अलवर: एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से पिछले दिनों दिए गए फैसले के विरोध में दलित संस्थाओं की ओर से बुधवार को किए गए भारत बंद का अलवर में भी खासा असर दिखाई दिया. बंद के तहत अलवर में सुबह से ही सड़कें सूनी नजर आई. दुकानों पर ताले लटके दिखे. शहर के सूर्य नगर से शुरू हुई दलित संगठनों की रैली शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए होप सर्कस पहुंची.
रोडवेज बसों के पहिए थमे, यात्रियों को हुई असुविधा: भारत बंद के ऐलान के चलते अलवर में बसों के पहिए थमे रहे, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. रोडवेज एवं निजी बसों का संचालन नहीं हुआ, लेकिन रोडवेज प्रशासन की ओर से पूर्व में बसों का संचालन नहीं करने की सूचना नहीं देने से लोग गंतव्य स्थान तक जाने के लिए बस स्टैंड पहुंचे. लेकिन वहां बसों का संचालन नहीं होने से यात्रियों को परेशान होकर वापस लौटना पड़ा. इससे दैनिक कामकाज के लिए जाने वाले लोगों को परेशानी हुई.
बंद के दौरान जिले में शांति रही: पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने कहा कि पुलिस-प्रशासन की पहले ही बंद के आयोजकों, व्यापारिक संगठनों व सामाजिक संगठनों से वार्ता हो चुकी है. सभी ने बंद को अपना समर्थन दिया. इसी के चलते सुबह से ही शहर के बाजार बंद रहे. बंद के आयोजकों ने अपने वॉलंटियर्स शहर के विभिन्न जगहों पर तैनात किए हैं. जिससे लोग अनुशासन में रहें. रैली के आयोजन कर्ता विभिन्न स्थानों पर इकट्ठा हुए हैं. ये सभी मिनी सचिवालय जाकर जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता को ज्ञापन सौंपेंगे.
बंद के दौरान जिले में शांति रही. कानून-व्यवस्था के लिए अलवर शहर में पुलिस की विभिन्न टुकड़ियां तैनात की गई हैं. इसमें पुलिस की मोबाइल पार्टी, माउंटेड पुलिस, रिजर्व पुलिस ड्रोन व सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से भी रैली पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछली घटनाओं से सीख लेते हुए रैली के आयोजनकर्ताओं से कई बार बातचीत कर समझाइश की गई है. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि पब्लिक प्रॉपर्टी को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. यदि कोई भी व्यक्ति पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाएगा, तो पुलिस की ओर से ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस अधीक्षक खुद उतरे सड़क पर: पूर्व की घटनाओं से सीख लेते हुए अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने खुद मोर्चा संभाला और सुबह से ही वह अलवर शहर में विभिन्न जगहों पर दौरा कर पुलिस कर्मियों से जानकारी लेते नजर आए.