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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के चार एलिफेंट कॉरिडोर के साथ अमानगढ़ रिजर्व के ये हिस्से होंगे इको सेंसिटिव, राजस्व गांवों पर पड़ेगा ये असर - Corbett Eco Sensitive Zone

Some parts of Corbett Park will become eco-sensitive zones नैनीताल हाईकोर्ट वन्य जीवों और उनकी सुरक्षा के साथ ही मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने को लेकर सक्रिय है. एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगते यूपी के अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के कुछ हिस्से को भी इको सेंसिटिव घोषित करने का आदेश दिया है.

CORBETT ECO SENSITIVE ZONE
कॉर्बेट इको सेंसिटिव जोन (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 20, 2024, 11:46 AM IST

Updated : Aug 20, 2024, 1:24 PM IST

इको सेंसिटिव जोन (Video- ETV Bharat)

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन हाईकोर्ट में दाखिल पीआईएल 164 के अंतर्गत कॉर्बेट पार्क के कोर से लगते यूपी क्षेत्र के एरिया के साथ ही कॉर्बेट पार्क के 4 हाथी कॉरिडोर क्षेत्रों को जल्द इको सेंसिटिव जोन घोषित करेगा. इसके साथ ही इन हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत जो भी राजस्व गांव आएंगे, वह भी इको सेंसिटिव जोन में शामिल हो जाएगा.

कॉर्बेट पार्क के ये क्षेत्र घोषित होंगे इको सेंसिटिव जोन: अब कॉर्बेट प्रशासन अपने चार हाथी कॉरिडोर वाले क्षेत्रों के साथ ही कॉर्बेट पार्क के कोर क्षेत्र से लगते अमानगढ़ यूपी के कुछ हिसे को इको सेंसिटिव जोन घोषित करने जा रहा है. इस विषय में जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर दिगंत नायक ने बताया कि पीआईएल 164 के तहत उच्च न्यायालय नैनीताल ने आदेश दिया है कि जो भी हाथी कॉरिडोर हैं, और कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे हुए क्षेत्र और कॉर्बेट पार्क से 1 किलोमीटर निकटवर्ती क्षेत्र हैं, इनको ईको सेंसिटिव जोन डिक्लेयर किया जाना है. जिसको जल्द से जल्द उच्च न्यायालय के आदेश के बाद किया जाना है.

अमानगढ़ टाइगर रिजर्व का कुछ हिस्सा भी होगा शामिल: दिगंत नायक ने कहा कि उत्तराखंड की तरफ से सारा कार्य कर लिया गया है, जिसकी रिपोर्ट शासन तक भी भेज दी गई है. डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि उत्तर प्रदेश का जो अमानगढ़ टाइगर रिजर्व है, उसका कुछ क्षेत्र भी पार्क के कोर एरिया के एक किलोमीटर के क्षेत्र में आता है. वह क्षेत्र भी इको सेंसिटिव जोन घोषित किया जाना है. उन्होंने कहा इसको लेकर 2 दिन पूर्व यूपी वन विभाग के साथ कॉर्बेट प्रशासन की एक बैठक हुई है. उनके द्वारा भी क्षेत्र चिन्हित कर लिया गया है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के हैं चार एलिफेंट कॉरिडोर: उत्तर प्रदेश शासन से आदेश प्राप्त होते ही उस क्षेत्र को भी शामिल करते हुए हमारे द्वारा हाथी कॉरिडॉर वाले क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पास अभी चार एलिफेंट कॉरिडोर हैं. इनमें आमडंडा रिंगोड़ा हाथी कॉरिडोर, गर्जिया-सुंदरखाल कॉरिडोर, मोहान-कोसी कॉरिडोर और सोना नदी कॉरिडोर शामिल हैं. इसके साथ ही इन हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत जो भी राजस्व गांव आएंगे, वह भी इको सेंसिटिव जोन में शामिल हो जाएंग.

इस कारण दायर की थी पीआईएल: बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की गई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कॉर्बेट नेशनल पार्क के 10 किलोमीटर के दायरे को पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) घोषित नहीं किए जाने के चलते यहां पर बड़े पैमाने पर मशरूमिंग की तरह होटल, फार्म हाउस, मैरिज हॉल आदि फल-फूल रहे हैं. इस कारण कॉर्बेट नेशनल पार्क में मानवीय गतिविधियों के बढ़ने से मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ गई हैं. इन्हीं स्थितियों से निपटने के लिए अब इको सेंसिटिव जोन की जरूरत महसूस की जा रही है. इको सेंसिटिव जोन होने के बाद संबंधित क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो पाएगा. साथ ही मानवीय गतिविधियां भी सीमित की जाएंगी.
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इको सेंसिटिव जोन (Video- ETV Bharat)

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन हाईकोर्ट में दाखिल पीआईएल 164 के अंतर्गत कॉर्बेट पार्क के कोर से लगते यूपी क्षेत्र के एरिया के साथ ही कॉर्बेट पार्क के 4 हाथी कॉरिडोर क्षेत्रों को जल्द इको सेंसिटिव जोन घोषित करेगा. इसके साथ ही इन हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत जो भी राजस्व गांव आएंगे, वह भी इको सेंसिटिव जोन में शामिल हो जाएगा.

कॉर्बेट पार्क के ये क्षेत्र घोषित होंगे इको सेंसिटिव जोन: अब कॉर्बेट प्रशासन अपने चार हाथी कॉरिडोर वाले क्षेत्रों के साथ ही कॉर्बेट पार्क के कोर क्षेत्र से लगते अमानगढ़ यूपी के कुछ हिसे को इको सेंसिटिव जोन घोषित करने जा रहा है. इस विषय में जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर दिगंत नायक ने बताया कि पीआईएल 164 के तहत उच्च न्यायालय नैनीताल ने आदेश दिया है कि जो भी हाथी कॉरिडोर हैं, और कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे हुए क्षेत्र और कॉर्बेट पार्क से 1 किलोमीटर निकटवर्ती क्षेत्र हैं, इनको ईको सेंसिटिव जोन डिक्लेयर किया जाना है. जिसको जल्द से जल्द उच्च न्यायालय के आदेश के बाद किया जाना है.

अमानगढ़ टाइगर रिजर्व का कुछ हिस्सा भी होगा शामिल: दिगंत नायक ने कहा कि उत्तराखंड की तरफ से सारा कार्य कर लिया गया है, जिसकी रिपोर्ट शासन तक भी भेज दी गई है. डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि उत्तर प्रदेश का जो अमानगढ़ टाइगर रिजर्व है, उसका कुछ क्षेत्र भी पार्क के कोर एरिया के एक किलोमीटर के क्षेत्र में आता है. वह क्षेत्र भी इको सेंसिटिव जोन घोषित किया जाना है. उन्होंने कहा इसको लेकर 2 दिन पूर्व यूपी वन विभाग के साथ कॉर्बेट प्रशासन की एक बैठक हुई है. उनके द्वारा भी क्षेत्र चिन्हित कर लिया गया है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के हैं चार एलिफेंट कॉरिडोर: उत्तर प्रदेश शासन से आदेश प्राप्त होते ही उस क्षेत्र को भी शामिल करते हुए हमारे द्वारा हाथी कॉरिडॉर वाले क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पास अभी चार एलिफेंट कॉरिडोर हैं. इनमें आमडंडा रिंगोड़ा हाथी कॉरिडोर, गर्जिया-सुंदरखाल कॉरिडोर, मोहान-कोसी कॉरिडोर और सोना नदी कॉरिडोर शामिल हैं. इसके साथ ही इन हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत जो भी राजस्व गांव आएंगे, वह भी इको सेंसिटिव जोन में शामिल हो जाएंग.

इस कारण दायर की थी पीआईएल: बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की गई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कॉर्बेट नेशनल पार्क के 10 किलोमीटर के दायरे को पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) घोषित नहीं किए जाने के चलते यहां पर बड़े पैमाने पर मशरूमिंग की तरह होटल, फार्म हाउस, मैरिज हॉल आदि फल-फूल रहे हैं. इस कारण कॉर्बेट नेशनल पार्क में मानवीय गतिविधियों के बढ़ने से मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ गई हैं. इन्हीं स्थितियों से निपटने के लिए अब इको सेंसिटिव जोन की जरूरत महसूस की जा रही है. इको सेंसिटिव जोन होने के बाद संबंधित क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो पाएगा. साथ ही मानवीय गतिविधियां भी सीमित की जाएंगी.
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Last Updated : Aug 20, 2024, 1:24 PM IST
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