रांची: ईडी ने मीरा सिंह के खिलाफ एसीबी में दर्ज केस के आधार पर ईसीआईआर दर्ज किया है. इसी केस के आधार पर ईडी ने एक साथ मीरा सिंह के तुपुदाना के ब्रिजफोर्ड स्कूल के समीप स्थित आवास और मोहित लाल के देवी मंडल स्थित आवास में छापेमारी की, छापेमारी के दौरान ईडी ने मीरा सिंह के आठ मोबाइल फोन जब्त किए हैं, वहीं मोहित के तुपुदाना देवी मंडप स्थित आवास से ईडी ने 12.50 लाख रुपये कैश बरामद किए हैं.
100 जीबी से अधिक का चैट, बालू तस्करी में संलिप्तता के साक्ष्य
ईडी ने छापेमारी के दौरान मीरा सिंह के आठ मोबाइल से तकरीबन 100 जीबी डाटा रिट्रीव कराया है. मोबाइल के व्हाट्सएप चैट की जांच के दौरान पाया गया कि मीरा सिंह ने मोहित शाहदेव समेत कई अन्य लोगों से बालू की तस्करी को लेकर चैट किया है. कई ट्रकों के नंबर भी मोबाइल फोन से मिले हैं, जिन्हें पासिंग देने यानि पुलिस के द्वारा बिना पकड़े पास करने की बात मैसेज में लिखी गई है.
प्रति ट्रक पर पासिंग पर कितने पैसे मिलेंगे इसका हिसाब किताब भी चैट में मौजूद है. ईडी को जो साक्ष्य मिले हैं, उससे ईडी आने वाले दिनों में रांची में बड़े पैमाने पर बालू तस्करी के सिंडिकेट का खुलासा कर सकती है. इस सिंडिकेट से पुलिस अधिकारियों के लेकर नेताओं तक के लाभान्वित होने की बात सामने आयी है.
क्या मीरा ने करायी आईपीएस की पोस्टिंग
वहीं, सूत्रों के मुताबिक, मीरा के चैट में पूर्ववर्ती हेमंत सोरेन सरकार में प्रभावी रहे एक व्यक्ति से चैट भी मिले हैं. चैट में एक आईपीएस की पोस्टिंग कराने का भी जिक्र है, सूत्रों के अनुसार बाद में उस आईपीएस की पोस्टिंग भी संबंधित जिले में कर दी गई थी. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या आईपीएस की पोस्टिंग एक दरोगा रैंक की पदाधिकारी ने करवायी थी. इसकी जांच भी ईडी कर रही है.
घूसखोरी में जेल गईं, जमानत पर छूटी तो रांची में पोस्टिंग
सब इंस्पेक्टर के रसूख का अंदाजा इसी से लगाया जाता जा सकता है कि मीरा सिंह 25 फरवरी 2021 को खूंटी महिला थानेदार के पद पर थी, इस दौरान एक केस में आरोपी से 15 हजार घूस लेते मीरा को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद सात माह वह जेल में रहीं. जेल से छूटने के बाद मीरा सिंह का तबादला दूसरी बार रांची किया गया. जिसके बाद मीरा को तुपुदाना ओपी का प्रभारी बना दिया गया.
रांची में पोस्टिंग के बाद तुपुदाना ओपी में वह दो सालों से पदस्थापित हैं. तुपुदाना में पदस्थापना के दौरान भी विकास सिन्हा नाम के युवक से मारपीट के केस में मीरा सिंह के खिलाफ कार्रवाई का आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिया था. इस मामले में डीजीपी अजय कुमार सिंह ने मीरा का तबादला पीटीसी पदमा किया गया, लेकिन मीरा ने अपनी रसूख का इस्तेमाल कर तबादला रुकवा दिया. इसके पीछे भी सत्ता में प्रभावी रहे एक शख्स की भूमिका सामने आयी है.
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