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2 करोड़ से अधिक इन्वेस्ट पर सरकारी स्कूल का नाम होगा निवेशक के नाम पर - दिलावर

प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर शिक्षा के क्षेत्र में इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करने के लिए कोलकाता पहुंचे.

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (ETV Bharat (Kolkata))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुर : 'राजस्थान में कोई भी बच्ची फर्श पर बैठकर न पढ़े, यही विजन है और इसे साकार करने के लिए प्रयास कर रहे हैं'. ये कहना है प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का. शिक्षा मंत्री राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करने कोलकाता पहुंचे हैं. यहां शिक्षा मंत्री प्रवासी राजस्थानी परिषद की ओर से आयोजित 'एक कदम शिक्षा की ओर' कार्यक्रम में उन्होंने बालिका शिक्षा पर विशेष जोर दिया. उन्होंने बताया कि सरकार हर स्तर पर इन्वेस्टर्स और भामाशाहों का सहयोग और समर्थन करने को तैयार है. बीते साल प्रदेश में 138 भामाशाह ने शिक्षा विभाग में एक हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया. यदि कोई भी निवेशक 2 करोड़ से ज्यादा का स्कूल में निवेश करता है तो स्कूल का नाम उनके नाम पर किए जाने की सरकार की योजना है. निवेशक अपनी सुविधा अनुसार स्कूल गोद लेकर भी अपना योगदान दे सकते हैं.

अप्रवासी राजस्थानियों से सहयोग मांगा : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रह रहे अप्रवासी राजस्थानियों से राजस्थान के सरकारी स्कूलों के लिए सीएसआर और व्यक्तिगत डोनेशन से सहयोग जुटाने के लिए खुद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर विभाग के अधिकारियों के साथ कोलकाता पहुंचे. यहां अप्रवासी राजस्थानियों से मुलाकात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि राइजिंग राजस्थान से जुड़कर वो राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प करने में सहभागी बन सकते हैं. पूरे देश-विदेश में मारवाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं और उनका अपनी मातृभूमि से जुड़ाव भी है, इसलिए वो पहले वहां जा रहे हैं जहां मारवाड़ी ज्यादा हैं. इसकी शुरुआत मुंबई से की गई, जहां राजस्थानी प्रवासियों ने शिक्षा विभाग के साथ 116 करोड़ रुपए के सहमति पत्र पर बीते 6 नवंबर को जयपुर में हस्ताक्षर किए. अब वो कोलकाता के अप्रवासी राजस्थानियों से सहयोग मांगने आए हैं.

पढ़ें. विद्या भारती शिक्षण संस्थानों का विज्ञान​ मेला, देशभर के विद्यार्थी जुटे, शिक्षा मंत्री दिलावर ने चंद्रयान-3 के मॉडल को देखा

शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजस्थान में 19 हजार प्राथमिक विद्यालय, 16 हजार माध्यमिक विद्यालय और 26 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं. इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को अच्छी से अच्छी सुविधा मिले और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए कुछ प्राथमिकताएं तय की हैं. कौन-कौन से क्षेत्र हैं जहां दानदाता पैसा लगा सकते हैं, उनका निर्धारण किया है. स्कूलों में आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं. इसके अलावा विद्यालयों में सोलर पैनल, स्पोर्ट्स, कक्षा कक्ष, विद्यालय भवन निर्माण में निवेश कर इन्वेस्टर्स सरकार के सहभागी बन सकते हैं.

जयपुर : 'राजस्थान में कोई भी बच्ची फर्श पर बैठकर न पढ़े, यही विजन है और इसे साकार करने के लिए प्रयास कर रहे हैं'. ये कहना है प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का. शिक्षा मंत्री राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करने कोलकाता पहुंचे हैं. यहां शिक्षा मंत्री प्रवासी राजस्थानी परिषद की ओर से आयोजित 'एक कदम शिक्षा की ओर' कार्यक्रम में उन्होंने बालिका शिक्षा पर विशेष जोर दिया. उन्होंने बताया कि सरकार हर स्तर पर इन्वेस्टर्स और भामाशाहों का सहयोग और समर्थन करने को तैयार है. बीते साल प्रदेश में 138 भामाशाह ने शिक्षा विभाग में एक हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया. यदि कोई भी निवेशक 2 करोड़ से ज्यादा का स्कूल में निवेश करता है तो स्कूल का नाम उनके नाम पर किए जाने की सरकार की योजना है. निवेशक अपनी सुविधा अनुसार स्कूल गोद लेकर भी अपना योगदान दे सकते हैं.

अप्रवासी राजस्थानियों से सहयोग मांगा : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रह रहे अप्रवासी राजस्थानियों से राजस्थान के सरकारी स्कूलों के लिए सीएसआर और व्यक्तिगत डोनेशन से सहयोग जुटाने के लिए खुद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर विभाग के अधिकारियों के साथ कोलकाता पहुंचे. यहां अप्रवासी राजस्थानियों से मुलाकात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि राइजिंग राजस्थान से जुड़कर वो राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प करने में सहभागी बन सकते हैं. पूरे देश-विदेश में मारवाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं और उनका अपनी मातृभूमि से जुड़ाव भी है, इसलिए वो पहले वहां जा रहे हैं जहां मारवाड़ी ज्यादा हैं. इसकी शुरुआत मुंबई से की गई, जहां राजस्थानी प्रवासियों ने शिक्षा विभाग के साथ 116 करोड़ रुपए के सहमति पत्र पर बीते 6 नवंबर को जयपुर में हस्ताक्षर किए. अब वो कोलकाता के अप्रवासी राजस्थानियों से सहयोग मांगने आए हैं.

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शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजस्थान में 19 हजार प्राथमिक विद्यालय, 16 हजार माध्यमिक विद्यालय और 26 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं. इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को अच्छी से अच्छी सुविधा मिले और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए कुछ प्राथमिकताएं तय की हैं. कौन-कौन से क्षेत्र हैं जहां दानदाता पैसा लगा सकते हैं, उनका निर्धारण किया है. स्कूलों में आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं. इसके अलावा विद्यालयों में सोलर पैनल, स्पोर्ट्स, कक्षा कक्ष, विद्यालय भवन निर्माण में निवेश कर इन्वेस्टर्स सरकार के सहभागी बन सकते हैं.

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