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बंगलौर के 8 सदस्यीय दल ने किया सीमांत गांवों का भ्रमण, पहाड़ की आत्मियता से हुआ रूबरू - Rudraprayag frontier villages Tour

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 28, 2024, 6:20 PM IST

Rudraprayag border villages Tour, Bangalore team Panch Kedar Yatra बैंगलोर का दल पहाड़ की आत्मियता से रूबरू होकर वापस लौट गया है. पंच केदार यात्रा के नेतृत्व में बैंगलोर के आठ सदस्यीय दल ने सीमांत गांवों का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने सीमांत गांवों को करीब से जाना.

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बंगलौर के 8 सदस्यीय दल ने किया सीमांत गांवों का भ्रमण

रुद्रप्रयाग: सीमान्त गांवों में पर्यटन व होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विगत दिनों केदार घाटी के सीमान्त गांवों में पहुंचा बैंगलोर का आठ सदस्यीय दल सकुशल वापस लौट गया है. सीमान्त गांवों के भ्रमण के दौरान दल ने पहाड़ की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व पौराणिक परम्पराओं का अध्ययन किया. साथ ही फुलारी महोत्सव तथा पहाड़ की रहन-सहन से भी रूबरू हुए.

पंच केदार यात्रा गांव के नेतृत्व में बैंगलोर के आठ सदस्यीय दल ने पहाड़ की संस्कृति से रूबरू होने के बाद आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि पहाड़ के पग-पग पर आत्मियता झलकती है. बैंगलोर निवासी श्याम कृष्णा ने कहा तल्लानागपुर के ग्वांस-उसनतोली बुग्याल, कार्तिक स्वामी पैदल ट्रैक बहुत ही खूबसूरत है. उसनतोली बुग्याल को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है.भविष्य में इस पैदल ट्रैक में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. जिस पर सरकार और शासन-प्रशासन को कार्य करने की जरूरत है. दीपक ने कहा हिल स्टेशन मोहनखाल बहुत ही खूबसूरत है. मोहनखाल-किणझाणी-चन्द्रनगर पैदल ट्रैक विकसित करने से सीमांत गांवों में होम स्टे योजना को बढ़ावा मिल सकता है. स्मृति ने कहा पहाड़ का रहन-सहन व यहां के लोगों के व्यवहार में आत्मियता झलकती है.

शिल्पा ने कहा पर्यटक स्थल देवरिया ताल व तुंगनाथ घाटी की सुरम्य वादियों से पहली बार रूबरू होने का सौभाग्य मिला. पूर्वी ने कहा पहाड़ के पग-पग में प्रकृति ने नव नवेली दुल्हन की तरह सजाया व संवारा है. भ्रमण के दौरान यहां परम आनन्द की अनुभूति हुई है. आशा ने कहा पहाड़ की सुन्दरता की महिमा का जितना गुणगान करें उतना कम है. निकिता ने कहा चन्द्रशिला के ऊंचे शिखर से चौखम्बा सहित हिमालय की पर्वत श्रृंखला दृष्टिगोचर होने से ऐसा लगा की धरती का साक्षात् स्वर्ग इसी माटी में है.

पढे़ं- देहरादून में गेल इंडिया की मॉक ड्रिल, गैस पाइप लाइन में लगी आग पर पाया काबू

रुद्रप्रयाग: सीमान्त गांवों में पर्यटन व होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विगत दिनों केदार घाटी के सीमान्त गांवों में पहुंचा बैंगलोर का आठ सदस्यीय दल सकुशल वापस लौट गया है. सीमान्त गांवों के भ्रमण के दौरान दल ने पहाड़ की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व पौराणिक परम्पराओं का अध्ययन किया. साथ ही फुलारी महोत्सव तथा पहाड़ की रहन-सहन से भी रूबरू हुए.

पंच केदार यात्रा गांव के नेतृत्व में बैंगलोर के आठ सदस्यीय दल ने पहाड़ की संस्कृति से रूबरू होने के बाद आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि पहाड़ के पग-पग पर आत्मियता झलकती है. बैंगलोर निवासी श्याम कृष्णा ने कहा तल्लानागपुर के ग्वांस-उसनतोली बुग्याल, कार्तिक स्वामी पैदल ट्रैक बहुत ही खूबसूरत है. उसनतोली बुग्याल को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है.भविष्य में इस पैदल ट्रैक में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. जिस पर सरकार और शासन-प्रशासन को कार्य करने की जरूरत है. दीपक ने कहा हिल स्टेशन मोहनखाल बहुत ही खूबसूरत है. मोहनखाल-किणझाणी-चन्द्रनगर पैदल ट्रैक विकसित करने से सीमांत गांवों में होम स्टे योजना को बढ़ावा मिल सकता है. स्मृति ने कहा पहाड़ का रहन-सहन व यहां के लोगों के व्यवहार में आत्मियता झलकती है.

शिल्पा ने कहा पर्यटक स्थल देवरिया ताल व तुंगनाथ घाटी की सुरम्य वादियों से पहली बार रूबरू होने का सौभाग्य मिला. पूर्वी ने कहा पहाड़ के पग-पग में प्रकृति ने नव नवेली दुल्हन की तरह सजाया व संवारा है. भ्रमण के दौरान यहां परम आनन्द की अनुभूति हुई है. आशा ने कहा पहाड़ की सुन्दरता की महिमा का जितना गुणगान करें उतना कम है. निकिता ने कहा चन्द्रशिला के ऊंचे शिखर से चौखम्बा सहित हिमालय की पर्वत श्रृंखला दृष्टिगोचर होने से ऐसा लगा की धरती का साक्षात् स्वर्ग इसी माटी में है.

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