सरगुजा : छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की स्थिति साफ हो चुकी है. ये तस्वीर भी अब साफ होती जा रही है कि किन वार्डों से कौन मैदान में उतरेगा. क्योंकि आरक्षण के बाद कई सीनियर नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर चुका है. वहीं कई दिग्गज अब आरक्षण के हिसाब से तैयारियों में जुटे हैं.हालांकि बड़े नेताओं को संगठन चाहे तो अन्य वार्डों से भी मैदान में उतार सकता है. लेकिन ऐसी स्थिति में उनकी जीत की गुंजाइश कम हो जाती है. क्योंकि लोग जिस वार्ड से चुनाव लड़ते हैं, वो 15-20 वर्षो तक वहां की जनता के साथ जुड़कर सेवा करते रहते हैं. आइये जानते हैं अंबिकापुर नगर निगम में आरक्षण के बाद किस वार्ड की क्या स्थिति बनी है.
कैसी रही आरक्षण प्रक्रिया : गुरुवार को नगरीय निकाय के चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण हुए. कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित वार्ड आरक्षण के दौरान कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों ने पर्ची निकालकर वार्डों का आरक्षण कराया. इस दौरान एसटी, एससी, ओबीसी, सामान्य वर्ग के लिए महिला एवं पुरुष वर्ग के आधार पर लॉटरी निकाली गई. शासन के निर्धारित आरक्षण के तहत अनुसूचित जाति, महिला एवं पुरुष वर्ग से 2 सीट आरक्षित किए गए. इसके बाद अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग के लिए 3, अनुसूचित जनजाति मुक्त के लिए 7, अन्य पिछड़ा वर्ग मुक्त के लिए 8, अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 4, अनारक्षित महिला के लिए 8 और सामान्य वर्ग के लिए 16 वार्डों का आरक्षण किया गया.
16 वार्ड हुए अनारक्षित : वार्ड आरक्षण में शहर के भगवानपुर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, महाराणा प्रताप वार्ड, वीर संवारकर वार्ड, देवीगंज वार्ड, भगवान महावीर वार्ड, शहीद वीर नारायण वार्ड, सत्तीपारा वार्ड, गुरुनानक वार्ड, गौरीवार्ड, लाल बहादुर शास्त्री वार्ड, ब्रम्ह वार्ड, गुरुद्वारा वार्ड, अग्रसेन वार्ड, डॉ. जाकिर हुसैन वार्ड नवागढ़ वार्ड को अनारक्षित मुक्त किया गया है.
8 वार्ड आरक्षित महिला : आरक्षण के दौरान मंगल पांडेय वार्ड, स्वामी विवेकानंद वार्ड, इंदिरा गांधी वार्ड, रैदास वार्ड, महात्मा गांधी वार्ड, पंडित जवाहर लाल नेहरू वार्ड, स्वामी विवेकानन्द वार्ड, डॉ. राजेंद्र प्रसाद वार्ड, कबीर वार्ड को अनारक्षित महिला घोषित किया गया है.
अनुसूचित जनजाति महिला एवं मुक्त वार्ड : नगरीय निकाय चुनाव में शहर के 3 वार्डों संत मदर टेरेसा वार्ड, बाल गंगाधर तिलक, गंगापुर वार्ड को अनुसूचित जनजाति महिला वार्ड घोषित किया गया. जबकि शहर के 7 वार्ड गोधनपुर, फुन्दूरडिहारी सेंट्रल, महारानी लक्ष्मीबाई वार्ड, पटपरिया वार्ड, नमनाकला वार्ड, संत गहिरा गुरु वार्ड, बिशुनपुर वार्ड को अनुसूचित जनजाति मुक्त वार्ड घोषित किया गया है. इसी तरह शहर के डॉ. भीमराव अम्बेडकर वार्ड को अनुसूचित जाति मुक्त एवं रामानुज वार्ड को अनुसूचित जाति महिला वार्ड घोषित किया गया.
ओबीसी मुक्त एवं महिला वार्ड : आरक्षण के दौरान शहर के 8 वार्डों गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर वार्ड, माता राजमोहिनीदेवी वार्ड, गुरुघासी दास वार्ड, शहीद भगत सिंह वार्ड, लोक नायक जय प्रकाश वार्ड, रफी अहमद किदवई वार्ड, शहीद अब्दुल हमीद वार्ड को अन्य पिछड़ा वर्ग मुक्त वार्ड घोषित किया गया. जबकि शहीद चंद्रशेखर आजाद वार्ड, नेताजी सुभाषनगर बोस वार्ड, शीतला वार्ड, महामाया वार्ड को अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित किया गया.
बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद होंगे प्रभावित : आरक्षण में शहर के कई बड़े नेताओं के वार्ड प्रभावित हुए हैं. बीजेपी कांग्रेस के कई पार्षद इस आरक्षण के बाद अपने वार्डों से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. वहीं परिसीमन के बाद बदली परिस्थितियों ने भी कई पार्षदों के वार्डों को प्रभावित किया है. जिसका असर आने वाले निकाय चुनाव में देखने को मिलेगा.वार्ड आरक्षण में एसटी, एससी एवं महिला सीट के कारण शहर के ऐसे पार्षद प्रभावित हुए है जो पिछले दो या तीन बार से लगातार चुनाव लड़ रहे थे.
बीजेपी पार्षदों को ज्यादा नुकसान : आरक्षण में सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी पार्षदों को हुआ है. आरक्षण में जिन पार्षदों के वार्ड प्रभावित हुए है उनमें वार्ड क्रमांक 32 शीतला वार्ड शामिल है. शीतला वार्ड पूर्व में सामान्य वार्ड था. इस वार्ड से बीजेपी मंडल अध्यक्ष मधुसूदन शुक्ला पार्षद चुनकर आए थे. लेकिन आरक्षण में अब यह वार्ड अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हो गया है. मधुसूदन लगातार तीन बार इस वार्ड से चुनाव जीत चुके हैं.
इसी तरह वार्ड क्रमांक 28 शहीद भगत सिंह वार्ड सामान्य से अन्य पिछड़ा वर्ग मुक्त के लिए आरक्षित हो गया है. इस वार्ड से पहले विकास वर्मा दो बार चुनाव जीतकर आ चुके हैं. लेकिन अब आरक्षण में वार्ड की स्थिति बदल गई है. ओबीसी मुक्त वार्ड होने से वे भी इस वार्ड से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
वार्ड क्रमांक 12 माता राजमोहिनी देवी वार्ड भी पिछली बार महिला था. लेकिन इस आरक्षण में वार्ड अन्य पिछड़ा वर्ग मुक्त को चला गया है. ऐसे में इस वार्ड से लम्बे समय से चुनाव की तैयारी कर रहे रविन्द्र गुप्त भारती भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इस वार्ड से रविन्द्र गुप्त की पत्नी पार्षद थी. बीजेपी पार्षद अजय सिंह बबलू का वार्ड क्रमांक 22 नेताजी सुभाष चंद्र बोस वार्ड भी अब अन्य पिछड़ा वर्ग महिला हो गया है. ऐसे में इस वार्ड से भी अब ओबीसी महिला चुनाव लड़ेंगी.
कांग्रेस के दो पार्षद भी प्रभावित : वार्ड आरक्षण में कांग्रेस के सिर्फ दो वार्ड ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. वार्ड आरक्षण में वार्ड क्रमांक 14 नमनाकला वार्ड अनुसूचित जनजाति महिला मुक्त वार्ड हो गया है. इस वार्ड से कांग्रेस से प्रमोद चौधरी चुनाव लड़कर निगम में पहुंचे थे. इसी तरह वार्ड क्रमांक 21 महात्मा गांधी वार्ड भी अब समान्य महिला के लिए आरक्षित हो गया है. इस वार्ड से पहले कांग्रेस के पार्षद दीपक मिश्रा चुनाव लड़कर निगम में पहुंचे थे. इस तरह वार्ड आरक्षण में कांग्रेस के सिर्फ दो बड़े चेहरे के वार्ड प्रभावित हुए है.
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