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कवर्धा में शाही अंदाज में मनाया गया दशहरा, नन्हें राम ने किया रावण का वध

कवर्धा में शाही अंदाज में दशहरा मनाया गया. इस दौरान नन्हें राम ने रावण का वध किया.

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

Kawardha little Ram killed Ravana
कवर्धा में शाही अंदाज में मनाया गया दशहरा (ETV Bharat)

कवर्धा: कवर्धा रियासत के राजा योगेश्वर राज सिंह और युवराज मैकलेश्वर राज सिंह, राज महल से राजशाही अंदाज में रथ और बग्गी पर सवार होकर निकले. बैंड-बाजे के साथ निकल कर सभी सरदार पटेल मैदान पहुंचे. यहां नन्हें राम, लक्ष्मण ने रावण का वध किया. फिर शाही रथ पर नगर भ्रमण करने निकले. रावण दहन देखने दूर-दूर से लोग कवर्धा पहुंचे. इस दौरान राजा ने सभी को विजयदशमी की बधाई दी.

शाही दशहरा का इतिहास: जानकारों की मानें तो कवर्धा रियासत के पहले राजा महाराजा महाबली सिंह ने साल 1751 में शाही विजयदशमी का शुरुआत की थी. इसके बाद से ये परम्परा चली आ रही है. 273 साल बाद भी कवर्धा में पुराने अंदाज में ही विजयादशमी मनाया जाता है.

कवर्धा में शाही दशहरा (ETV Bharat)

शाही दशहरा में कुछ ऐसा होता है नजारा: विजयदशमी के दिन कवर्धा रियासत के 12वें राजा योगेश्वर राज सिंह ने अपने बेटे के साथ पहले स्नान किया. उसके बाद राजसी वेषभूषा में पैदल कुल देवी दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे. यहां राजा मां की पूजा-अर्चना की और इसके बाद नगर के प्रमुख राज परिवार के मंदिरों का दर्शन कर आशीर्वाद लिया.

मोती महल में किया शस्त्र पूजन: मंदिर में पूजा करने के बाद राजपरिवार के सदस्यों ने मोती महल में शस्त्र पूजन किया. फिर वापस अपने राजसी वेशभूषा में राजा योगेश्वर राज सिंह और राजकुमार मैकलेश्वर राज सिंह महल के दरबार से निकले. इस दौरान रानी ने शृंगार कर राजा और राजकुमार का तिलक लगाकर मंगल आरती किया. उसके बाद राजा शाही रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करने निकले. इस मौके पर हजारों लोगों की भीड़ राजा के आगे-पीछे नाचते झूमने लगी. भ्रमण कर वापस लौटने के बाद राज महल में दरबार लगा.

आम लोगों के लिए खुलता है महल: विजयदशमी के मौके पर कवर्धा के मोती महल को आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है. आम लोग बिना रोक-टोक मोती महल के अंदर घूमते हैं. महल के सामने बने गार्डन का लुत्फ उठाते हैं.

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कवर्धा: कवर्धा रियासत के राजा योगेश्वर राज सिंह और युवराज मैकलेश्वर राज सिंह, राज महल से राजशाही अंदाज में रथ और बग्गी पर सवार होकर निकले. बैंड-बाजे के साथ निकल कर सभी सरदार पटेल मैदान पहुंचे. यहां नन्हें राम, लक्ष्मण ने रावण का वध किया. फिर शाही रथ पर नगर भ्रमण करने निकले. रावण दहन देखने दूर-दूर से लोग कवर्धा पहुंचे. इस दौरान राजा ने सभी को विजयदशमी की बधाई दी.

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शाही दशहरा में कुछ ऐसा होता है नजारा: विजयदशमी के दिन कवर्धा रियासत के 12वें राजा योगेश्वर राज सिंह ने अपने बेटे के साथ पहले स्नान किया. उसके बाद राजसी वेषभूषा में पैदल कुल देवी दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे. यहां राजा मां की पूजा-अर्चना की और इसके बाद नगर के प्रमुख राज परिवार के मंदिरों का दर्शन कर आशीर्वाद लिया.

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आम लोगों के लिए खुलता है महल: विजयदशमी के मौके पर कवर्धा के मोती महल को आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है. आम लोग बिना रोक-टोक मोती महल के अंदर घूमते हैं. महल के सामने बने गार्डन का लुत्फ उठाते हैं.

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