ETV Bharat / state

ED ने पूर्व IAS मोहिंदर सिंह को फिर किया तलब; 1400 करोड़ के स्मारक घोटाले में करेगी पूछताछ

बसपा सरकार के समय हुआ था स्मारक घोटाला, तब मोहिंदर सिंह प्रमुख सचिव आवास थे, वही तय करते थे पत्थरों के रेट.

Etv Bharat
ED ने पूर्व IAS मोहिंदर सिंह को फिर किया तलब. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2024, 9:18 AM IST

लखनऊ: नोएडा के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह की मुस्किलें अब और बढ़ने वाली हैं. भ्रष्टाचार के मामले में बीते दिनों पड़ी रेड के बाद अब स्मारक घोटाले में भी फंसते नजर आ रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बसपा सरकार के दौरान हुए 1400 करोड़ रुपए के स्मारक घोटाले में मोहिंदर और रामबोध मौर्य को पूछताछ के लिए तलब किया है. इसके अलावा मार्बल व्यापारियों को भी लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय बुलाया गया है.

दरअसल, नोएडा व लखनऊ में जिस वक्त स्मारकों का निर्माण हो रहा था, तब मोहिंदर सिंह प्रमुख सचिव आवास के पद पर तैनात थे. स्मारकों में लगने वाले पत्थरों के दाम उन्हीं की अध्यक्षता में बनी समिति तय करती थी. इस कमेटी में पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन प्रमुख सचिव रवींद्र सिंह, प्रमुख अभियंता त्रिभुवन राम, निर्माण निगम के एमडी सीपी सिंह, खनन विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर सुहैल अहमद फारूकी सदस्य थे.

वहीं, रामबोध मौर्य भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक थे. इस घोटाले की जांच कर रही सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी. यही वजह है कि ईडी भी अब इस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर और भी छुपे हुए आरोपियों का पता लगाएगी.

ईडी ने पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह को 16, सीपी सिंह को 17 अक्टूबर व रामबोध मौर्य को 18 अक्टूबर को तलब किया है. वहीं मार्बल व्यापारी आदित्य अग्रवाल को 15 अक्टूबर को जोनल कार्यालय में बुलाया है. घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस ने भी मोहिंदर सिंह को अगले हफ्ते पेश होने के लिए फिर से समन भेजा है. जांच में सामने आया है कि मोहिंदर ने बिना किसी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के ही स्मारकों के निर्माण के लिए करोड़ों की धनराशि आवंटित कर दी थी.

ये भी पढ़ेंः हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि घोटाला; पूर्व IAS मोहिंदर सिंह को ED ने फिर से भेजा नोटिस, 5 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया

लखनऊ: नोएडा के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह की मुस्किलें अब और बढ़ने वाली हैं. भ्रष्टाचार के मामले में बीते दिनों पड़ी रेड के बाद अब स्मारक घोटाले में भी फंसते नजर आ रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बसपा सरकार के दौरान हुए 1400 करोड़ रुपए के स्मारक घोटाले में मोहिंदर और रामबोध मौर्य को पूछताछ के लिए तलब किया है. इसके अलावा मार्बल व्यापारियों को भी लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय बुलाया गया है.

दरअसल, नोएडा व लखनऊ में जिस वक्त स्मारकों का निर्माण हो रहा था, तब मोहिंदर सिंह प्रमुख सचिव आवास के पद पर तैनात थे. स्मारकों में लगने वाले पत्थरों के दाम उन्हीं की अध्यक्षता में बनी समिति तय करती थी. इस कमेटी में पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन प्रमुख सचिव रवींद्र सिंह, प्रमुख अभियंता त्रिभुवन राम, निर्माण निगम के एमडी सीपी सिंह, खनन विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर सुहैल अहमद फारूकी सदस्य थे.

वहीं, रामबोध मौर्य भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक थे. इस घोटाले की जांच कर रही सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी. यही वजह है कि ईडी भी अब इस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर और भी छुपे हुए आरोपियों का पता लगाएगी.

ईडी ने पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह को 16, सीपी सिंह को 17 अक्टूबर व रामबोध मौर्य को 18 अक्टूबर को तलब किया है. वहीं मार्बल व्यापारी आदित्य अग्रवाल को 15 अक्टूबर को जोनल कार्यालय में बुलाया है. घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस ने भी मोहिंदर सिंह को अगले हफ्ते पेश होने के लिए फिर से समन भेजा है. जांच में सामने आया है कि मोहिंदर ने बिना किसी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के ही स्मारकों के निर्माण के लिए करोड़ों की धनराशि आवंटित कर दी थी.

ये भी पढ़ेंः हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि घोटाला; पूर्व IAS मोहिंदर सिंह को ED ने फिर से भेजा नोटिस, 5 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.