रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन प्रणाली का शुभारंभ किया. इस मौके पर वन विभाग के दो करोड़ रूपए की लागत से तैयार किए गए अत्याधुनिक दण्डकारण्य ऑडिटोरियम का भी शुभांरभ भी हुआ.
ई ऑक्शन से क्या होगा फायदा ?: ई-ऑक्शन प्रणाली से वन विभाग के काष्ठागारों में काष्ठ के नीलामी में प्रतिस्पर्धा एवं पारदर्शिता आएगी. ई-ऑक्शन की प्रक्रिया में ईओआई के माध्यम से एमएसटीसी के द्वारा ई-ऑक्शन कार्य किया जा सकेगा. काष्ठागार की काष्ठ नीलामी ई-ऑक्शन के माध्यम से कराए जाने से शासन एवं बोलीदाता के लिए भुगतान की प्रक्रिया त्वरित एवं पारदर्शी हो जाएगी.इससे राज्य शासन के राजस्व की वृद्धि होगी.
कागजी कार्रवाई से मिलेगी निजात : गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में वन विभाग के काष्ठागारों में ईमारती काष्ठ, बल्ली, व्यापारिक बांस, जलाऊ लकड़ी की नीलामी की जाती है. राज्य में 27 विक्रय डिपो संचालित हैं. अभी अतिरिक्त भुगतान की प्रक्रिया में कागजी कार्रवाई और बहुत सारे रिकॉर्ड रखे जा रहे हैं.अब ई-ऑक्शन प्रणाली के शुभारंभ होने से कागजी कार्रवाई से निजात मिलेगी.
दंडकारण्य ऑडिटोरियम की खासियत : वन विभाग ने करीब दो करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित इस अत्याधुनिक ऑडिटोरियम में आंतरिक साज-सज्जा, लाइट, साउंड सिस्टम, वातानुकूलित, स्टेज, एलईडी स्क्रीन जैसी सुविधाओं के साथ 140 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. वन मुख्यालय में समय-समय पर होने वाले सेमिनार, वर्कशॉप, मैदानी अमले, संयुक्त वन प्रबंधन समिति सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए इसकी आवश्यकता थी.इसके शुभारंभ होने से वन विभाग अब मुख्यालय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम एक ‘स्टेट ऑफ आर्ट सभागार‘ में किए जा सकेंगे.
कौन-कौन था कार्यक्रम में मौजूद : इस कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक गजेन्द्र यादव और केन्द्रीय वन महानिदेशक एवं भारत सरकार के विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार भी शामिल हुए. कार्यक्रम में प्रधान वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार अग्रवाल सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.