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किशनगंज में भूकंप से कांपी धरती, घरों से बाहर निकले लोग.. सिक्किम रहा सेंटर - Earthquake IN BIHAR

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 9, 2024, 8:23 AM IST

Updated : Aug 9, 2024, 8:46 AM IST

Earthquake in Kishanganj: बिहार के किशनगंज में शुक्रवार सुबह 6.57 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिले के कई इलाकों में इसका असर देखा गया. हालांकि अब तक भूकंप से जान-माल की क्षति नहीं हुई. पढ़ें पूरी खबर.

किशनगंज में भूकंप
किशनगंज में भूकंप (ETV Bharat)

किशनगंज : बिहार के किशनगंज में सुबह-सुबह भूकंप से धरती कांप उठी. भूकंप का केंद्र सिक्किम में बताया जा रहा है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पैमाने पर 4.4 मापी गई. भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए. कुछ देर के लिए लोगों के बीच अफरातफरी का माहौल देखने को मिला.

घरों से बाहर निकल आए लोग : भूकंप महसूस होने के बाद स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. कुछ देर के लिए दोबारा भूकंप आने की आशंका के बीच लोग डरे सहमे दिखे. इस बीच तीव्रता कम होने के कारण कई लोगों को इसका अहसास नहीं हुआ. धरती डोलने से किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है.

भूकंप क्यों आते हैं? : दरअसल, पृथ्वी 4 परतों से बनी हुई. 50 किलोमीटर की इस मोटी परत के अंदर 7 प्लेट्स होते हैं, जो बिना रुके घूमती रहती हैं. एक्सपर्टस की माने तो जब यह प्लेट ज्यादा हिलने लगती है तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं.

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता: भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है. भूकंप को रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल यानी 1 से 9 के बीच मापा जाता है. जब भूकंप आता है और धरती के अंदर से जो ऊर्जा की तरंगे निकलती है, उसकी तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. इन्हीं तरंगों के कारण लोग कंपन महसूस करते हैं.

भूकंप की कितना तीव्रता खतरनाक? 2.5 से 5.4 तीव्रता वाला भूकंप माइनर कैटेगरी में आता है. इसमें हल्का कंपन होता है. 5.5 से 6 हल्का खतरनाक होता है. इसमें कम नुकसान होता है. 6 से 7 तीव्रता रही तो यह खतरनाक भूकंप होता है. वहीं 7 से 7.09 बहुत ज्यादा खतरनाक माना जाता है. इमारत गिर सकती है. इससे ज्यादा 8 से 9 में तबाही मचाने वाला भूकंप होता है. समुंद्र के नजदीक वाले इलाके में सुनामी आ जाती है. यह ज्यादा खतरनाक होता है.

यह भी पढ़ेंः 'द रंबलिंग अर्थ'- भूकंप की अनोखी कहानी पढ़ें

किशनगंज : बिहार के किशनगंज में सुबह-सुबह भूकंप से धरती कांप उठी. भूकंप का केंद्र सिक्किम में बताया जा रहा है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पैमाने पर 4.4 मापी गई. भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए. कुछ देर के लिए लोगों के बीच अफरातफरी का माहौल देखने को मिला.

घरों से बाहर निकल आए लोग : भूकंप महसूस होने के बाद स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. कुछ देर के लिए दोबारा भूकंप आने की आशंका के बीच लोग डरे सहमे दिखे. इस बीच तीव्रता कम होने के कारण कई लोगों को इसका अहसास नहीं हुआ. धरती डोलने से किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है.

भूकंप क्यों आते हैं? : दरअसल, पृथ्वी 4 परतों से बनी हुई. 50 किलोमीटर की इस मोटी परत के अंदर 7 प्लेट्स होते हैं, जो बिना रुके घूमती रहती हैं. एक्सपर्टस की माने तो जब यह प्लेट ज्यादा हिलने लगती है तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं.

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता: भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है. भूकंप को रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल यानी 1 से 9 के बीच मापा जाता है. जब भूकंप आता है और धरती के अंदर से जो ऊर्जा की तरंगे निकलती है, उसकी तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. इन्हीं तरंगों के कारण लोग कंपन महसूस करते हैं.

भूकंप की कितना तीव्रता खतरनाक? 2.5 से 5.4 तीव्रता वाला भूकंप माइनर कैटेगरी में आता है. इसमें हल्का कंपन होता है. 5.5 से 6 हल्का खतरनाक होता है. इसमें कम नुकसान होता है. 6 से 7 तीव्रता रही तो यह खतरनाक भूकंप होता है. वहीं 7 से 7.09 बहुत ज्यादा खतरनाक माना जाता है. इमारत गिर सकती है. इससे ज्यादा 8 से 9 में तबाही मचाने वाला भूकंप होता है. समुंद्र के नजदीक वाले इलाके में सुनामी आ जाती है. यह ज्यादा खतरनाक होता है.

यह भी पढ़ेंः 'द रंबलिंग अर्थ'- भूकंप की अनोखी कहानी पढ़ें

Last Updated : Aug 9, 2024, 8:46 AM IST
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