कोरबा : दशहरा का पर्व, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. दशहरा पर रावण दहन की परंपरा है. कोरबा जिले में भी सीएसईबी वेस्ट के लाल मैदान में विद्युत मंडल के कर्मचारी 110 फीट का रावण बना रहे हैं. हर साल इस मैदान के रावण का पुतला छत्तीसगढ़ के सबसे ऊंचे रावण प्रतिमाओं में से एक होता है. यह न सिर्फ कोरबा बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में खासा लोकप्रिय है.
स्क्रैप मैटेरियल से बना रहा रावण : बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी स्क्रैप मैटेरियल से रावण बना रहे हैं. खास बात यह है कि रावण को टेक्निकल स्वरूप देते हैं, इसलिए यहां का रावण दूसरी जगहों के रावण से कुछ अलग होता है. विद्युत मंडल के कर्मचारी इसे क्रिएटिव टच देते हैं. रावण मुंह से धुआं निकलने के साथ ही अपनी ढाल घूमाता है. रावण ठहाके लगाकर आंखें लाल भी करता है. इस तरह वह प्रभु श्री राम को चुनौती देता है. रामलीला के सांकेतिक मंचन के बाद रावण दहन का कार्यक्रम संपन्न होता है.
सभी के सहयोग से करते हैं रावण का निर्माण : रावण पुतला निर्माण दल के प्रमुख बृजेश कहते हैं, ''बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी स्क्रैप मैटेरियल से रावण के पुतले का निर्माण करते हैं. हर साल हम यहां आने वाले लोगों को कुछ नया अनुभव कराने का प्रयास करते हैं.''
इस वर्ष भी रावण का मुंह से धुआं निकलना और आंखें लाल करने के साथ ही रावण का पुतला खास होगा. पहली बार हम तीन पुतलों का निर्माण कर रहे हैं. क्रिएटिविटी के साथ हम पुतलों का निर्माण करते हैं. : बृजेश विश्वकर्मा, सीएसईबी के कर्मचारी
लाल मैदान में पहली बार तीन पुतलों का निर्माण : लाल मैदान का दशहरा पर्व काफी प्रख्यात है. इस बार ऐसा पहली बार होगा, जब एक साथ तीन पुतलों का निर्माण किया गया है. 10 सर वाले रावण के साथ ही लाल मैदान में मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का भी दहन किया जाएगा.
लाल मैदान का रावण छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पुतलों में से एक है. आसपास के इलाकों में लाल मैदान का दशहरा उत्सव काफी फेमस है. लगभग 50 हजार की भीड़ यहां जुटती है. : योगेश, सीएसईबी के कर्मचारी
110 फीट ऊंचा रावण : रावण की ऊंचाई 110 फीट है. वहीं मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों की ऊंचाई 60 और 65 फीट रखी गई है. समिति के सदस्य अंतिम तैयारी में जुटे हैं. दशहरा के 1 दिन पहले रावण के पुतले को भी खड़ा कर दिया जाएगा. अभी रावण के पुतले को छोड़कर मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों को खड़ा कर दिया गया है. रावण के पुतले का निर्माण भी अंतिम चरण में है.