कांकेर: कांकेर जिले के कई हिस्सों से विकास कोसो दूर है. जिले के कई गांवों में शिक्षा की स्थिति बद से बदतर है. इस बीच कांकेर के भानुप्रतापपुर ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र में स्कूल भवन जर्जर होने के कारण बच्चे पटवारी भवन में पढ़ाई कर रहे हैं.
पटवारी भवन में पढ़ रहे बच्चे: हम बात कर रहे हैं कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर ब्लॉक के वनांचल ग्राम पंचायत बांसकुंड की. यहां स्कूल जतन योजना के तहत 9 लाख 60 हजार की लागत से प्राथमिक शाला के जीर्णोद्धार को स्वीकृति मिली है. हालांकि नए सत्र की पढ़ाई शुरू होने के बाद भी स्कूल भवन की मरम्मत नहीं हो पाई है. ठेकेदार के सुस्त रवैए के कारण बच्चों को आज भी पटवारी भवन में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि पटवारी भवन में स्कूल संचालित किया जा रहा है.
"ठेकेदार को काम पूरा करने कहा जाता है तो वह अपनी मर्जी से काम करने की बात कहता है. ठेकेदार की लापरवाही से स्कूल निर्माण पूरा नहीं हुआ.बच्चों को दूसरे भवन में बिठाया जा रहा है. इसमें एक कमरे में 5 कक्षा संचालित की जा रही है.मध्याह्न भोजन के लिए एक झोपड़ी भी बनाया जा रहा है." -ग्रामीण
ठेकेदार पर काम में मनमानी का आरोप: इस बारे में ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार जून जुलाई में मरम्मत का काम शुरू कर दिए हैं. हालांकि काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. वर्तमान में ठेकेदारों ने काम अधूरा छोड़ दिया है. यही कारण है कि ग्रामीण और बच्चों के पालक परेशान हैं. इस बारे में गांव के उपसरपंच सगनू राम उइके ने कहा कि, "निर्माण कार्य पूरा करने के लिए कई बार ठेकेदार को कहा, लेकिन वे काम पूरा करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिसके कारण अभी भी अधूरा काम छोड़कर रखा है."
"स्कूल जतन के जितने भी काम स्वीकृत है, इसमें से पहले दूसरे चरण के काम लगभग पूरे हो गए हैं. तीसरे चरण में जो स्वीकृत हैं, वो अधूरे हैं. इसमें भानुप्रतापपुर ब्लॉक के कई काम अधूरे हैं. जिसकी जिला पंचायत सीईओ ने बैठक ली है. 15 दिनों के अंदर काम को पूरा करने का निर्देश दिया गया है." -अशोक पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी
बता दें कि कांकेर में स्कूल जतन के तहत 677 स्कूल भवनों के मरम्मत का काम शुरू किया गया था. जिसमें 344 स्कूलों का काम पूरा हो चुका है. वहीं, 310 स्कूलों में 15 जून तक काम पूरा कर लेने की बात कही जा रही है.