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कैश कांड में गिरफ्तार मंत्री आलमगीर आलम को लाया गया ईडी ऑफिस, छह दिनों का मिला है रिमांड, कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज - tender scam case - TENDER SCAM CASE

ED inquiry. मंत्री आलमगीर आलम को जेल से ईडी ऑफिस लाया गया है. 6 दिनों तक वो ई़डी की रिमांड में रहेंगे. इस दौरान उनसे 37.5 करोड़ बरामदगी मामले में पूछताछ की जाएगी.

TENDER SCAM CASE
आलमगीर आलम (फाइल फोटो) (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 17, 2024, 12:54 PM IST

रांचीः कैश कांड और मनी लांड्रिंग मामले में 15 मई को गिरफ्तार झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम से प्रवर्तन निदेशालय की टीम अगले छह दिनों तक पूछताछ करेगी. आज उनको कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से एयरपोर्ट रोड पर मौजूद ईडी के रिजनल ऑफिस में करीब 12 बजे लाया गया. कार में मंत्री आलमगीर आलम के दोनों ओर ईडी के अधिकारी बैठे हुए थे. आलमगीर आलम सफेद रंग का कुर्ता और पायजामा पहने हुए थे. हिनू की तरफ से आई गाड़ी सनसनाती हुई ईडी ऑफिस में प्रवेश कर गई.

आपको बता दें कि ईडी ने 16 मई को उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश कर 10 दिन का रिमांड मांगा था. लेकिन विशेष कोर्ट ने छह दिन का रिमांड दिया था. फिर गुरुवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया था. अब ईडी के अधिकारी उनके ओएसडी रहे संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम समेत अन्य के ठिकानों से बरामद 37.5 करोड़ मामले में पूछताछ करेंगे.

वैसे ईडी ने उनको रिमांड पर लेने का जो पिटिशन दिया था, उससे ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े कई ऑफिसर भी तलब किए जा सकते हैं. क्योंकि ईडी का दावा है कि कमीशन लेकर टेंडर का खेल चल रहा था. इसकी आड़ में अवैध उगाही हो रही थी. ईडी ने संभावना जतायी है कि पूरे प्रकरण में भारी भरकम पैसे का अवैध लेनदेन हुआ है क्योंकि पूरा खेल ऑर्गनाइज तरीके से चल रहा था.

ईडी ने यह भी कहा है कि मंत्री को डेढ़ प्रतिशत कमीशन जाता था. मनी लांड्रिंग मामले में 23 मार्च 2023 को गिरफ्तार ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर रहे वीरेंद्र राम से हुई पूछताछ में कई गंभीर बातों का भी जिक्र किया गया है. ईडी ने यहां तक कहा है कि सितंबर 2022 में टेंडर कमीशन के 3 करोड़ रु एक सहायक अभियंता ने मंत्री आलमगीर के एक करीबी तक पहुंचाया था. जानकारी के मुताबिक पहले से रिमांड पर चल रहे संजीव लाल और जहांगीर आलम को मंत्री के साथ बिठाकर पूछताछ होगी.

खास बात है कि गिरफ्तारी के बावजूद आलमगीर आलम ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. उनके पक्ष में कांग्रेस खड़ी है. वहीं झामुमो के नेता भी उनकी गिरफ्तारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लेकिन भाजपा ने उनको अविलंब बर्खास्त करने की मांग की है. अब देखना है कि ईडी की जांच में और कौन कौन सी बातें सामने आती हैं.

रांचीः कैश कांड और मनी लांड्रिंग मामले में 15 मई को गिरफ्तार झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम से प्रवर्तन निदेशालय की टीम अगले छह दिनों तक पूछताछ करेगी. आज उनको कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से एयरपोर्ट रोड पर मौजूद ईडी के रिजनल ऑफिस में करीब 12 बजे लाया गया. कार में मंत्री आलमगीर आलम के दोनों ओर ईडी के अधिकारी बैठे हुए थे. आलमगीर आलम सफेद रंग का कुर्ता और पायजामा पहने हुए थे. हिनू की तरफ से आई गाड़ी सनसनाती हुई ईडी ऑफिस में प्रवेश कर गई.

आपको बता दें कि ईडी ने 16 मई को उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश कर 10 दिन का रिमांड मांगा था. लेकिन विशेष कोर्ट ने छह दिन का रिमांड दिया था. फिर गुरुवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया था. अब ईडी के अधिकारी उनके ओएसडी रहे संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम समेत अन्य के ठिकानों से बरामद 37.5 करोड़ मामले में पूछताछ करेंगे.

वैसे ईडी ने उनको रिमांड पर लेने का जो पिटिशन दिया था, उससे ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े कई ऑफिसर भी तलब किए जा सकते हैं. क्योंकि ईडी का दावा है कि कमीशन लेकर टेंडर का खेल चल रहा था. इसकी आड़ में अवैध उगाही हो रही थी. ईडी ने संभावना जतायी है कि पूरे प्रकरण में भारी भरकम पैसे का अवैध लेनदेन हुआ है क्योंकि पूरा खेल ऑर्गनाइज तरीके से चल रहा था.

ईडी ने यह भी कहा है कि मंत्री को डेढ़ प्रतिशत कमीशन जाता था. मनी लांड्रिंग मामले में 23 मार्च 2023 को गिरफ्तार ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर रहे वीरेंद्र राम से हुई पूछताछ में कई गंभीर बातों का भी जिक्र किया गया है. ईडी ने यहां तक कहा है कि सितंबर 2022 में टेंडर कमीशन के 3 करोड़ रु एक सहायक अभियंता ने मंत्री आलमगीर के एक करीबी तक पहुंचाया था. जानकारी के मुताबिक पहले से रिमांड पर चल रहे संजीव लाल और जहांगीर आलम को मंत्री के साथ बिठाकर पूछताछ होगी.

खास बात है कि गिरफ्तारी के बावजूद आलमगीर आलम ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. उनके पक्ष में कांग्रेस खड़ी है. वहीं झामुमो के नेता भी उनकी गिरफ्तारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लेकिन भाजपा ने उनको अविलंब बर्खास्त करने की मांग की है. अब देखना है कि ईडी की जांच में और कौन कौन सी बातें सामने आती हैं.

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