कानपुर : पुलिस के सामने कई ऐसे उलझे हुए केस होते थे, जिसमें सबूत ठीक ढंग से न सुरक्षित रख पाने के चलते कर्मियों व अफसरों को किरकिरी जैसे माहौल का सामना करना पड़ता था. हालांकि, यह स्थिति हमेशा न रहे इसके लिए कानपुर में एसीपी कैंट अंजलि विश्वकर्मा ने नई पहल करते हुए शहर के कैंट थाना में पहला ई-मालखाना तैयार किया है. जहां मालखाना से संबंधित सारे सामानों (अधिकतर सबूतों) को बार कोड से जोड़ते हुए प्लास्टिक के डिब्बों में रखा गया है.
त्वरित हो सकेगा केसों का निस्तारण : एसीपी कैंट ने अपने क्षेत्र के सभी थाना प्रभारियों से कहा कि अब उन्हें अपने केसों के दौरान ई-मालखाना की मदद मिल सकेगी. साथ ही केसों का निस्तारण भी त्वरित हो सकेगा. शनिवार को ई-मालखाना का शुभारंभ करने पहुंचे सीपी अखिल कुमार ने जहां एसीपी कैंट को उनकी नई पहल के लिए बधाई दी, वहीं, मौके से ही यह कह दिया कि इस अनूठी व्यवस्था को हम जिले के सभी थानों में जल्द लागू करेंगे.
यहां जानिए, ई-मालखाना बनने से क्या होंगे लाभ |
- ई-मालखाना एप व वेबसाइट से थानों पर नियुक्त हेड मोहर्रिर मालखाना को मालखाना का चार्ज देने में सहूलियत रहेगी. |
- ई-मालखाना में पेपर रिकॉर्ड्स के विपरीत डिजिटल साक्ष्य प्राकृतिक आपदाओं (आग, बाढ़) आदि से प्रभावित नहीं होते. |
- सभी रिकॉर्ड्स को क्लाउड या अन्य माध्यमों से दोबारा सुरक्षित किया जा सकता है. |
- ई-मालखाना में सभी सामानों को एक बार कोड व एक आईडी नंबर भी दिया गया है. |
- ई-मालखाना के माध्यम से सभी अधिकारियों से लेकर थाना प्रभारियों तक एक लॉग इन आइडी बनाई गई है. |
- थाना प्रभारी एक सिंगल क्लिक की मदद से जोन-सर्किल थाने की पूरी स्थिति की मानीटरिंग आसानी से कर सकते हैं. |
अब कोई भी अधिकारी कहीं से भी देख सकेगा सबूत : पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने बताया, कि अब कोई भी कर्मचारी कहीं से भी बैठे-बैठे अपने सबूतों की जानकारी ले सकेगा. अधिकारियों को मालखाना के संबंध में होने वाले सभी झंझटों से मुक्ति मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि यहां हर सामान बेहद व्यवस्थित ढंग से रखा गया है. सभी डिब्बों का डिजिटाइजेशन भी कर दिया गया है. उन्होंने बताया, कि एसीपी कैंट अंजलि विश्वकर्मा ने यह प्रयोग कई अन्य राज्यों में किया, जहां वह पूरी तरह से सफल रहा.