अल्मोड़ा: उत्तराखंड सरकार के इस बार के बजट सत्र को लेकर प्रदेश में सियासत जारी है. ठंड का हवाला लेकर तीन दर्जन से अधिक विधायकों ने बजट सत्र को देहरादून में करने के लिए पत्र लिखकर मांग की है. वहीं कैबिनेट ने भी इसमें हामी भर दी है. लेकिन पर्वतीय क्षेत्र के विधायकों को यह मंजूर नहीं है. वह ठंड को इसका कोई कारण नहीं मानते हैं. पर्वतीय क्षेत्र के विधायकों का कहना है कि बजट सत्र गैरसैंण में आहूत होना चाहिए. गैरसैंण में सरकार की आवाजाही से क्षेत्र की अनेक समस्याओं का समाधान होगा और उस क्षेत्र का विकास होगा. जिसका लाभ वहां के लोगों को भी मिल सकेगा.
अल्मोड़ा में एक कार्यक्रम में पहुंचे द्वाराहाट के कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट ने बजट सत्र को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि गैरसैंण में साल में एक नहीं बल्कि दो सत्र होने चाहिए. गैरसैंण में सत्र होगा तो पहाड़ में सड़कों की स्थिति सुधरेगी और कनेक्टिविटी सही होने के साथ ही उस क्षेत्र से लगे अनेक गांव के लोगों को इसका लाभ मिलेगा. साथ ही क्षेत्र का विकास होगा.
विधायक मदन सिंह बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस ने ही गैरसैंण में विधान सभा भवन जनभावनाओं और हिमालयी राज्य की अवधारणा के तहत बनाया था. कांग्रेस हमेशा से गैरसैंण के पक्षधर रही है. कांग्रेस गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाना चाहती थी. लेकिन किन्हीं कारणों से वह हो नहीं पाया. उन्होंने कहा बजट सत्र देहरादून की बजाय गैरसैंण में ही आयोजित होना चाहिए. जिस ठंड का हवाला देकर इसे देहरादून में करने की बात की जा रही है, यह कोई उचित कारण नहीं है.
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