पटना : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने शनिवार को बताया कि 2025 में शिक्षकों के लिए गर्मी छुट्टी की अवधि इसी वर्ष दिसंबर महीने में तय कर दी जाएगी. गर्मी छुट्टी के दौरान विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थित नहीं रहेगी. दिसंबर महीने में गर्मी छुट्टी की अवधि तय करने के पीछे कारण है कि शिक्षक अपने वेकेशन को प्लान कर सकें. किसी को कहीं घूमने जाना है तो समय पर इसकी बुकिंग कर लें अथवा किसी को गांव जाना है तो वह भी अपनी तैयारी कर लें.
'शिक्षक प्लानिंग कर लें अपना वेकेशन' : डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा कि गर्मी छुट्टी उस समय की जाएगी जब बिहार में सबसे अधिक गर्मी पड़ रही होती है. गर्मी छुट्टी के 1 सप्ताह पहले शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा कि वह बच्चों को होमवर्क और असाइनमेंट दें. अगर जरूरत पड़ने पर इस वर्ष ठंड की भी छुट्टी होती है तो शिक्षकों के लिए होगा कि वह बच्चों को छुट्टी के अवधि तक का प्रॉपर असाइनमेंट दें ताकि घर में बच्चे पढ़ाई कर सकें.
''पढ़ाई से बच्चों की कंटिन्यूटी ना टूटे. गर्मी छुट्टी में जिस प्रकार प्राइवेट स्कूल बच्चों को असाइनमेंट देते हैं, उसी प्रकार असाइनमेंट बच्चों को दिए जाएंगे. ताकि बच्चे कहीं समर में घूमने जाते हैं तो उससे भी सीखें और क्या सीखा वह स्कूल में आकर बता सकें.''- डॉ एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग
2 दिसंबर से विद्यालयों में निकलते समय भी बायोमेट्रिक : डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा कि आगामी 2 दिसंबर से स्कूल में बायोमेट्रिक सिस्टम को इन और आउट दोनों के लिए अनिवार्य किया जा रहा है. कई जगह से यह शिकायत मिल रही थी कि सुबह में समय पर विद्यालय में मास्टर जी पहुंच जाते हैं और उसके बाद विद्यालय से गायब हो जाते हैं. इस पर निगरानी के लिए अब शिक्षकों को विद्यालय की छुट्टी के बाद भी ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर विद्यालय से सेल्फी फोटो के साथ अपलोड करना होगा.
''अब तक शिक्षक सुबह में विद्यालय में प्रवेश करते समय फोटो अपलोड करते थे, लेकिन अब यही प्रक्रिया छुट्टी के बाद भी करनी होगी. इससे विद्यालय में इन और आउट का अटेंडेंस बन जाएगा.''- डॉ एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग
विद्यालयों में स्पोर्ट्स अनिवार्य : डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा कि शनिवार शाम वह पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में ई-स्पोर्ट्स चैंपियनशिप 2024 में पहुंचे. विद्यालय स्तरीय इस स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में प्राइवेट स्कूल के बच्चों की भागीदारी अधिक है. उनका प्रयास होगा कि प्रदेश के सरकारी हाई स्कूल में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को ई-स्पोर्ट्स का प्रशिक्षण दिया जाए. ताकि ऐसे टूर्नामेंट में आकर वह भी ट्रॉफी जीत सके.
''फिजिकल स्पोर्ट्स को लेकर सभी विद्यालय में खेल अनिवार्य कर दिया गया है. नए शैक्षणिक सत्र से विद्यालयों में खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत होगा. स्कूल के प्राचार्य को स्पोर्ट्स इक्विपमेंट और मैदान की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए भी कहा गया है. स्पोर्ट्स के साथ-साथ सप्ताह में एक दिन म्यूजिक और डांस भी स्कूलों में अनिवार्य किया जा रहा है.''- डॉ एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग
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