रांचीः ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए मंत्री आलमगीर अलाम को रिमांड अवधि खत्म हो जाने के बाद विशेष अदालत में पेश किया गया. ईडी ने कोर्ट से फिर से मंत्री के रिमांड की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है. ईडी की विशेष अदालत ने एक बार फिर से मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ के लिए पांच दिनों के रिमांड की मंजूरी दे दी है. अब अगले पांच दिनों तक ईडी एक बार फिर से आलमगीर आलम से पूछताछ करेगी.
एक बार फिर होगी रिमांड पर पूछताछ
इससे पहले बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए मंत्री आलमगीर अलाम को रिमांड अवधि खत्म हो जाने के बाद विशेष अदालत में पेश किया गया. पिछले 5 दिनों से ईडी के जोनल कार्यालय में टेंडर घोटाले में आलमगीर आलम से पूछताछ चल रही थी. ईडी की तरफ से अदालत से आग्रह किया गया है कि अभी भी आलमगीर आलम से कई मुद्दों पर पूछताछ बाकी है, इसलिए फिर से रिमांड को मंजूर किया जाय. हालांकि आलमगीर अलाम के अधिवक्ता के द्वारा रिमांड का विरोध किया गया, लेकिन एजेंसी के द्वारा टेंडर घोटाले को लेकर कई नए तथ्य अदालत के सामने रखे गए, जिसके बाद पांच दिनों की रिमांड को मंजूर कर लिया गया.
15 मई को गिरफ्तार हुए थे आलमगीर
गौरतलब है कि टेंडर घोटाले में पूछताछ के बाद 15 मई की शाम आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरफ्तारी के बाद ईडी ने जांच में खुलासा किया था कि छह, सात और आठ मई को छापेमारी के दौरान कुल 37.5 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें से संजीव लाल के नौकर जहांगीर के यहां से 32.20 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई थी. ईडी ने बताया है कि जहांगीर के फ्लैट सर सैयद रेसीडेंसी, 1 ए से बरामद 32.20 करोड़ रुपये मंत्री आलमगीर आलम के ही थे.
ये पैसे जहांगीर आलम ने संजीव लाल के कहने पर मंत्री आलमगीर आलम के लिए अलग अलग जगहों से उठाए थे. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि कैश के अलावे फ्लैट से भारी पैमानें पर आधिकारिक लेटरहेड, पत्र, सरकारी दस्तावेज भी बरामद किए गए थे. ईडी ने बताया है कि संजीव लाल के द्वारा ही मंत्री आलमगीर आलम से जुड़ी चीजों को रखने के लिए इस फ्लैट का इस्तेमाल किया जाता था. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि मंत्री आलमगीर आलम के निर्देश पर कमीशन की राशि संजीव लाल वसूलता था, साथ ही ठेकों को मैनेज करने में उसकी भूमिका सबसे अहम होती थी. ठेका मैनेज होने के बाद तय कमीशन की राशि इंजीनियरों के जरिए सभी विभागीय लोगों तक पहुंचाई जाती थी.
पूरा विभाग भी नेक्सस का हिस्सा
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि पूरा ग्रामीण विकास विभाग ही इस नेक्सस का हिस्सा है. विभाग में नीचे से लेकर उच्च पदस्थ अधिकारी ठेका मैनेज होने से लाभान्वित हुए हैं. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि अबतक की जांच में कई सारे तथ्य मिले हैं, जिससे पुष्टि हुई है कि ठेकों में जिसकी जितनी भूमिका होती थी, उसे कमीशन में उतना ही हिस्सा मिलता था. ईडी के मुताबिक, पूरे मनी लाउंड्रिंग में आलमगीर आलम सबसे अहम और मुख्य कड़ी हैं. इसलिए आलमगीर से अभी और पूछताछ करना बेहद जरूरी है.
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