नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए एबीवीपी, एनएसयूआई और आइसा व एसएफआई ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. अब सभी छात्र संगठन पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुटने की तैयारी कर रहे हैं. इसी क्रम में एबीवीपी, एनएसयूआई और वामपंथी छात्र संगठनों ने शनिवार को डूसू चुनाव के लिए अपने-अपने घोषणा पत्र जारी किए.
कुल 21 उम्मीदवार चुनावी मैदान में बचे हैं. ऐसे में जानना जरूरी है कि चारों छात्र संगठनों ने जिन प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है, उनका बैकग्राउंड क्या है? वो कहां के रहने वाले हैं और उनकी योग्यता क्या है? दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए 27 सितंबर को मतदान होगा.
ABVP के प्रत्याशियों का संक्षिप्त परिचय
ऋषभ चौधरी, अध्यक्ष पद के लिए: ऋषभ चौधरी मूलतः गन्नौर, सोनीपत के निवासी हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल कॉलेज से इतिहास तथा राजनीतिक विज्ञान विषय से स्नातक पूर्ण किया है. वॉलीबॉल तथा कबड्डी में ऋषभ की काफी रुचि रही है. खेल संबंधी व्यवस्थाओं को विश्वविद्यालय में दुरुस्त करने के लिए वो प्रयासरत रहे हैं. वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के बुद्धिस्ट स्टडीज विभाग में अध्ययनरत हैं. इस वर्ष अभाविप के पैनल से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं.
भानु प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष पद के लिए: भानु प्रताप सिंह मूलतः हरियाणा के फरीदाबाद के निवासी हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री अरविंदो महाविद्यालय से मनोविज्ञान (ऑनर्स) में स्नातक पूर्ण किया है. उन्होंने डीयू के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कई प्रतियोगियों का आयोजन कराया है. 2017 में अरविंदो महाविद्यालय में छात्रसंघ सचिव पद पर निर्वाचित हुए, वर्तमान में डीयू के विधि परिसर केंद्र के प्रथम वर्ष के छात्र हैं.
मित्रविंदा कर्णवाल, सचिव पद के लिए: मित्रविंदा मूलत: उत्तर प्रदेश के चांदपुर, बिजनौर की निवासी हैं. महिला संबंधी विषयों को लेकर निरंतर विभिन्न कार्यों में संलग्न रहती हैं तथा सेवा कार्य में विशेष रुचि रखती हैं. अकादमिक क्षेत्र से मित्रविंदा बहुत मेधावी रही हैं. उन्होंने इंटर की परीक्षा को 99 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण कर जिले में तीसरा स्थान प्राप्त किया था. मित्रविंदा ने ऋतुमति अभियान के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय की महिलाओं को विभिन्न विषयों में जागरूक करने का कार्य किया है व लक्ष्मीबाई कॉलेज में छात्रसंघ सचिव के रूप में पिछले वर्ष निर्वाचित की गई थी. वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज में इतिहास (ऑनर्स) के तृतीय वर्ष की छात्रा हैं.
अमन कपासिया, संयुक्त सचिव पद के लिए: अमन कपासिया मूलतः दिल्ली के निवासी हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के PGDAV सांध्य महाविद्यालय से हिन्दी (ऑनर्स) से स्नातक पूर्ण किया है. खेल में अमन की काफी रुचि रही है और तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं. अभी दिल्ली विश्वविद्यालय के बुद्धिस्ट स्टडीज विभाग में अध्ययनरत हैं. इस वर्ष अभाविप के पैनल से डूसू में संयुक्त-सचिव पद के उम्मीदवार हैं. अमन ने वैश्विक महामारी कोरोना काल जैसे जटिल वक्त में दिल्ली विश्वविद्यालय के 11 कॉलेजों में जो छात्र फंसे थे, उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाते हुए प्रभावशाली कार्य किया था.
NSUI के उम्मीदवारों का संक्षिप्त परिचय:
रौनक खत्री "मटकामैन" अध्यक्ष पद के उम्मीदवार: रौनक खत्री, जिन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय में "मटकामैन" के नाम से जाना जाता है. दिल्ली के ही नरेला के रहने वाले हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर में एक कानून के छात्र हैं. अपनी अनोखी प्रचार शैली और छात्र अधिकारों के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है. रौनक अपने कानूनी ज्ञान और गतिशील नेतृत्व के साथ, डूसू में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने का उद्देश्य रखते हैं.
यश नांदल, उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार: यश नांदल हरियाणा के रोहतक जिले के निवासी हैं. यश बौद्ध अध्ययन विभाग के छात्र हैं. मजबूत नेतृत्व के साथ, यश समावेशिता को बढ़ावा देने और विश्वविद्यालय के छात्रों की प्रमुख चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
नम्रता जेफ मीणा, सचिव पद की उम्मीदवार: किरोड़ीमल कॉलेज की छात्रा नम्रता जेफ मीणा, अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं. वह, राजस्थान के सीकर जिले की निवासी हैं. वह विविधता और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों के लिए जागरूक हैं और इन मुद्दों को डूसू में प्रमुखता से उठाने की दिशा में प्रयासरत हैं.
लोकेश चौधरी, संयुक्त सचिव पद: लोकेश हिसार हरियाणा के निवासी हैं. वह अभी डीयू में बौद्ध अध्ययन के छात्र हैं. लोकेश चौधरी, हाशिए पर रहने वाले समुदायों की चिंताओं को उठाने और सभी छात्रों के लिए कैंपस के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
AISA-SFI के उम्मीदवारों का संक्षिप्त परिचय:
अध्यक्ष पद-सावी गुप्ता: लॉ सेंटर-2 की तीसरे वर्ष की छात्रा और आइसा सदस्य सावी गुप्ता अध्यक्ष पद के लिए गठबंधन की प्रत्याशी बनाई गई हैं. सावी गुप्ता राम लाल आनंद कॉलेज से पासआउट हैं और कोरोना के बाद डीयू को फिर से खोलने के आंदोलन की प्रमुख आवाज़ों में से एक थी. सावी लॉ फैकल्टी में छात्रों के मुद्दों पर मुखर रही हैं, चाहे वह पीजी एडमिशन में विसंगतियां हो या पीडब्ल्यूडी छात्रों के लिए हाल ही में हुई फीस बढ़ोतरी. आरजी कर आंदोलन के शुरू होने के बाद से सावी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आईसीसी और लैंगिक संवेदनशीलता के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया है.
उपाध्यक्ष, आयुष मंडल: आइसा के आयुष मंडल को उपाध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया गया है. वह लॉ सेंटर-2 के प्रथम वर्ष के छात्र हैं. आयुष पश्चिम बंगाल के बाकुरा से आते हैं. उन्होंने कोरोना संकट के बाद डीयू को फिर से खोलने के आंदोलन के दौरान पांच दिन की भूख हड़ताल भी की थी. लॉ फैकल्टी में प्रवेश से पहले, आयुष को बाइक कैब चलाने का काम करना पड़ा और अधिकारों के लिए संघर्ष के उनके उत्साह ने उन्हें ऐप कर्मचारियों को यूनियन बनाने के लिए प्रेरित किया.
सचिव, स्नेहा अग्रवाल: लॉ सेंटर-2 की प्रथम वर्ष की लॉ छात्रा और एसएफआई सदस्य स्नेहा अग्रवाल को सचिव पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया है. रामजस कॉलेज में पढ़ने वाली उत्तर प्रदेश के बागपत की पहली महिला के रूप में उन्होंने मेडिकल रूम खोलने और एड-हॉक शिक्षकों के विस्थापन का विरोध करने जैसी पहलों के माध्यम से छात्र कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है. स्नेहा प्रभावी आईसीसी और एससी/एसटी सेल के माध्यम से समावेशी भागीदारी और मजबूत प्रतिनिधित्व की वकालत करती हैं.
संयुक्त सचिव, अनामिका: एमए राजनीति विज्ञान की प्रथम वर्ष की छात्रा अनामिका को संयुक्त सचिव के पद के लिए प्रत्याशी बनाया है. जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज में पूर्व में आईसीसी प्रतिनिधि और महासचिव, केरल के एक ओबीसी परिवार से आने वाली अनामिका ने किफायती आवा
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