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आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार विफल, जानिए जानेमाने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रीतिका खेड़ा ने ऐसा क्यों कहा - Economists Jean Dreze In Ranchi - ECONOMISTS JEAN DREZE IN RANCHI

Economists Jean Dreze and Ritika Kheda statement. देश के प्रमुख अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रीतिका खेड़ा ने मोदी सरकार के दावे और आंकड़ों को लेकर अपनी बात रखी हैं. जिसमें सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र में मोदी सरकार को विफल बताया है.

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Economists Jean Dreze In Ranchi
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 20, 2024, 5:20 PM IST

रांची में प्रेस वार्ता के दौरान बयान देते अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रीतिका खेड़ा.

रांची: एनडीए सरकार के 10 साल के दावे-आंकड़े और तथ्य को लेकर जानेमाने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रीतिका खेड़ा ने शनिवार को रांची के प्रेस क्लब में अपने विचार व्यक्त किए. इस दौरान उन्होंने सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र में मोदी सरकार को विफल बताते हुए यूपीए सरकार के कामकाज से तुलनात्मक ब्योरा प्रस्तुत किया.

रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार विफलः जयां द्रेज

लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में ज्यां द्रेज ने मीडियाकर्मियों से कहा कि जिस दर से पिछले 10 वर्षों में महंगाई बढ़ी है, उस हिसाब से मजदूरी दर नहीं बढ़ी है. मोदी सरकार को रोजगार के मुद्दे पर विफल बताते हुए ज्यां द्रेज ने कहा कि देश-दुनिया में भारत की जीडीपी के बारे में बहुत ही बढ़ा-चढ़ाकर बातें की जाती हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. जब कभी भी बेरोजगारी की बात होती है तो शिक्षित बेरोजगार का ही आकलन कर के बताया जाता है, जबकि रिक्शा चलाने वाले, अंडा बेचनेवाले और ईंट भट्ठा में काम करनेवाले मजदूरों की बेरोजगारी का जिक्र कभी नहीं किया जाता है.

केंद्र सरकार ने सामाजिक सुरक्षा को किया नजरअंदाजः रीतिका खेड़ा

इस मौके पर अर्थशास्त्री रीतिका खेड़ा ने सामाजिक सुरक्षा पर केंद्र द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजना के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया है.यही वजह है कि सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाने वाली पेंशन में केंद्र की हिस्सेदारी महज 200 रुपए है. पिछले 16 वर्षों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुए हैं. सामाजिक सुरक्षा के तहत दिए जानेवाले मुफ्त राशन का जिक्र करते हुए रीतिका खेड़ा ने कहा कि वर्तमान में 80 करोड़ लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुक हैं. यदि 2021 की जनगणना हो जाती तो करीब 10 करोड़ और लोग जुड़ जाते. इस वजह से झारखंड के 44 लाख लोग वंचित हो रहे हैं.

प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत दी जाने वाली राशि बेहद कम

उन्होंने कहा कि केंद्र के द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना की राशि इतनी कम है कि इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. एक सरकारी सेवक महिला को तो छह महीने तक इस योजना के तहत वेतन और अन्य सुविधा हर महीने घर बैठे मिलती रहेगी, लेकिन हमें उनके बारे में भी सोचना होगा जो गर्भवती होने के कारण घर बैठने के लिए मजबूर हो जाती हैं. सरकार द्वारा निर्धारित राशि भी लेने में इन्हें कई तरह की परेशानी होती हैं. मोदी सरकार पर इन सभी योजनाओं पर राशि कम करने के साथ-साथ रीतिका खेरा ने पूर्व से यूपीए शासनकाल में चली आ रही योजनाओं के नाम बदलकर योजना संचालित करने का आरोप लगाया है.

भाजपा को हराने का अभियान चला रहा है लोकतंत्र बचाओ

सामाजिक संगठन लोकतंत्र बचाओ 2024 के द्वारा लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के अभियान चलाया जा रहा है. लोकतंत्र बचाओ का मानना है कि भाजपा सरकार ने आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, किसानों, मजदूरों और महिलाओं के अधिकारों का घनघोर हनन किया है. आम जनता के जीवन को बदतर बना दिया है. देश को तानाशाही की ओर बढ़ाया है. इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना है.

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रांची में प्रेस वार्ता के दौरान बयान देते अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रीतिका खेड़ा.

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लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में ज्यां द्रेज ने मीडियाकर्मियों से कहा कि जिस दर से पिछले 10 वर्षों में महंगाई बढ़ी है, उस हिसाब से मजदूरी दर नहीं बढ़ी है. मोदी सरकार को रोजगार के मुद्दे पर विफल बताते हुए ज्यां द्रेज ने कहा कि देश-दुनिया में भारत की जीडीपी के बारे में बहुत ही बढ़ा-चढ़ाकर बातें की जाती हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. जब कभी भी बेरोजगारी की बात होती है तो शिक्षित बेरोजगार का ही आकलन कर के बताया जाता है, जबकि रिक्शा चलाने वाले, अंडा बेचनेवाले और ईंट भट्ठा में काम करनेवाले मजदूरों की बेरोजगारी का जिक्र कभी नहीं किया जाता है.

केंद्र सरकार ने सामाजिक सुरक्षा को किया नजरअंदाजः रीतिका खेड़ा

इस मौके पर अर्थशास्त्री रीतिका खेड़ा ने सामाजिक सुरक्षा पर केंद्र द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजना के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया है.यही वजह है कि सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाने वाली पेंशन में केंद्र की हिस्सेदारी महज 200 रुपए है. पिछले 16 वर्षों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुए हैं. सामाजिक सुरक्षा के तहत दिए जानेवाले मुफ्त राशन का जिक्र करते हुए रीतिका खेड़ा ने कहा कि वर्तमान में 80 करोड़ लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुक हैं. यदि 2021 की जनगणना हो जाती तो करीब 10 करोड़ और लोग जुड़ जाते. इस वजह से झारखंड के 44 लाख लोग वंचित हो रहे हैं.

प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत दी जाने वाली राशि बेहद कम

उन्होंने कहा कि केंद्र के द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना की राशि इतनी कम है कि इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. एक सरकारी सेवक महिला को तो छह महीने तक इस योजना के तहत वेतन और अन्य सुविधा हर महीने घर बैठे मिलती रहेगी, लेकिन हमें उनके बारे में भी सोचना होगा जो गर्भवती होने के कारण घर बैठने के लिए मजबूर हो जाती हैं. सरकार द्वारा निर्धारित राशि भी लेने में इन्हें कई तरह की परेशानी होती हैं. मोदी सरकार पर इन सभी योजनाओं पर राशि कम करने के साथ-साथ रीतिका खेरा ने पूर्व से यूपीए शासनकाल में चली आ रही योजनाओं के नाम बदलकर योजना संचालित करने का आरोप लगाया है.

भाजपा को हराने का अभियान चला रहा है लोकतंत्र बचाओ

सामाजिक संगठन लोकतंत्र बचाओ 2024 के द्वारा लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के अभियान चलाया जा रहा है. लोकतंत्र बचाओ का मानना है कि भाजपा सरकार ने आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, किसानों, मजदूरों और महिलाओं के अधिकारों का घनघोर हनन किया है. आम जनता के जीवन को बदतर बना दिया है. देश को तानाशाही की ओर बढ़ाया है. इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना है.

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