उत्तरकाशी: केंद्र सरकार की ओर से एक बार सीमांत गांव को आबाद करने के लिए कदम उठाने शुरू हो चुके हैं. गांव को बसाने के लिए बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विकास की कवायद की जा रही है. साथ ही स्थानीय स्तर पर आजीविका के बेहतर अवसर पैदा करने के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत कारगर कदम उठाए जाने की योजना तैयार की जा रही है. जिला अधिकारी ने इस संबंध में ग्रामीणों के प्रतिनिधियों के साथ ही सेना एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया.
उत्तरकाशी में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि इस सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन विकास की प्रचुर संभावना है. जिसे जमीन पर उतारने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने पर्यटन विभाग को जादूंग गांव के लिए प्रस्तावित होम स्टे योजना के दायरे में सभी परिवारों को लाए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस गांव में पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं जुटाने के साथ ही स्थानीय लोगों की समस्याओं के व्यावहारिक समाधान पर सभी विभाग प्राथमिकता से ध्यान दें.
उन्होंने ग्रामीणों को नेलांग गांव की भूमि का जल्द सर्वेक्षण कराने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि नेलांग-जादूंग गांव के विकास और पुनर्स्थापन कार्य में ग्रामीणों की इच्छा और सुझावों को पूरी तवज्जो दी जाएगी. स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. जिलाधिकारी ने सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों के साथ ही केंद्र सरकार के अन्य संगठनों से भी इन गांवों को फिर से बसाने में सहयोग करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि वाईब्रेंट विलेज योजना में सभी विभाग और संगठन परस्पर तालमेल से इन गांवों के समग्र विकास में जुटेंगे.
बैठक में नेलांग-जादूंग गांव के मूल निवासियों के प्रतिनिधि मदन सिंह डोगरा, पूर्व प्रधान भगवान सिंह राणा तथा शेर सिंह राणा ने कहा कि नेलांग-जादूंग गांवों को फिर से बसाने के लिए स्थानीय लोग तत्पर हैं. उन्होंने इन गांवों में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही आवास और रोजगार के व्यवस्था किए जाने पर जोर देने के साथ ही जादूंग गांव के सभी 23 परिवारों से जुड़े लोगों को होमस्टे योजना से लाभांवित करने और नेलांग गांव में ग्रामीणों की भूमि के चिन्हीकरण के लिए सर्वेक्षण कराए जाने की मांग प्रमुखता से उठाई.
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