इंदौर: मध्य प्रदेश के कॉलेज में करीब 6 साल पहले हटाई गई सेमेस्टर प्रणाली को एक बार फिर लागू किया जाएगा. दरअसल, नई शिक्षा नीति के तहत अपग्रेड होने वाले नए कोर्स और संकाय आदि की आवश्यकताओं के अनुसार प्रदेश के तमाम कॉलेजों को भी अपग्रेड करने के बाद प्रदेश के तमाम शासकीय कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली लागू की जाएगी.
कॉलेज में शुरू होंगे सेमेस्टर सिस्टम
इंदौर में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने जानकारी देते हुए बताया 'फिलहाल प्रदेश के कई ऑटोनॉमस कॉलेज में नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई शुरू हो गई है, लेकिन अधिकांश शासकीय कॉलेजों में परीक्षाएं वार्षिक परीक्षा के आधार पर हो रही है. हालांकि नई शिक्षा नीति में नए कोर्स और विभागों के अलावा कैंपस आदि का विकास भी किया जाना है. इसके लिए दो से तीन साल का समय लग सकता है. इंदौर सिंह परमार के मुताबिक सभी कॉलेजों को नई शिक्षा नीति के तहत अपग्रेड किए जाने के बाद उनमें सेमेस्टर प्रणाली लागू कर दी जाएगी.'
गौरतलब है शिक्षा सत्र 2017-18 में राज्य सरकार ने सेमेस्टर प्रणाली को बंद करके वार्षिक परीक्षा के तहत ही परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया था. अब जबकि नए सिरे से देश भर में नई शिक्षा नीति लागू की गई है. इसके अनुरूप कॉलेज में पढ़ाई सेमेस्टर प्रणाली के जरिए ही संभव है. इधर राज्य सरकार भी अब तमाम कॉलेजों में नई शिक्षा नीति के कारण सेमेस्टर प्रणाली लागू करने के लिए सहमत है. जिसे अगले कुछ वर्षों में लागू कर दिया जाएगा.
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छात्र संघ चुनाव पर भी सरकार सहमत
प्रदेश के कॉलेज में छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर फिलहाल सरकार इस मुद्दे पर सैद्धांतिक रूप से तैयार है, लेकिन कई शिक्षाविदों के विरोध और सरकार के साथ ही छात्र संघ चुनाव को लेकर कड़वे अनुभवों के चलते सरकार इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती, हालांकि कॉलेज में छात्र संघ चुनाव की मांग लगातार उठ रही है. ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि 'छात्र संघ चुनाव पर सैद्धांतिक रूप से सरकार की सहमति है, लेकिन इसके बावजूद इस मामले से जुड़े सभी पक्ष और बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद ही इस पर आगे बढ़ा जा सकता है.