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ऑपरेशन ऑक्टोपस की सफलता के बाद अब बूढ़ापहाड़ एक्शन प्लान का भी दिखने लगा असर, इलाके की बदलने लगी तस्वीर, एसपी अंजनी अंजन का प्रयास का लाया रंग - Boodhapahar Action Plan

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 26, 2024, 9:43 PM IST

Operation Octopus in Boodhapahar.जहां कभी गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई देती थी और लोग भय के साये में जीते थे, आज वहां अमन-शांति है और लोग निर्भीक होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं. नक्सल मुक्त बूढ़ापहाड़ के इलाके में ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल शुरू की गई है. जिसके बाद अब इलाके की तस्वीर बदलने लगी है.

Boodhapahar Action Plan
अभियान के दौरान सुरक्षा बल और बच्ची को स्लेट देते लातेहार एसपी अंजनी अंजन. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)

लातेहारः कभी नक्सलियों के गढ़ कहलाने वाले बूढ़ापहाड़ का इलाका वर्तमान समय में नक्सलियों के चंगुल से मुक्त हो चुका है. अब यहां बूढ़ापहाड़ एक्शन प्लान के तहत ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना धरातल पर उतारी जा रही हैं. नक्सलियों के चंगुल से बूढ़ापहाड़ के इलाके को मुक्त करने में अहम भूमिका निभाने वाले लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने जिस उत्साह और लगन से बूढ़ापहाड़ से नक्सलियों को खदेड़ने का काम किया और यहां रहने वाले ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया है वह अपने आप में एक मिसाल बन गया है.

बूढ़ापहाड़ एक्शन प्लान के बाद कैसे इलाके की तस्वीर बदली इसे टटोलती रिपोर्ट और जानकारी देते एसपी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

दो वर्ष पहले तक बूढ़ापहाड़ इलाके में था नक्सलियों का वर्चस्व

दरअसल, 2 वर्ष पूर्व तक बूढ़ापहाड़ के अलावा लातेहार जिले के इलाकों में नक्सलियों का वर्चस्व काफी अधिक था. पूर्व में नक्सली हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर बूढ़ापहाड़ के इलाके में शरण लेते थे. जिले से नक्सलियों को खदेड़ने और उन्हें कमजोर करने के लिए पुलिस के समक्ष बूढ़ापहाड़ को नक्सल मुक्त बनाने की चुनौती थी. इसी बीच पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों के निर्देश के बाद लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने गत दो वर्ष पूर्व ऑपरेशन ऑक्टोपस चलाकर लातेहार जिले के हिस्से में आने वाले बूढ़ापहाड़ को नक्सल मुक्त बनाने का कार्य आरंभ किया था.

लातेहार एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में चलाया गया था ऑपरेशन ऑक्टोपस

पहले तो यह कार्य काफी चुनौती पूर्ण लग रहा था, लेकिन एसपी ने सफल रणनीति के तहत कार्य करते हुए नक्सलियों के खिलाफ अभियान आरंभ किया. देखते ही देखते आसपास के ग्रामीणों का सहयोग भी पुलिस को मिलने लगा. ग्रामीणों का सहयोग मिलने के बाद पुलिस का उत्साह बढ़ा और नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज हुआ. लगभग 1 वर्ष के कड़े परिश्रम के बाद बूढ़ापहाड़ से नक्सली भागने को मजबूर हो गए. पुलिस और सुरक्षा बलों ने इस दौरान ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया कराने की पहल की थी.

नक्सलियों के लिए पतन का साल रहा 2022-23

लातेहार जिले में वर्ष 2022-23 नक्सलियों के लिए पतन का वर्ष साबित हुआ.पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन की सटीक सूचना तंत्र और उस पर पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई के कारण नक्सलियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. बूढ़ापहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए बड़े अभियान का असर जिले के अन्य क्षेत्रों में भी दिखा. पुलिस की कार्रवाई के कारण इस दो वर्ष में कुल 140 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें कई नक्सली बूढ़ापहाड़ के एरिया में सक्रिय थे.

पुलिस की कार्रवाई के बाद कई नक्सलियों ने किया था सरेंडर

नक्सलियों के खिलाफ पुलिस के द्वारा की जा रही त्वरित कार्रवाई से नक्सलियों में भय का भी आलम देखा गया. इसी का परिणाम रहा कि कुल 9 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने इस दौरान नक्सलियों के हथियार भी बरामद किए. इनमें कुल 80 से अधिक विभिन्न प्रकार के हथियार ,1300 से अधिक गोलियां समेत अन्य सामान बरामद किए गए थे.

बूढ़ापहाड़ के इलाके में रहने वाले ग्रामीणों के लिए सुविधा बहाल करने की पहल शुरू

नक्सलियों को खदेड़ने के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके में रहने वाले लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना आरंभ कर दी गई है. पहले चरण में जहां ग्रामीणों के आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, पेंशन, बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, कच्ची सड़क का निर्माण आदि कार्य को धरातल पर उतारा गया है. वहीं अब इस इलाके में पहुंचने के लिए पक्की सड़क निर्माण की योजना पर भी कार्य आरंभ किया जा रहा है. बूढ़ापहाड़ के तिसिया, नवाटोली ,चरहू आदि गांवों तक पहुंचने के लिए रास्ते में पड़ने वाली पहाड़ी नदी पर पुलिस विभाग के द्वारा श्रमदान कर स्थाई पुल-पुलिया का निर्माण कराया गया. इसका असर इस बार चुनाव में भी देखने को मिला, जहां मतदाताओं का उत्साह चरम पर था.

परिश्रम और सुरक्षा बलों के सहयोग से मिली सफलताः एसपी

इधर, बूढ़ापहाड़ के अलावा लातेहार जिले को नक्सलियों के चंगुल से काफी हद तक मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाने वाले लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि 2 वर्ष पूर्व सितंबर माह में जब बूढ़ापहाड़ के इलाके में नक्सलियों के खिलाफ ऑक्टोपस ऑपरेशन आरंभ किया गया था तो इसे सफल बनाने में पुलिस को काफी चुनौती का सामना करना पड़ा. अभियान में लातेहार पुलिस के अलावे सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर, कोबरा के साथ-साथ कई अन्य सुरक्षा बलों के द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई.

भविष्य में बूढ़ापहाड़ के इलाके में कई विकास कार्य धरातल पर उतारे जाएंगे

लगातार किए गए परिश्रम के कारण नक्सलियों के खिलाफ लगातार सफलता भी मिलती गई. जिस कारण नक्सलियों को अंत में बूढ़ापहाड़ छोड़कर भागना पड़ा. कमजोर हुए नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रही. जिसके कारण बड़ी संख्या में नक्सलियों की गिरफ्तारी भी हुई और कई हथियार भी बरामद हुए. उन्होंने कहा कि इस पूरे अभियान में स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग भरपूर मिला. पुलिस के द्वारा भी ग्रामीणों को हर संभव मदद पहुंचाई गई. भविष्य में इस पूरे इलाके में विकास के कई कार्य धरातल पर उतरेंगे. इसके लिए योजना भी तैयार है.

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लातेहारः कभी नक्सलियों के गढ़ कहलाने वाले बूढ़ापहाड़ का इलाका वर्तमान समय में नक्सलियों के चंगुल से मुक्त हो चुका है. अब यहां बूढ़ापहाड़ एक्शन प्लान के तहत ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना धरातल पर उतारी जा रही हैं. नक्सलियों के चंगुल से बूढ़ापहाड़ के इलाके को मुक्त करने में अहम भूमिका निभाने वाले लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने जिस उत्साह और लगन से बूढ़ापहाड़ से नक्सलियों को खदेड़ने का काम किया और यहां रहने वाले ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया है वह अपने आप में एक मिसाल बन गया है.

बूढ़ापहाड़ एक्शन प्लान के बाद कैसे इलाके की तस्वीर बदली इसे टटोलती रिपोर्ट और जानकारी देते एसपी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

दो वर्ष पहले तक बूढ़ापहाड़ इलाके में था नक्सलियों का वर्चस्व

दरअसल, 2 वर्ष पूर्व तक बूढ़ापहाड़ के अलावा लातेहार जिले के इलाकों में नक्सलियों का वर्चस्व काफी अधिक था. पूर्व में नक्सली हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर बूढ़ापहाड़ के इलाके में शरण लेते थे. जिले से नक्सलियों को खदेड़ने और उन्हें कमजोर करने के लिए पुलिस के समक्ष बूढ़ापहाड़ को नक्सल मुक्त बनाने की चुनौती थी. इसी बीच पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों के निर्देश के बाद लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने गत दो वर्ष पूर्व ऑपरेशन ऑक्टोपस चलाकर लातेहार जिले के हिस्से में आने वाले बूढ़ापहाड़ को नक्सल मुक्त बनाने का कार्य आरंभ किया था.

लातेहार एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में चलाया गया था ऑपरेशन ऑक्टोपस

पहले तो यह कार्य काफी चुनौती पूर्ण लग रहा था, लेकिन एसपी ने सफल रणनीति के तहत कार्य करते हुए नक्सलियों के खिलाफ अभियान आरंभ किया. देखते ही देखते आसपास के ग्रामीणों का सहयोग भी पुलिस को मिलने लगा. ग्रामीणों का सहयोग मिलने के बाद पुलिस का उत्साह बढ़ा और नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज हुआ. लगभग 1 वर्ष के कड़े परिश्रम के बाद बूढ़ापहाड़ से नक्सली भागने को मजबूर हो गए. पुलिस और सुरक्षा बलों ने इस दौरान ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया कराने की पहल की थी.

नक्सलियों के लिए पतन का साल रहा 2022-23

लातेहार जिले में वर्ष 2022-23 नक्सलियों के लिए पतन का वर्ष साबित हुआ.पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन की सटीक सूचना तंत्र और उस पर पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई के कारण नक्सलियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. बूढ़ापहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए बड़े अभियान का असर जिले के अन्य क्षेत्रों में भी दिखा. पुलिस की कार्रवाई के कारण इस दो वर्ष में कुल 140 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें कई नक्सली बूढ़ापहाड़ के एरिया में सक्रिय थे.

पुलिस की कार्रवाई के बाद कई नक्सलियों ने किया था सरेंडर

नक्सलियों के खिलाफ पुलिस के द्वारा की जा रही त्वरित कार्रवाई से नक्सलियों में भय का भी आलम देखा गया. इसी का परिणाम रहा कि कुल 9 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने इस दौरान नक्सलियों के हथियार भी बरामद किए. इनमें कुल 80 से अधिक विभिन्न प्रकार के हथियार ,1300 से अधिक गोलियां समेत अन्य सामान बरामद किए गए थे.

बूढ़ापहाड़ के इलाके में रहने वाले ग्रामीणों के लिए सुविधा बहाल करने की पहल शुरू

नक्सलियों को खदेड़ने के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके में रहने वाले लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना आरंभ कर दी गई है. पहले चरण में जहां ग्रामीणों के आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, पेंशन, बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, कच्ची सड़क का निर्माण आदि कार्य को धरातल पर उतारा गया है. वहीं अब इस इलाके में पहुंचने के लिए पक्की सड़क निर्माण की योजना पर भी कार्य आरंभ किया जा रहा है. बूढ़ापहाड़ के तिसिया, नवाटोली ,चरहू आदि गांवों तक पहुंचने के लिए रास्ते में पड़ने वाली पहाड़ी नदी पर पुलिस विभाग के द्वारा श्रमदान कर स्थाई पुल-पुलिया का निर्माण कराया गया. इसका असर इस बार चुनाव में भी देखने को मिला, जहां मतदाताओं का उत्साह चरम पर था.

परिश्रम और सुरक्षा बलों के सहयोग से मिली सफलताः एसपी

इधर, बूढ़ापहाड़ के अलावा लातेहार जिले को नक्सलियों के चंगुल से काफी हद तक मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाने वाले लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि 2 वर्ष पूर्व सितंबर माह में जब बूढ़ापहाड़ के इलाके में नक्सलियों के खिलाफ ऑक्टोपस ऑपरेशन आरंभ किया गया था तो इसे सफल बनाने में पुलिस को काफी चुनौती का सामना करना पड़ा. अभियान में लातेहार पुलिस के अलावे सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर, कोबरा के साथ-साथ कई अन्य सुरक्षा बलों के द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई.

भविष्य में बूढ़ापहाड़ के इलाके में कई विकास कार्य धरातल पर उतारे जाएंगे

लगातार किए गए परिश्रम के कारण नक्सलियों के खिलाफ लगातार सफलता भी मिलती गई. जिस कारण नक्सलियों को अंत में बूढ़ापहाड़ छोड़कर भागना पड़ा. कमजोर हुए नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रही. जिसके कारण बड़ी संख्या में नक्सलियों की गिरफ्तारी भी हुई और कई हथियार भी बरामद हुए. उन्होंने कहा कि इस पूरे अभियान में स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग भरपूर मिला. पुलिस के द्वारा भी ग्रामीणों को हर संभव मदद पहुंचाई गई. भविष्य में इस पूरे इलाके में विकास के कई कार्य धरातल पर उतरेंगे. इसके लिए योजना भी तैयार है.

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