रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले ही मंईयां सम्मान योजना की चमक फीकी पड़ती दिख रही है. इसकी वजह है भाजपा के पंचप्रण में शामिल गोगो दीदी योजना. भाजपा ने वादा किया है कि अगर उसकी सरकार बनी तो महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हर माह 2100 रुपए दिए जाएंगे. इसके लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बूथ स्तर पर घूम-घूम कर फॉर्म भी भरवाया है. इसका सीधा असर झारखंड मुक्ति मोर्चा पर पड़ता दिख रहा है. क्योंकि मुख्य सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 'J.M.M. सम्मान योजना' नाम से एक फॉर्म प्रिंट करवा लिया है.
पार्टी का दावा किया है कि वह महिलाओं को हर माह 2500 रुपए यानी साल में 30,000 रु देना चाहती है. झामुमो ने रजिस्ट्रेशन फॉर्म में एक स्लोगन भी प्रिंट करवाया है. उसमें लिखा हुआ है "तीर धनुष करेगा सत्कार, हर माता बहन को हर साल 30000". फर्क बस इतना है कि भाजपा ने गोगो दीदी योजना को लेकर घोषणा कर दी है जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने JMM सम्मान योजना के लिए चुनाव आयोग की अनुमति चाह रहा है.
मंईयां समान योजना की चमक पड़ी फीकी!
आधी आबादी के सशक्तिकरण के नाम पर दरियादिली दिखाने की मची होड़ से आम जनता कंफ्यूज हो गई है. चर्चा हो रही है कि आखिर माजरा क्या है. क्योंकि अब तक हेमंत सरकार मंईयां सम्मान योजना की बात कर रही थी. किस्त पर किस्त जारी किए जा रहे थे. कई कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद महिलाओं से पूछते रहे हैं कि आपका आशीर्वाद मिलेगा ना. दूसरी तरफ मंईयां सम्मान योजना के नाम पर सम्मान यात्रा का दौर चल रहा है. इसको मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन लीड कर रहीं हैं. भाजपा नेताओं का कहना है कि यह यात्रा ऑफिशियल तौर पर मंत्री दीपिका पांडेय सिंह और मंत्री बेबी देवी के नेतृत्व में सरकारी खर्च पर निकाली जा रही है.
JMM सम्मान योजना के लिए परमिशन क्यों
अब सवाल है कि जिस मंईयां योजना को लेकर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार इतनी कॉन्फिडेंट थी तो फिर JMM सम्मान योजना क्यों लाना चाह रही है. इसके लिए चुनाव आयोग से परमिशन क्यों मांगा जा रहा है. क्योंकि झामुमो द्वारा गोगो दीदी योजना पर सवाल उठाए जाने के बाद भाजपा नेता स्पष्ट कर चुके हैं कि चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले ऐसा करना किसी कानून का उल्लंघन नहीं है. झामुमो ने लोकसभा चुनाव के दौरान 2 मई को जारी चुनाव आयोग के जिस गाइडलाइन को आधार बनाकर गोगो दीदी योजना को गैरकानूनी बताया है, वह गाइडलाइन चलते लोकसभा चुनाव के दौरान जारी हुआ था. भाजपा के तमाम बड़े नेता लगातार चुनौती दे रहे हैं कि गोगो दीदी योजना का फॉर्म भरवाते वक्त उनके खिलाफ FIR करवाए सरकार. क्योंकि झामुमो द्वारा चुनाव आयोग के गाइडलाइन को एक्स पर पोस्ट किए जाने के बाद सीएम ने सभी डीसी को कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दे रखा है.
झामुमो और भाजपा के रजिस्ट्रेशन फॉर्म में क्या है अंतर
भाजपा के गोगो दीदी योजना वाले फार्म में प्रधानमंत्री की तस्वीर है जबकि झामुमो के JMM सम्मान योजना के फॉर्म में हेमंत सोरेन की तस्वीर. भाजपा ने हर माह की 11 तारीख को 2100 रु देने का वादा किया है. भाजपा का स्लोगन है "भरोसे की बाहर झारखंड की महिलाओं को हर साल 25000". वहीं झामुमो ने भरोसा दिलाया है कि हर माह की 1 तारीख को 2500 रु सभी महिलाओं के खाते में बतौर सम्मान राशि भेजी जाएगी. झामुमो का रजिस्ट्रेशन फॉर्म हरे रंग का है. भाजपा का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भगवा रंग का है. इसके अलावा आवेदिका के नाम से लेकर महिलाओं की संख्या तक का सारा कॉलम वही है जो बीजेपी के फॉर्म में है. सबसे बड़ा अंतर यह है कि झामुमो ने भाजपा की तुलना में हर माह 400 रु ज्यादा देने की चाहत दिखाई है.
झामुमो के फॉर्म में भी आधार नं. और बैंक अकाउंट का कॉलम गायब
आम लोगों के बीच सबसे ज्यादा इस बात को लेकर चर्चा है कि भाजपा की ओर से गोगो दीदी फॉर्म जारी होने पर झामुमो के तमाम नेता इस बात को लेकर सवाल उठा रहे थे कि फॉर्म में कहीं भी ना तो आधार नंबर का कॉलम है और ना ही बैंक अकाउंट का. लिहाजा, यह सिर्फ जुमला है, लेकिन झामुमो ने भी जो फॉर्म जारी किया है उसमें भी आधार नंबर और बैंक अकाउंट का कोई कॉलम नहीं है.
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