रांचीः राजधानी रांची जमीन घोटाले में ईडी ने रांची के चर्चित जमीन कारोबारी कमलेश के यहां से बरामद 100 कारतूस को पुलिस को सौंप दिया गया है. इस मामले में ईडी के द्वारा झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह को पत्र भी लिखा है.
कारतूस बरामद मामले को लेकर डीजीपी को लिखा पत्र
रांची के चर्चित जमीन कारोबारी कमलेश कुमार के यहां ईडी ने छापेमारी कर 1 करोड़ रुपये कैश और 100 जिंदा कारतूस बरामद किया है. जिंदा कारतूस की बरामदगी के बाद ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा ने पूरे मामले में झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह को पत्र लिखा और कार्रवाई की मांग की है. शुक्रवार की शाम तकरीबन छह बजे ईडी ने बरामद कारतूसों को रांची पुलिस को सौंप दिया.
रांची पुलिस अब इस मामले में अलग से एफआईआर दर्ज करेगी. रांची पुलिस की टीम भी ईडी की सूचना के बाद अपार्टमेंट पहुंची थी. ईडी की शिकायत पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज करने के लिए एजेंसी ने रांची पुलिस को निर्देश दिया है.
शेखर कुशवाहा के बयान पर हुई कार्रवाई
फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने वाले सिंडिकेट से जुड़े शेखर कुशवाहा ने कमलेश कुमार के द्वारा बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कांके इलाके में कई जगहों पर जमीन के फर्जी दस्तावेजों के सहारे इसे हड़पने की जानकारी दी थी. मामला सामने आने के बाद ईडी ने समन कर कमलेश कुमार को रांची जोनल आफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन ईडी के समन पर उपस्थिति के कमलेश फरार हो गया था.
जिसके बाद शुक्रवार की दोपहर 12 बजे ईडी की टीम कांके रोड के चांदनी चौक स्थित एस्ट्रो ग्रीन स्थित फ्लैट पहुंची ईडी की टीम मौके पर पहुंची. इसके ठीक पहले कमलेश वहां से निकल गया था. स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में ईडी ने इस फ्लैट को सर्च किया तब मौके से 100 जिंदा कारतूस और एक करोड़ नकदी बरामद की गई. इस मौके से एजेंसी ने जमीन से जुड़े दस्तावेज समेत कई महत्वपूर्ण साक्ष्य भी बरामद किए हैं. कांके रोड में छापेमारी के बाद ईडी ने देर शाम कमलेश के चेशायर होम रोड स्थित आवास में भी छापेमारी शुरू की.
पुलिस हाउसिंग के नाम पर जमीन बेची, कांके रिसार्ट में भी हिस्सेदारी
कमलेश कुमार पूर्व में कांके में बीएयू की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में जेल जा चुका है. कांके पुलिस ने इस मामले में उसे जेल भेजा था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गैर मजरूआ जमीन के दस्तावेजों में हेरफर कर कमलेश ने राज्य के कई पुलिस अफसरों को भी जमीन बेची थी. इसमें पूर्व डीजीपी डीके पांडेय से जुड़ा मामला काफी चर्चित रहा था. कमलेश के खिलाफ गोंदा थाने में भी ठगी का केस दर्ज है. ईडी को जानकारी मिली है कि कांके रिसॉर्ट में भी कमलेश की हिस्सेदारी रही है.
कैसे मिली कमलेश की संलिप्तता की जानकारी
ईडी ने जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सिंडिकेट के प्रियरंजन सहाय, शेखर कुशवाहा समेत अन्य आरोपियों के मोबाइल में कमलेश से चैट की बरामदगी की थी. जमीन के फर्जी दस्तावेजों के आदान-प्रदान के साक्ष्य ईडी को मिले थे. इसके बाद ईडी ने कमलेश कुमार को समन भेजकर बुलाया था.
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