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पूर्व मंत्री जोशी के करीबी संजय बड़ाया की कहानी ED की 'जुबानी', विवादित ठेकेदारों से रिश्वत लेने, PHED के काम में दखल के आरोप - JJM Scam Row

जल जीवन मिशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया को लेकर अहम खुलासे किए हैं. ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संजय बड़ाया भ्रष्टाचार के आरोपी ठेकेदारों से रिश्वत लेता था और पीएचईडी अधिकारियों के काम में भी उसका पूरा दखल रहता था.

पूर्व मंत्री जोशी के करीबी संजय बड़ाया
पूर्व मंत्री जोशी के करीबी संजय बड़ाया (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 22, 2024, 7:58 PM IST

जयपुर : जल जीवन मिशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया को लेकर अहम खुलासे किए हैं. ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संजय बड़ाया भ्रष्टाचार के आरोपी ठेकेदारों से रिश्वत लेता था और पीएचईडी अधिकारियों के काम में भी उसका पूरा दखल रहता था. संजय बड़ाया को ईडी ने जल जीवन मिशन घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 16 जुलाई को गिरफ्तार कर चार दिन की रिमांड पर लिया था. रिमांड अवधि पूरी होने पर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

ईडी की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि एजेंसी ने एसीबी, जयपुर की ओर से दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की. इसमें आरोप थे कि मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक, मैसर्स गणपति ट्यूबवेल के मालिक महेश मित्तल और अन्य पीएचईडी से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में लोक सेवकों को अवैध सुरक्षा प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और उनकी ओर से निष्पादित कार्यों के संबंध में अनियमितताओं को ढंकने के लिए रिश्वत देने में शामिल थे. संदिग्ध पीएचईडी अनुबंध प्राप्त करने के लिए इरकॉन की ओर से जारी किए गए फर्जी और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्रों का उपयोग करने के भी आरोप थे.

पढ़ें. ED के बाद अब CBI भी हुई सक्रिय, आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस देकर दिल्ली बुलाया - JJM Scam Row

ईडी की जांच में सामने आई पूरी कहानी : ईडी की जांच में सामने आया है कि ठेकेदार पदमचंद जैन व महेश मित्तल पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों और संजय बड़ाया जैसे निजी व्यक्तियों को रिश्वत देकर जेजेएम कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में शामिल थे. संजय बड़ाया को मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी से अनुकूल व्यवहार के लिए रिश्वत मिल रही थी. वह पीएचईडी के अधिकारियों को भी अपने कर्तव्यों के पालन में प्रभावित कर रहा था.

70 से ज्यादा ठिकानों से 11.03 करोड़ की जब्ती : जल जीवन मिशन में एसीबी की कार्रवाई के बाद ईडी ने अब तक पीएचईडी अधिकारियों, ठेकेदारों, निजी व्यक्तियों के 70 से ज्यादा ठिकानों पर तलाशी ली है. इस तलाशी अभियान के दौरान ईडी ने 6.50 करोड़ रुपए के सोने-चांदी सहित कुल 11.03 करोड़ रुपए जब्त किए हैं. ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस मामले में अग्रिम अनुसंधान जारी है.

पढ़ें. जल जीवन मिशन घोटाले में आरोपी संजय बड़ाया को भेजा जेल - JJM Scam

अब तक चार आरोपी चढ़े ईडी के हत्थे : जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और धन के अवैध रूप से लेनदेन के आरोपों को लेकर ईडी संजय बड़ाया सहित चार लोगों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी पदमचंद जैन के बेटे पीयूष जैन के रूप में हुई थी. इसके बाद पदमचंद जैन और महेश मित्तल को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया.

जयपुर : जल जीवन मिशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया को लेकर अहम खुलासे किए हैं. ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संजय बड़ाया भ्रष्टाचार के आरोपी ठेकेदारों से रिश्वत लेता था और पीएचईडी अधिकारियों के काम में भी उसका पूरा दखल रहता था. संजय बड़ाया को ईडी ने जल जीवन मिशन घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 16 जुलाई को गिरफ्तार कर चार दिन की रिमांड पर लिया था. रिमांड अवधि पूरी होने पर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

ईडी की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि एजेंसी ने एसीबी, जयपुर की ओर से दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की. इसमें आरोप थे कि मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक, मैसर्स गणपति ट्यूबवेल के मालिक महेश मित्तल और अन्य पीएचईडी से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में लोक सेवकों को अवैध सुरक्षा प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और उनकी ओर से निष्पादित कार्यों के संबंध में अनियमितताओं को ढंकने के लिए रिश्वत देने में शामिल थे. संदिग्ध पीएचईडी अनुबंध प्राप्त करने के लिए इरकॉन की ओर से जारी किए गए फर्जी और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्रों का उपयोग करने के भी आरोप थे.

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ईडी की जांच में सामने आई पूरी कहानी : ईडी की जांच में सामने आया है कि ठेकेदार पदमचंद जैन व महेश मित्तल पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों और संजय बड़ाया जैसे निजी व्यक्तियों को रिश्वत देकर जेजेएम कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में शामिल थे. संजय बड़ाया को मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी से अनुकूल व्यवहार के लिए रिश्वत मिल रही थी. वह पीएचईडी के अधिकारियों को भी अपने कर्तव्यों के पालन में प्रभावित कर रहा था.

70 से ज्यादा ठिकानों से 11.03 करोड़ की जब्ती : जल जीवन मिशन में एसीबी की कार्रवाई के बाद ईडी ने अब तक पीएचईडी अधिकारियों, ठेकेदारों, निजी व्यक्तियों के 70 से ज्यादा ठिकानों पर तलाशी ली है. इस तलाशी अभियान के दौरान ईडी ने 6.50 करोड़ रुपए के सोने-चांदी सहित कुल 11.03 करोड़ रुपए जब्त किए हैं. ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस मामले में अग्रिम अनुसंधान जारी है.

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अब तक चार आरोपी चढ़े ईडी के हत्थे : जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और धन के अवैध रूप से लेनदेन के आरोपों को लेकर ईडी संजय बड़ाया सहित चार लोगों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी पदमचंद जैन के बेटे पीयूष जैन के रूप में हुई थी. इसके बाद पदमचंद जैन और महेश मित्तल को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया.

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