जयपुर. स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में लागू होने वाले नवाचारों और नई तकनीकों से ग्रामीण क्षेत्र के स्कूली छात्रों को लाभांवित करने को प्राथमिकता दी जाए. यह बात सोमवार को समग्र शिक्षा अभियान पर चर्चा करते हुए शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कही. उन्होंने निर्देश दिए कि नई तकनीक पर आधारित कार्यक्रमों का ग्रामीण छात्रों को पूरा लाभ मिले, इसके लिए विभागीय अधिकारी सतत प्रयास करें.
छात्रों को स्कूल ड्रेस समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश : शिक्षा मंत्री मदन दिलावर जयपुर में इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान परिसर में समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के स्कूलों में संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति पर अधिकारियों के साथ समीक्षा की. उन्होंने राइट टू एजुकेशन के तहत स्कूलों को दिए जाने वाले भुगतान की व्यवस्था व इसकी मॉनिटरिंग व भुगतान से संबंधित रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. साथ ही नए सत्र में स्कूल खुलते ही सभी छात्रों को स्कूल ड्रेस समय पर उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रक्रिया को समय पर पूरा करने को कहा है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में न्यू एजुकेशन पॉलिसी के प्रावधानों के अनुसार पीएम श्री स्कूलों को आदर्श विद्यालयों के रूप में विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है. ऐसे में प्रदेश के चयनित 402 स्कूलों में चल रहे कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही या देरी न हो. उन्होंने दूसरे प्रदेशों में चल रहे पीएम श्री विद्यालयों का अध्ययन कर राज्य के इन स्कूलों को ‘मॉडल‘ के रूप में तैयार करने के भी निर्देश दिए.
डायरीज का नियमित इस्तेमाल हो : प्रदेश में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को लेकर उन्होंने निर्देश दिए कि इन स्कूलों में लगे शिक्षक अप-डाउन न करें. इसकी सख्त मॉनिटरिंग की जाए. रेजीडेंशियल स्कूल की श्रेणी में आने वाले सभी स्कूलों में इस पर विशेष ध्यान दिया जाए. साथ ही मॉडल स्कूलों में योग्य और समर्पित शिक्षकों के चयन पर भी जोर दिया. मदन दिलावर ने निर्देश दिए कि स्कूलों में दी गई शिक्षक और स्टूडेंट डायरीज का नियमित इस्तेमाल हो, ताकि शिक्षा में गुणवत्ता का समावेश हो. स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को इसकी जांच के भी निर्देश दिए.
इस दौरान उन्होंने विद्यालयों में संचालित आईसीटी लैब, अटल टिंकरिंग लैब और रोबोटिक्स लैब की गतिविधियों से छात्रों में जरूरी कौशल विकास पर फोकस करने के निर्देश दिए. शिक्षा मंत्री ने विभाग में विद्यालय स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के भी निर्देश दिए. साथ ही पूछा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत वर्तमान में अलग-अलग कम्पोनेंट में कौन से अधिकारी कर्मचारी कब से कार्यरत हैं?.