रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े जमीन घोटाले में कई अधिकारी भी जांच के घेरे में आ गए हैं. ईडी ने बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन की जमाबंदी रद्द करने के मामले में एसएआर अफसर मनीषा तिर्की की भूमिका पर सवाल उठाया है. जिसके बाद मनीषा तिर्की भी ईडी की रडार पर हैं.
8.86 एकड़ जमीन की जमाबंदी रद्द करने का मामला
रांची जमीन घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े केस में ईडी ने बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन की जमाबंदी रद्द करने के मामले में एसएआर अफसर मनीषा तिर्की की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं. ईडी के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों में प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह समेत अन्य को राजनीतिक लोगों के साथ-साथ अफसरों का भी संरक्षण प्राप्त था. इसमें नेता और अफसरों को भी जमीन हड़पने वाले सिंडिकेट ने लाभ पहुंचाया था.
ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया अपनाने पर ईडी ने उठाए सवाल
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन के कथित कब्जे वाली जमीन की जमाबंदी रद्द करने के मामले में ईडी ने मनीषा तिर्की से पूछा था कि संबंधित जमीन की जमाबंदी के मामले में कोर्ट में आवेदन ऑफलाइन तरीके से आया था या ऑनलाइन आवेदन पर सुनवाई शुरू हुई थी. 4 जून को मनीषा तिर्की के द्वारा भेजे गए जवाब का जिक्र भी ईडी ने चार्जशीट में किया है. ईडी को मनीषा तिर्की ने बताया है कि जमीन की जमाबंदी रद्द करने का आवेदन ऑफलाइन ही आया था, जिसके बाद ईडी ने मनीषा से पूरे मॉड्स की जानकारी भी ली है. इसके बाद ईडी ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अपनाने के बजाय ऑफलाइन सुनवाई की गई.
जल्दबाजी में की गई एसएआर कोर्ट में सुनवाई
ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि केस को प्रभावित करने की नीयत से आनन-फानन में एसएआर अफसर ने सुनवाई कर जमाबंदी रद्द करवा दी. इसके बाद इनकी ऑनलाइन इंट्री आरोपी राजकुमार पाहन के पक्ष में कर दी गई. ईडी के द्वारा 10 आरोपियों पर दायर चार्जशीट में बताया है कि एसएआर के समक्ष दायर केस नंबर- 81/2023- 24 की सुनवाई काफी जल्दबाजी में की गई. ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि जिस वक्त दिल्ली में सीएम आवास पर सर्च चल रहा था, उसी वक्त एसएआर कोर्ट ने आनन-फानन में सुनवाई पूरी कर आदेश जारी किया और पूर्व की जमाबंदी रद्द कर दी. ईडी ने चार्जशीट में यह भी बताया है कि एसआरए अफसर के द्वारा पूरी कार्रवाई 9 जनवरी से 29 जनवरी 2024 के बीच की गई.
पूर्व में आई 80 शिकायतों पर सुनवाई नहीं, पर हेमंत सोरेन से जुड़े मामले में जल्दबाजीः ईडी
जिसमें एसएआर अफसर की भूमिका संदेहास्पद बताते हुए कहा गया है कि 16 जनवरी को संबंधित पक्षों को तीन नोटिस भेजकर 19, 24 और 29 जनवरी को उपस्थित होने को कहा गया था. उसी दिन जमाबंदी भी रद्द कर सह आरोपी राजकुमार पाहन के पक्ष में जमाबंदी कर दी गई. चार्जशीट में जिक्र है कि एसएआर कोर्ट ने आनन-फानन में सुनवाई की. इसका साक्ष्य यह है कि साल 2023- 24 में एसएआर कोर्ट में कुल 103 शिकायतें आईं. केस नंबर 81 के पहले भी 80 शिकायतें आ चुकी थी, लेकिन हेमंत सोरेन से जुड़े जमीन के मामले में पहले सुनवाई की गई. इस दौरान केस नंबर 81 समेत सिर्फ चार केस में ही एसएआर कोर्ट ने आदेश दिया है, जबकि बाकी सारे केस अब भी लंबित हैं.
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