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जांच एजेंसी यह नहीं बता पाई कि रिश्वत का पैसा मेरे पास आया, सिसोदिया ने जमानत पर दी दलीलें - Arguments on Sisodia bail plea - ARGUMENTS ON SISODIA BAIL PLEA

Sisodia arguments in court: मंगलवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले के आरोपी मनीष सिसोदिया की दलीलें सुनीं. उनके वकील मोहित माथुर ने कोर्ट में कहा कि जांच पूरी होने के 11 महीने बाद भी एजेंसी यह नहीं कह पा रही है कि कथित रिश्वत की रकम सिसोदिया तक पहुंची है. याचिका पर अगली सुनवाई अब 6 अप्रैल को होगी.

रिश्वत की कोई रकम मेरे पास नहीं आयी- मनीष सिसोदिया
रिश्वत की कोई रकम मेरे पास नहीं आयी- मनीष सिसोदिया
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 2, 2024, 8:15 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार AAP नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर मंगलवार को राउज ऐवन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में दलील दी. कहा क‍ि जांच एजेंसी यह साबित नहीं कर पाई है कि पैसा सिसोदिया तक पहुंचा. उनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है. ऐसे में अब हिरासत में रखने का कोई फायदा नहीं है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 6 अप्रैल को करने का आदेश दिया है.

सिसोदिया की ओर से पेश वकील मोहित माथुर ने कहा कि 11 महीनों की जांच के बावजूद जांच एजेंसी ये नहीं पता लगा पाई कि कथित रिश्वत की रकम उनके पास पहुंची. एजेंसी कह रही है कि थोक विक्रेताओं ने 7 फीसदी ज्यादा रकम कमाई, जिसकी हेराफेरी की गई. लेकिन एजेंसी ने यह नहीं दिखाया कि उससे राजकोष को कितना नुकसान हुआ. एजेंसी ने यह भी नहीं बताया कि किसी उपभोक्ता को कितना नुकसान हुआ.

माथुर ने आगे कहा कि रिपोर्ट तो यह कहती है कि राजस्व का सृजन ज्यादा किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने मुझे जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट आने की छूट दी है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश छह महीने पहले का है और उसके बाद तो जांच पूरी हो जानी चाहिए थी. ट्रायल में देरी मनीष सिसोदिया की वजह से नहीं हुई. उन्होंने कहा कि दूसरे आरोपी विनय बाबू को ट्रायल में देरी की वजह से जमानत मिल गई. वो भी 13 महीने हिरासत में रहा.

ये भी पढ़ें : मनीष सिसोदिया की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने 6 अप्रैल तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत

सिसोदिया की जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया है. सीबीआई ने 18 मार्च को सुनवाई के दौरान कहा था कि इस मामले में जांच चल रही है और अगर सिसोदिया को जमानत दी जाती है जो जांच पर असर पड़ेगा. सीबीआई ने कहा था कि अधिकारियों की वजह से देरी नहीं हो रही है. हमारे द्वारा उचित प्रक्रिया अपनाई जा रही है और इस मामले में जांच बहुत महत्वपूर्ण चरण में है. सीबीआई ने कहा था कि सिसोदिया पूरी साजिश का मुख्य आरोपी और सरगना हैं. उनका संवेदनशील दस्तावेजों और सबूतों से सामना कराया गया है और वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.

सीबीआई ने कहा था कि जिस दिन मामले में केस दर्ज किया गया था उसी दिन उन्होंने फोन नष्ट किए थे. सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि मामले में कुछ हाई प्रोफाइल लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है. बता दें कि सिसोदिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दाखिल की गई है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था. 25 नवंबर 2022 को सीबीआई ने पहला चार्जशीट दाखिल किया था. कोर्ट ने 15 दिसंबर 2022 को पहले चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.

ये भी पढ़ें : बीमार पत्नी से मिलने पर होने वाला खर्च मनीष सिसोदिया से नहीं वसूला जाए : कोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार AAP नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर मंगलवार को राउज ऐवन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में दलील दी. कहा क‍ि जांच एजेंसी यह साबित नहीं कर पाई है कि पैसा सिसोदिया तक पहुंचा. उनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है. ऐसे में अब हिरासत में रखने का कोई फायदा नहीं है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 6 अप्रैल को करने का आदेश दिया है.

सिसोदिया की ओर से पेश वकील मोहित माथुर ने कहा कि 11 महीनों की जांच के बावजूद जांच एजेंसी ये नहीं पता लगा पाई कि कथित रिश्वत की रकम उनके पास पहुंची. एजेंसी कह रही है कि थोक विक्रेताओं ने 7 फीसदी ज्यादा रकम कमाई, जिसकी हेराफेरी की गई. लेकिन एजेंसी ने यह नहीं दिखाया कि उससे राजकोष को कितना नुकसान हुआ. एजेंसी ने यह भी नहीं बताया कि किसी उपभोक्ता को कितना नुकसान हुआ.

माथुर ने आगे कहा कि रिपोर्ट तो यह कहती है कि राजस्व का सृजन ज्यादा किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने मुझे जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट आने की छूट दी है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश छह महीने पहले का है और उसके बाद तो जांच पूरी हो जानी चाहिए थी. ट्रायल में देरी मनीष सिसोदिया की वजह से नहीं हुई. उन्होंने कहा कि दूसरे आरोपी विनय बाबू को ट्रायल में देरी की वजह से जमानत मिल गई. वो भी 13 महीने हिरासत में रहा.

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सिसोदिया की जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया है. सीबीआई ने 18 मार्च को सुनवाई के दौरान कहा था कि इस मामले में जांच चल रही है और अगर सिसोदिया को जमानत दी जाती है जो जांच पर असर पड़ेगा. सीबीआई ने कहा था कि अधिकारियों की वजह से देरी नहीं हो रही है. हमारे द्वारा उचित प्रक्रिया अपनाई जा रही है और इस मामले में जांच बहुत महत्वपूर्ण चरण में है. सीबीआई ने कहा था कि सिसोदिया पूरी साजिश का मुख्य आरोपी और सरगना हैं. उनका संवेदनशील दस्तावेजों और सबूतों से सामना कराया गया है और वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.

सीबीआई ने कहा था कि जिस दिन मामले में केस दर्ज किया गया था उसी दिन उन्होंने फोन नष्ट किए थे. सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि मामले में कुछ हाई प्रोफाइल लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है. बता दें कि सिसोदिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दाखिल की गई है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था. 25 नवंबर 2022 को सीबीआई ने पहला चार्जशीट दाखिल किया था. कोर्ट ने 15 दिसंबर 2022 को पहले चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.

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