कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश-विदेश से शिल्पकार आए हुए हैं. जिन्होंने यहां पर अपनी कलाकृतियों की प्रदर्शनी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में लगाई हुई है. राजस्थान से भी शिल्पकार सुधीर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचे हैं. जो पिछले 20 सालों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सरस व शिल्प मेले का हिस्सा बन रहे हैं. सुधीर ने पत्थर के चूरे को शिल्पकला से भगवान श्रीकृष्ण, गौतम बुद्ध सहित अन्य महान लोगों का स्वरूप दिया गया है.
शिल्पकार को सम्मान: इस शिल्पकला से प्रभावित होकर राजस्थान सरकार ने शिल्पकार सुधीर को स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया हुआ है. जो पिछले करीब दो दशक से ज्यादा समय से 3D पेंटिंग बनाने का काम करते आ रहे हैं. फिर उन्होंने स्टोन डस्ट पेंटिंग पर काम किया उसके बाद अब वह स्टोन पेंटिंग पर काम कर रहे हैं. जो पहली बार अंतर्राष्ट्रीय गीता मौसम में स्टोन पेंटिंग लेकर पहुंचे हैं. जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
पेंटिंग्स की हो रही खरीदारी: शिल्पकार सुधीर ने बताया कि समय की मांग के अनुसार पत्थर के चूरे से मूर्तियों के साथ-साथ अब पेंटिंग बनाने का भी कार्य शुरू किया है. अहम पहलू यह है कि इस मुकाम तक पहुंचने में प्रधानमंत्री रोजगार योजना ने अहम भूमिका अदा की है. इस योजना से शिल्पकारों को आर्थिक सहायता मिल पाई और इस आर्थिक सहायता के बल पर ही अपनी मंजिल तक पहुंच पाई है. राजस्थान के अजमेर जिले से शिल्पकार सुधीर ने स्टोन ग्रोइंग की शिल्पकला को रखा है. जो लोगों को काफी आकर्षित कर रही है और लोग उनकी पेंटिंग की खूब खरीदारी कर रहे हैं.
पेंटिंग्स की कीमत: उन्होंने बातचीत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से पिछले 20 सालों से नाता रहा है. यहां की आबोहवा और व्यवस्था उन्हें बेहद पसंद है. इसलिए अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पर्यटकों के लिए कुछ ना कुछ नई शिल्पकला के साथ पहुंचते है. इस वर्ष स्टोन और 5डी पेंटिंग तैयार करके लाए है. इस पेंटिंग को देखने से ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई भी दृश्य एक दम उनके सामने खड़ा हो. इस पेंटिंग को पर्यटक काफी पसंद कर रहे है और इस पेंटिंग की कीमत महज 300 रुपए से 1800 रुपए तय की है.
स्पार्कल वर्क बना लोगों की पसंद: पत्थर के चूरे से मूर्तियां तथा पेंटिंग तैयार करते है. इस शिल्पकला को खूब सराहा गया और सरकार की तरफ से स्टेट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. अब चूरे से पेंटिंग बनाने का कार्य कर रहे है. तथा कैनवस पर भी पेंटिंग तैयार की जा रही है. इसके अलावा 5डी पेंटिंग भी आज के समय की मांग को पूरा करने का काम कर रही है. इस पेंटिंग में स्पार्कल वर्क को भी काफी पसंद किया जा रहा है. अब राजस्थान में उनके साथ 15 महिलाएं जुड़ी है, जो पेंटिंग तैयार करने में मदद करती है. इन पेंटिंग की कीमत 300 रुपए से लेकर 1800 रुपए तक रखी गई है.
भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनी आकर्षण का केंद्र: इस बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में उनके स्टोन वेस्ट से तैयार की गई भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इसकी गुणवत्ता ऐसी है कि अगर इसको पानी में भी डाले तो यहां खराब नहीं होती और इसको आसानी से साफ किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पर्यटक उनके स्टाल पर पहुंच रहे हैं और खूब खरीदारी कर रहे हैं.
एक फोटो तैयार करने में लगता है समय: एक फोटो को तैयार करने में उनका 6 से 10 दिन का समय लगता है. जिस पर कई शिल्पकार काम करते हैं. वह विशेष तौर पर आर्डर पर भी पेंटिंग तैयार करते हैं. जिसकी कीमत उसकी डेकोरेशन के आधार पर होती है. अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के साथ-साथ पूरे देश में सभी राज्यों में उनके सरस और शिल्प मेले में जाते हैं. जिसे उनको काफी सराहना मिलती है.
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