रांची: जमीन घोटाला मामले में आरोपी विष्णु अग्रवाल के मालिकाना हक वाले न्यूक्लियस मॉल का ईडी ने सर्वे शुरू कर दिया है. ईडी की टीम विष्णु अग्रवाल के प्रॉपर्टी का असेसमेंट कर रही है उसी के तहत न्यूक्लियस मॉल का सर्वे करवाया जा रहा है. गौरतलब है कि विष्णु अग्रवाल जमीन घोटाले मामले में आरोपी हैं फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. पिछले सप्ताह विष्णु अग्रवाल और भारत सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ गुलदस्ता देते हुए तस्वीर वायरल हुई थी जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था.
एक-एक इंच नाप डाला ईडी ने
बुधवार की दोपहर ईडी की एक टीम रांची के लालपुर थाना क्षेत्र स्थित न्यूक्लियस मॉल पहुंची. आने के बाद पूरे मॉल का असेसमेंट किया गया, साथ ही पूरे जमीन की माफी भी ईडी के द्वारा करवाई गई.
जमीन घोटाला में संलिप्तता के साक्ष्य मिलने पर हुए थे गिरफ्तार
झारखंड-बंगाल के बड़े जमीन कारोबारी और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल को ईडी ने 31 जुलाई 2023 को गिरफ्तार कर लिया था. ईडी ने कोर्ट में उस दौरान यह भी बताया था कि विष्णु अग्रवाल जमीन घोटाला से लाभांवित होने वाले प्रमुख व्यक्ति हैं.
वहीं, विष्णु अग्रवाल अपने प्रभाव से अफसरों से मनमर्जी का काम लेते थे. ईडी ने जांच में पाया था कि जमीन से जुड़े मामलों में विष्णु अग्रवाल ने कई बार ऑर्डर तक अपने दफ्तर में ही लिखवाया, इसके बाद टाईप की गई कॉपी पर अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर आदेश निकाले.
चेशायर होम रोड समेत कई जमीन में फर्जीवाड़ा
विष्णु अग्रवाल के खिलाफ जांच में ईडी को काफी तथ्य मिले थे, ईडी ने पाया था कि चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की खरीद फर्जी दस्तावेजों से हुई थी. इसके अलावे सेना की सिरमटोली की जमीन भी गलत दस्तावेज के आधार पर की गई थी. वहीं पुगडु में 9.30 एकड़ जमीन की खरीद बिक्री में भी गलत दस्तावेजों का प्रयोग हुआ था.
खासमहल जमीन के लिए पहले जहां जमीन मालिक आशीष कुमार गांगुली ने सरकार को लीज का आवेदन दिया था, वहीं बाद में इस जमीन की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से विष्णु अग्रवाल के पक्ष में कर दी गई. इस मामले में तत्कालीन सीओ, जमीन की खरीद बिक्री से जुड़े दो दर्जन से अधिक लोगों का ईडी ने बयान भी लिया था.
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