नकली बताकर और नकली नोट बनाने का वीडियो दिखाकर कोलकाता के व्यापारी और मूल रूप से सहजनवा थाना क्षेत्र निवासी चंद्रिका निषाद से करीब 2 करोड़ रुपये ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. सहजनवां और क्राइम ब्रांच टीम ने बुधवार इस गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें तीन पीआरडी जवान और एक तथाकति पत्रकार शामिल है. जबकि गिरोह का मास्टर माइंड फरार है.

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवार ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवार ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि ठगे गए दो करोड रुपए में से 28 लख रुपए से अधिक की बरामदगी कर ली गई है. इस गैंग का सरगना बांसगाव थाना क्षेत्र निवासी अमरजीत बेलदार फरार है. गिरोह में शामिल अभिषेक यादव, अनंत राय, राणाप्रताप पाण्डेय, अजय मौर्या, शिवप्रताप, नागेन्द्र कुमार और शैलेन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया गया है. आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है.

एसएसपी ने बताया कि गैंग के लोग पीड़ित को जमीन दिलाने के नाम पर संपर्क किया. इस दौरान असली नोट को नकली नोट बातकर व्यापारी चंद्रिका को कुछ हजार रुपए भी दिये. कई जगह उस रुपये से पीड़ित चंद्रिका निषाद ने लेनदेन किया. यहां तक की बैंक में भी पैसा जमा किया लेकिन तथाकथित नकली नोट पकड़ में नहीं आई. जिससे चंद्रिका निषाद का गैंग पर भरोसा जम गया और वह नकली नोट चलाने के बदले चार गुना पैसा कमाने की लालच में, धीरे-धीरे ठगों की जाल में फंसता गया. चंद्रिका ने जालसाजों को करीब दो करोड़ रुपए तक उन्हें सौंप दिया. लेकिन पैसे लेने के बाद गैंग ने रुपए देना बंद कर दिया और उसके संपर्क से कट गए. इसके बाद चंद्रिका निषाद ने शक हुआ तो पुलिस को शिकायत दी. एसएसपी ने बताया कि तुरंत सहजनवा थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

एसएसपी ने बताया कि चंद्रिका पश्चिम बंगाल में रहकर ठेके पर बड़े पैमाने पर पेंट पालिश का कारोबार करते हैं. इसके साथ ही इंटीरियर डिजाइनिंग में भी काम करते हैं. योजना के तहत आरोपी चंद्रिका से मिलने मार्च में कोलकाता गये थे. चंद्रिका को विश्वास में लेकर यह बताया कि वह लोग नकली नोट का धंधा करते हैं. यदि आप हमें 2 करोड़ रूपये देंगे तो इसके बदले हम लोग आपको 8 करोड़ रुपयों का नकली नोट देंगे. जिन्हे आप असली की तरह प्रयोग कर सकते हैं. विश्वास दिलाने के लिए 5 लाख रुपये के असली नोट चंद्रिका प्रसाद को नकली बताकर दे दिए. जो बाजार में कहीं नहीं पकड़े गए. इस पर चंद्रिका को विश्वास हो गया. इस पर चंद्रिका ने 50 लाख रुपये गैंग को दे दिए. इसके बाद चंद्रिका जलसाजों के कहने पर गोरखपुर आया और जब करीब 2 करोड़ रुपये किश्तों में सौंप रहा था. तभी तथाकथित पत्रकार और पीआरडी जवानों की टीम फर्जी पुलिस बनकर पर छापा मार दिया. जिसमें सेटिंग करते हुए यह लोग बाहर निकले. लेकिन चंद्रिका को उसका मूल रुपये नहीं मिला. इस पर मुकदमा दर्ज कराया था.

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