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रिमांड पर भानु प्रताप, रांची जमीन घोटाला मामले में पूछताछ - रांची जमीन घोटाला मामला

ED interrogated Bhanu Pratap Prasad. रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी की जांच चल रही है. ईडी बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद से पूछताछ कर रही है.

ED interrogated Bhanu Pratap Prasad in Ranchi land scam case
ED interrogated Bhanu Pratap Prasad in Ranchi land scam case
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 6, 2024, 1:00 PM IST

रांचीः बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को ईडी कार्यालय में पूछताछ की जा रही है. ईडी ने रांची जमीन घोटाला मामले में भानु को रिमांड पर लिया है. बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम हेमंत और भानु को आमने - सामने बिठा कर भी ईडी पूछताछ कर सकती है.

चार दिनों का है रिमांडः रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी की विशेष अदालत ने रांची के बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद से पूछताछ के लिए चार दिनों के रिमांड दिया है. रिमांड की अवधि मंगलवार से शुरू हुई है. मंगलवार को ईडी के अधिकारी भानु प्रताप को रांची जेल से लेकर एजेंसी के दफ्तर पहुंचे और आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उससे पूछताछ शुरू की है.

जांच में ईडी ने पाया है भानु प्रताप की भूमिकाः ईडी की जांच में यह बात सामने आयी थी कि भानु प्रताप ने साजिश रचकर जमीन के ओरिजनल रजिस्टर में हेरफेर कर हेमंत सोरेन के नाम की इंट्री करने की साजिश रची थी. लेकिन ईडी ने इससे पहले ही कार्रवाई कर दी. जिसके बाद जमीन हेमंत सोरेन के कब्जे में होने के बाद भी उनके नाम पर दर्ज नहीं हो पायी. ईडी ने अपने रिमांड कॉपी में लिखा है कि भानु प्रताप प्रसाद ने ओरिजनल रजिस्टर अपने पास ही रखा था ताकि जमीन की गलत इंट्री कर जमीन लूट की जा सके. इस सिंडिकेट में कई अन्य लोगों की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले थे. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि सेना जमीन घोटाले की जांच के दौरान भानु प्रताप प्रसाद के यहां 13 अप्रैल 2023 को छापा पड़ा था. तब कई ट्रंक में दस्तावेज भानु प्रताप के घर से मिले थे. इस मामले में ईडी की सूचना पर एक जून 2023 को सदर थाने में केस दर्ज कराया गया था. इसी आधार पर ईडी ने जमीन घोटाले का केस दर्ज किया, जिसमें हेमंत सोरेन की भूमिका सामने आयी.

भानु प्रताप ने साजिश रची, हेमंत ने अवैध तरीके से कब्जायी जमीनः ईडी ने कोर्ट को बताया है कि भानु प्रताप प्रसाद ने आपराधिक साजिश रची थी. भानु के मोबाइल से ही हेमंत सोरेन के द्वारा अवैध तरीके से अर्जित जमीन की जानकारी मिली, मोबाइल से कई चैट, डाटा, कैश ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलने की बात भी ईडी ने कोर्ट को बतायी है. मोबाइल में ही हेमंत सोरेन के कब्जे वाली 8.50 एकड़ जमीन की इमेज मिली थी. ईडी ने बताया है कि इस जमीन का फिजिकल वैरिफिकेशन स्वयं भानु प्रताप प्रसाद ने सीओ के आदेश पर किया था, यह आदेश भी सीएम आफिस के द्वारा दिया गया था. भानु प्रताप ने पद पर रहते हुए संपत्ति की नोटिंग की थी, जिसमें उसने पूरी जमीन में तीन प्लॉट को गैर भूईंहरी, बकाश्त भूईंहरी व रैयती प्रकृति का लिखा था. ये पूरी जमीन एक ही बाउंड्री के अंदर थी.

निजी अमीन शसेंद्र महतो को भी पूछताछ के लिए बुलाया गयाः ईडी ने मंगलवार को प्राइवेट अमीन शसेंद्र महतो को भी एजेंसी के दफ्तर पूछताछ के लिए बुलाया है. शसेंद्र ने ही भानु के कहने पर जमीन की मापी की थी.

रांचीः बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को ईडी कार्यालय में पूछताछ की जा रही है. ईडी ने रांची जमीन घोटाला मामले में भानु को रिमांड पर लिया है. बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम हेमंत और भानु को आमने - सामने बिठा कर भी ईडी पूछताछ कर सकती है.

चार दिनों का है रिमांडः रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी की विशेष अदालत ने रांची के बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद से पूछताछ के लिए चार दिनों के रिमांड दिया है. रिमांड की अवधि मंगलवार से शुरू हुई है. मंगलवार को ईडी के अधिकारी भानु प्रताप को रांची जेल से लेकर एजेंसी के दफ्तर पहुंचे और आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उससे पूछताछ शुरू की है.

जांच में ईडी ने पाया है भानु प्रताप की भूमिकाः ईडी की जांच में यह बात सामने आयी थी कि भानु प्रताप ने साजिश रचकर जमीन के ओरिजनल रजिस्टर में हेरफेर कर हेमंत सोरेन के नाम की इंट्री करने की साजिश रची थी. लेकिन ईडी ने इससे पहले ही कार्रवाई कर दी. जिसके बाद जमीन हेमंत सोरेन के कब्जे में होने के बाद भी उनके नाम पर दर्ज नहीं हो पायी. ईडी ने अपने रिमांड कॉपी में लिखा है कि भानु प्रताप प्रसाद ने ओरिजनल रजिस्टर अपने पास ही रखा था ताकि जमीन की गलत इंट्री कर जमीन लूट की जा सके. इस सिंडिकेट में कई अन्य लोगों की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले थे. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि सेना जमीन घोटाले की जांच के दौरान भानु प्रताप प्रसाद के यहां 13 अप्रैल 2023 को छापा पड़ा था. तब कई ट्रंक में दस्तावेज भानु प्रताप के घर से मिले थे. इस मामले में ईडी की सूचना पर एक जून 2023 को सदर थाने में केस दर्ज कराया गया था. इसी आधार पर ईडी ने जमीन घोटाले का केस दर्ज किया, जिसमें हेमंत सोरेन की भूमिका सामने आयी.

भानु प्रताप ने साजिश रची, हेमंत ने अवैध तरीके से कब्जायी जमीनः ईडी ने कोर्ट को बताया है कि भानु प्रताप प्रसाद ने आपराधिक साजिश रची थी. भानु के मोबाइल से ही हेमंत सोरेन के द्वारा अवैध तरीके से अर्जित जमीन की जानकारी मिली, मोबाइल से कई चैट, डाटा, कैश ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलने की बात भी ईडी ने कोर्ट को बतायी है. मोबाइल में ही हेमंत सोरेन के कब्जे वाली 8.50 एकड़ जमीन की इमेज मिली थी. ईडी ने बताया है कि इस जमीन का फिजिकल वैरिफिकेशन स्वयं भानु प्रताप प्रसाद ने सीओ के आदेश पर किया था, यह आदेश भी सीएम आफिस के द्वारा दिया गया था. भानु प्रताप ने पद पर रहते हुए संपत्ति की नोटिंग की थी, जिसमें उसने पूरी जमीन में तीन प्लॉट को गैर भूईंहरी, बकाश्त भूईंहरी व रैयती प्रकृति का लिखा था. ये पूरी जमीन एक ही बाउंड्री के अंदर थी.

निजी अमीन शसेंद्र महतो को भी पूछताछ के लिए बुलाया गयाः ईडी ने मंगलवार को प्राइवेट अमीन शसेंद्र महतो को भी एजेंसी के दफ्तर पूछताछ के लिए बुलाया है. शसेंद्र ने ही भानु के कहने पर जमीन की मापी की थी.

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